चंडीगढ़, 11.09.25- चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन की शिक्षा समिति के अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने आज शिक्षा विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में हायर एजुकेशन विभाग के अधिकारी एवं डीपीई हर सुरेंद्र सिंह बराड़ भी उपस्थित रहे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार, गुड गवर्नेंस और बेहतर सिस्टम को लागू करने पर चर्चा करना था।

जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने अधिकारियों से संवाद करते हुए कहा कि शिक्षा केवल किताबों और कक्षाओं तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व निर्माण और उनके जीवन के लक्ष्यों को तय करने की प्रक्रिया भी है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में बच्चों को यह समझाना आवश्यक है कि ‘ऐम’ (Aim) और ‘गोल’ (Goal) में क्या अंतर होता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘एम’ जीवन का व्यापक उद्देश्य होता है जबकि ‘गोल’ उस उद्देश्य तक पहुँचने के छोटे-छोटे पड़ाव या सीढ़ियाँ हैं। इस दृष्टिकोण से बच्चों को अपने जीवन की दिशा तय करने और एक सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिक्षा के क्षेत्र में गुड गवर्नेंस यानी पारदर्शिता, जवाबदेही और परिणाम आधारित कार्यप्रणाली को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि जब शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और सुशासन आएगा तभी विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शिक्षा विभाग का काम पेपरलेस होना चाहिए और अधिकतम प्रक्रियाएं ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से की जानी चाहिए। इससे न केवल पारदर्शिता और समय की बचत होगी बल्कि शिक्षा विभाग के कामकाज में आधुनिकता और प्रभावशीलता भी आएगी।

उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि शिक्षा विभाग को बच्चों की क्षमता और प्रतिभा को पहचानने की दिशा में काम करना चाहिए। बच्चों को केवल अकादमिक पढ़ाई में नहीं बल्कि खेल, कला, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में भी अवसर मिलने चाहिए ताकि उनका समग्र विकास हो सके।

जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने बैठक में यह भी कहा कि शिक्षा का स्तर तभी ऊँचा उठेगा जब स्कूल और कॉलेज प्रशासन, अध्यापक और शिक्षा विभाग के अधिकारी एक साझा जिम्मेदारी के साथ काम करेंगे। इस दिशा में उन्होंने अधिकारियों से नियमित रूप से बैठकें करने और जमीनी स्तर की समस्याओं का समाधान निकालने की अपील की।

बैठक में मौजूद अधिकारियों ने भी शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए अपने विचार रखे और अध्यक्ष द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत किया। सभी ने एक स्वर में यह स्वीकार किया कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस और परिणामकारी कदम उठाने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर मल्होत्रा ने यह विश्वास दिलाया कि आने वाले समय में चंडीगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को पूरे देश में एक मॉडल के रूप में स्थापित किया जाएगा।