बिलासपुर डीसी ऑफिस में सौर ऊर्जा से बदलाव – जहाँ बचत है, वहीं संरक्षण
इस परियोजना का उद्घाटन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया। उपायुक्त राहुल कुमार के अनुसार यह पहल हिमाचल प्रदेश सरकार की उस महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसके तहत प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक भारत का पहला “ग्रीन एनर्जी स्टेट” बनाया जाना है।
BILASPUR,29.09.25-बिलासपुर का उपायुक्त कार्यालय अब केवल प्रशासनिक केंद्र भर नहीं रह गया है, बल्कि हरित ऊर्जा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गया है। हिमाचल प्रदेश का पहला “ग्रीन डीसी ऑफिस” बनने का गौरव इस कार्यालय को प्राप्त हुआ है। यहां 110 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर पावर प्लांट एनटीपीसी के सहयोग से लगभग 70 लाख रूपए की लागत से स्थापित किया गया है। इसके साथ ही पहले से लगाए गए 15 किलोवाट और 5 किलोवाट क्षमता के दो ऑफ-ग्रिड संयंत्र भी इस परिसर में जोड़े गए हैं। अब पूरे डीसी ऑफिस परिसर की कुल सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता लगभग 130 किलोवाट है। इस परियोजना ने न केवल बिजली की अनियमित आपूर्ति की समस्या का समाधान किया है, बल्कि सतत् और आधुनिक प्रशासन के लिए एक नया मानक स्थापित किया है।
कई वर्षों तक कार्यालय परिसर को लो वोल्टेज की समस्या का सामना करना पड़ता था, जिससे विभिन्न विभागों का दैनिक कार्य प्रभावित होता था। पहले उपायुक्त कार्यालय, अतिरिक्त उपायुक्त, सहायक उपायुक्त, जिला राजस्व कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, तहसीलदार और नायब तहसीलदार कार्यालयों को आठ अलग-अलग मीटरों से बिजली मिलती थी, जिससे बिलिंग और खपत प्रबंधन जटिल हो जाता था। अब सोलर पावर प्लांट के लगने के बाद पूरा परिसर एक ही मीटर से संचालित हो रहा है, जिससे प्रणाली सरल हुई है और ऊर्जा दक्षता बढ़ी है।
आर्थिक दृष्टि से भी इस बदलाव का असर उल्लेखनीय है। पहले मासिक बिजली बिल 90,000 से एक लाख रूपए के बीच आता था, जो अब घटकर लगभग 10,000 रूपए रह गया है। इसका मतलब है कि सालाना लगभग आठ लाख रूपए की बचत हो रही है, जिसे अब विकासात्मक परियोजनाओं और प्रशासनिक नवाचारों में लगाया जा सकता है। यह प्लांट प्रतिदिन औसतन 520 यूनिट बिजली का उत्पादन करता है और गर्मियों में अपनी अधिकतम क्षमता से कार्य करता है। सौर पैनलों पर 25 साल की वारंटी है, जबकि इनवर्टर की कम से कम पांच वर्ष की वारंटी है, जिससे दीर्घकालिक स्थिरता और भरोसा सुनिश्चित होता है।
इस परियोजना का उद्घाटन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया। उपायुक्त राहुल कुमार के अनुसार यह पहल हिमाचल प्रदेश सरकार की उस महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसके तहत प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक भारत का पहला “ग्रीन एनर्जी स्टेट” बनाया जाना है। इस योजना के तहत सौर ऊर्जा का विस्तार, इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण और ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र की स्थापना जैसी महत्वपूर्ण पहलें की जा रही हैं। बिलासपुर डीसी ऑफिस इस बड़े लक्ष्य की दिशा में एक ठोस कदम साबित हो रहा है।
इस पहल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केवल लागत में कमी तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्थिक बचत और पर्यावरण संरक्षण का संगम भी है। स्वच्छ ऊर्जा अपनाकर बिलासपुर डीसी ऑफिस ने यह साबित कर दिया है कि सरकारी संस्थान भी सतत विकास के मॉडल प्रस्तुत कर सकते हैं। यह परियोजना अन्य कार्यालयों और संस्थानों को भी अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने और वित्तीय संयम सुनिश्चित करने की दिशा में प्रेरित कर रही है।
बिलासपुर का यह मॉडल यह संदेश देता है कि जहाँ बचत है, वहीं संरक्षण भी है। आज यह कार्यालय न केवल ऊर्जा में आत्मनिर्भर है, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गया है, यह दर्शाते हुए कि संरक्षण और विकास दोनों साथ-साथ संभव हैं।