*खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करें अधिकारी : अमरजीत सिंह
बाबा बालक नाथ मंदिर में ‘भोग’ परियोजना के लिए भी उठाएं त्वरित कदम
जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में उपायुक्त ने दिए निर्देश

हमीरपुर 19 नवंबर। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने खाद्य एवं सुरक्षा विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को जिला के सभी होटल, रेस्तरां, ढाबों, मिठाई की दुकानों, खाद्य सामग्री की अन्य सभी दुकानों, विभिन्न संस्थानों के हॉस्टलों एवं कैंटीन और मिड डे मील इत्यादि में खाने-पीने की सभी सामग्रियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने ये निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जिला के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा बालक नाथ मंदिर में ‘भोग’ परियोजना को पूरी तरह लागू करने के लिए भी सभी अधिकारी त्वरित कदम उठाएं। उपायुक्त ने बताया कि ‘भोग’ परियोजना का मुख्य उद्देश्य पूजा स्थलों को भोजन तैयार करने, परोसने और बेचने में खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना तथा भोजन संचालकों को बुनियादी खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के लिए प्रशिक्षण देना है। इसी के तहत दियोटसिद्ध में भी कर्मचारियों को खाद्य सुरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कार्ड दिए जाएंगे और सर्टिफिकेशन की जाएगी।
अमरजीत सिंह ने कहा कि अगर किसी खाद्य सामग्री की दुकान में गड़बड़ी पाई जाती है या वहां कोई सैंपल फेल होता है तो उसका लाइसेंस तुरंत निलंबित करें तथा अन्य कानूनी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि फील्ड में नियमित रूप से निरीक्षण एवं सैंपलिंग की जानी चाहिए।
इस अवसर पर खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त कमिश्नर अनिल शर्मा ने बताया कि जिला में फूड सेफ्टी एवं स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा खाद्य सामग्री विक्रेताओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस सुविधा प्रदान की जा रही है। विभाग ने 1455 रजिस्ट्रेशन की हैं और इनमें से 1333 लोगों को लाइसेंस दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि जिला हमीरपुर में इस वर्ष 969 रजिस्ट्रेशन हुई हैं, जबकि 220 लाइसेंस इश्यू किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कारोबारियों और आम लोगों को खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए 20 जागरुकता शिविर भी लगाए गए हैं। अनिल शर्मा ने बताया कि इस वर्ष खाद्य सुरक्षा के 25 मामलों में से 23 का निपटारा किया जा चुका है और इन मामलों में दुकानदारों को 1.30 लाख रुपये का जुर्माना भी किया गया है।
बैठक में जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अरविंद शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिल कुमार, जिला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी मधुबाला, अन्य विभागों के अधिकारी, व्यापार मंडल के पदाधिकारी और अन्य कारोबारी भी उपस्थित थे।

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गंदगी फैंकने के कारण सेर बलौणी पेयजल योजना बंद

हमीरपुर 19 नवंबर। उठाऊ पेयजल योजना सेर बलौणी धनेड़-2 के नजदीक किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा सेप्टिक टैंक की गंदगी फैंकने के कारण जल शक्ति विभाग ने इस पेयजल योजना को तुरंत बंद कर दिया है।
जल शक्ति विभाग के उपमंडल हमीरपुर के सहायक अभियंता ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा फैंकी गई गंदगी से उठाऊ पेयजल योजना सेर बलौणी धनेड़-2 का जलस्रोत प्रदूषित हो सकता है। इसलिए, ऐहतियात के तौर पर पेयजल योजना को बंद किया गया है। उन्होंने इस योजना के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों के लोगों से सहयोग की अपील की है।

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दुर्घटना के शिकार लोगों की तुरंत करंे मदद: एसडीएम
हिट एंड रन केस में मौत पर 2 लाख रुपये की मदद का है प्रावधान
एनडीआरएफ ने कुठेड़ा स्कूल में आयोजित किया जागरुकता कार्यक्रम

