चण्डीगढ़, 27.03.25- : सेक्टर 27 स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में महामंडलेश्वर स्वामी गिरधर गिरी जी महाराज के सानिध्य में चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस की श्रृंखला में कथा प्रवक्ता आचार्य नारायण दत्त शास्त्री जी महाराज ने श्रीमद् भागवत के ऋषियों द्वारा 6 प्रश्न किए जाने की कथा का वर्णन किया। इसके उत्तर में सूत जी महाराज ने सृष्टि का वर्णन, कर्दम देवहूति की कथा, शांख्यशास्त्र के प्रणेता कपिल भगवान का चरित्र, भगवान शिव पार्वती का विवाह, ध्रुव चरित्र आदि की कथा सुनाई। आचार्य श्री ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पाश्चात्य सभ्यता धीरे-धीरे भारत के परंपरागत रहन-सहन खान एवं लोगों के जीवन में अपना असर डाल रही है व नैतिकता का पतन होता जा रहा है। इसके सुधार के लिए आध्यात्मिक कथा सत्संग व भागवत श्रवण की युवा पीढ़ी को अत्यंत आवश्यकता है।
उन्होंने भागवत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्रीमद् भागवत महापुराण की शरण ग्रहण करने मात्र से जीव के पाप-ताप संताप नष्ट हो जाते हैं। श्रीमद् भागवत संसार का समस्त भय रोग व्याधि व कष्ट तथा प्रेत दोष पितृ दोष की शांति प्रदान करने वाला अनुपम ग्रंथ है।