मंडी, 02 नवंबर, 2025-महिलाओं के सम्मान, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में हिमाचल प्रदेश सरकार निरंतर कदम उठा रही है। विधवा महिलाओं के पुनर्विवाह को प्रोत्साहित करने और उनके पुनर्वास के दृष्टिगत चलाई जा रही विधवा पुनर्विवाह योजना इस दिशा में एक प्रभावी पहल साबित हो रही है।

इस योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश में अनेक महिलाओं को लाभ पहुंचाया गया है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन की मिसाल बन रही हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्ष 2025-26 के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की इस योजना से अनेक परिवारों के जीवन में खुशहाली आई है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत प्रदान की जा रही अनुदान राशि में भी बढ़ोतरी कर इसे दो लाख रुपए किया है। पुनर्विवाह के लिए बोनाफाइड हिमाचली दंपत्ति ही पात्र हैं।

पूरे प्रदेश सहित मंडी जिला की सात पात्र महिलाओं को इस योजना के अंतर्गत सितंबर, 2025 तक दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। यह सहायता राशि उनके पुनर्विवाह के उपरांत आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक पुनर्स्थापन के उद्देश्य से प्रदान की गई है।

लाभार्थियों में शामिल बल्ह उपमंडल के गांव ढाबन की होमावती पत्नी परमजीत सिंह ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना से उन्हें जीवन में नई शुरुआत करने का अवसर मिला है। उन्होंने बताया कि बचपन में पिता का निधन होने के बाद उनकी मां ने मेहनत कर उन्हें शिक्षित किया। स्नातक की पढ़ाई के बाद उन्होंने कंप्यूटर, कटिंग-टेलरिंग और ब्यूटीशियन कोर्स किए और ब्यूटी पार्लर का व्यवसाय शुरू किया।

उन्होंने बताया कि पहले पति के निधन के बाद जब पुनर्विवाह का निर्णय लिया, तब उन्हें इस योजना की जानकारी मिली। आवेदन करने पर उन्हें राज्य सरकार की ओर से दो लाख रुपए की सहायता राशि स्वीकृत हुई, जिसमें से 1.20 लाख रुपए पाँच वर्ष के लिए एफडी के रूप में जमा किए गए और 80 हजार रुपए नकद प्राप्त हुए। इस राशि से उन्होंने अपने ब्यूटी पार्लर के लिए आवश्यक सामग्री खरीदी और आज आत्मनिर्भर जीवन जी रही हैं। उन्होंने सरकार का आभार जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विधवा पुनर्विवाह योजना जैसी पहल हम जैसी महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। इस योजना का लाभ लेकर पात्र महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।

इसी प्रकार गांव सकरोहा की रहने वाली लाभार्थी नीलम कुमारी पत्नी राजकुमार ने बताया कि पहले पति के निधन के बाद पुनर्विवाह करने पर उन्हें इस योजना के तहत दो लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई। इस सहायता से वे अपनी तीन बेटियों की पढ़ाई और जीवन-यापन में योगदान कर पा रही हैं। उन्होंने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है बल्कि उनके आत्मविश्वास और समाज में सम्मानजनक पुनर्स्थापन की दिशा में एक नई सोच का संचार भी कर रही है।