चंडीगढ़, 2 दिसंबर। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि पूर्व गठबंधन सरकार ने हरियाणा के लिए अलग से विधानसभा भवन और सचिवालय बनाने के लिए गंभीरता से कदम उठाए थे और इस योजना के लिए चंडीगढ़ में जमीन लेने को लेकर पंचकुला में जमीन देने पर भी सहमति बन गई थी। अब केंद्र सरकार द्वारा इस योजना पर रोक लगाना हरियाणा के हित में नहीं है और यह मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की बड़ी विफलता है। वे मंगलवार को हरियाणा के विभिन्न जिलों के जनसंपर्क अभियान के दौरान पत्रकारों से रूबरू थे। पूर्व डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि सीएम केवल केंद्र के आगे नतमस्तक हो सकते है, लेकिन केंद्र से हरियाणा को हक दिलाने पर बात नहीं करेंगे। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार को तुरंत केंद्र से अपना हक मांगना चाहिए।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एक तरफ जहां दो बास्केटबॉल खिलाड़ियों की दर्दनाक मौत ने प्रदेश की जर्जर खेल व्यवस्था को उजागर किया है, वहीं एक खिलाड़ी की सरेआम हत्या ने प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था के हालात बयां किए है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों की मौत के बाद अब सरकार नींद से जागी है और समीक्षा करने की बात कह रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकतर खेल स्टेडियम खस्ता हाल में है और खेल उपकरण लगभग खराब हो चुके है, जो कि युवाओं से जुड़ा एक बेहद गंभीर मुद्दा है।

पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने आगे कहा कि एक तरफ जहां हरियाणा के खिलाड़ी ओलंपिक की पदक तालिका में देशभर में आगे रहते है, वहीं दूसरी तरफ उस राज्य की खराब खेल व्यवस्था सरकार पर बड़ा सवाल उठा रही है। उन्होंने कहा कि खेल के लिए जारी होने वाला करोड़ों रुपए का बजट का प्रयोग न होना, खिलाड़ियों के साथ खिलवाड़ है। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामीणों को सात दिसंबर को जुलाना में होने वाले जेजेपी के स्थापना दिवस कार्यक्रम को लेकर न्योता भी दिया।