हमीरपुर 19 नवंबर। एसडीएम हमीरपुर संजीत ठाकुर ने कहा है कि सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों की मदद के लिए हमें तुरंत बेझिझक आगे आना चाहिए। इससे किसी की जान बच सकती है। मंगलवार को नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की 14वीं वाहिनी नूरपुर द्वारा स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग के सहयोग से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुठेड़ा में आयोजित एक जागरुकता कार्यक्रम में एसडीएम ने यह अपील की।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें आपदा से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों और फर्स्ट एड यानि प्राथमिक उपचार की पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए। इससे वे किसी भी तरह की दुर्घटना या अन्य आपात परिस्थितियों में पीड़ित व्यक्ति की तुरंत मदद कर सकते हैं। सड़क दुर्घटनाओं की चर्चा करते हुए एसडीएम ने कहा कि आजकल प्रतिदिन कहीं न कहीं छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इनके शिकार लोगों की मदद के लिए सरकार ने विशेष प्रावधान किए हैं।
उन्होंने बताया कि सड़क पर हिट एंड रन के मामलों में मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये तक की सहायता राशि का प्रावधान है। इसके अलावा अन्य दुर्घटनाओं जैसे ढांक या पेड़ से गिरने, सर्पदंश, पानी में डूबने और अन्य घटनाओं से मौत पर भी चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है। लेकिन, इन मामलों में एफआईआर अवश्य दर्ज करवानी चाहिए तथा मृतक का पोस्टमार्टम भी करवाया जाना चाहिए, ताकि राहत राशि से संबंधित प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जा सके। एसडीएम ने विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन से संबंधित कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी दीं।
इस अवसर पर एनडीआरएफ की 14वीं वाहिनी के बचाव दल के प्रभारी और अन्य सदस्यों ने विद्यार्थियों को आपदा से बचाव और प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी

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हमीरपुर में स्टीवर्ड और हाउसकीपिंग एसोसिएट के साक्षात्कार 22 को

हमीरपुर 19 नवंबर। बद्दी की प्रसिद्ध कंपनी सोडेक्सो इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड स्टीवर्ड और हाउसकीपिंग एसोसिएट के 40 पदों को भरने के लिए 22 नवंबर को सुबह 10 बजे जिला रोजगार कार्यालय हमीरपुर में साक्षात्कार लेगी।
जिला रोजगार अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस साक्षात्कार में मैट्रिक, बारहवीं पास, स्नातक और होटल प्रबंधन में डिप्लोमाधारक 18 से 45 वर्ष तक की आयु के उम्मीदवार भाग ले सकते हैं।
चयनित उम्मीदवारों को बद्दी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, खरड़ और मोहाली में नियुक्त किया जाएगा। उन्हें 11,680 रुपये मासिक वेतन के साथ पीएफ, ईएसआई, अन्य भत्ते एवं बोनस, वर्दी और संयुक्त रूप से रहने एवं खाने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि अगर कोई युवा उपरोक्त योग्यता रखता है और उसका नाम किसी भी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत है तो वह अपने मूल प्रमाण पत्रों तथा हिमाचली प्रमाण पत्र के साथ साक्षात्कार में भाग ले सकता है।
भर्ती के संबंध में अधिक जानकारी के लिए जिला रोजगार कार्यालय के दूरभाष नंबर 01972-222318 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
इच्छुक उम्मीदवार वेब पोर्टल ईईएमआईएस.एचपी.एनआईसी.इन eemis.hp.nic.in पर अपनी लॉग इन आईडी बनाकर स्टीवर्ड और हाउस कीपिंग एसोसिएट के पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।

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प्रारंभिक स्तर पर ही हो कूड़े का पृथक्करण : एडीएम
जिला पर्यावरण योजना में सभी पहलुओं को शामिल करें शहरी निकाय और विभाग
जिला स्तरीय स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक में पर्यावरण से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा

हमीरपुर 19 नवंबर। पर्यावरण संरक्षण, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन और पर्यावरण से संबंधित अन्य मुद्दों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और एनजीटी द्वारा समय-समय पर पारित किए गए आदेशों की अनुपालना तथा जिला पर्यावरण योजना के संबंध में गठित जिला स्तरीय स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक मंगलवार को एडीएम राहुल चौहान की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं सीनियर सिविल जज असलम बेग भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर एडीएम ने बताया कि एनजीटी के निर्देशों के अनुसार जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण योजनाएं बनाई जानी हैं। इसी के तहत राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हमीरपुर के लिए भी जिला पर्यावरण योजना का खाका तैयार किया है। इसमें ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन, बायो मेडिकल और ई-कचरा प्रबंधन, पेयजल गुणवत्ता, नदी-नालों की स्वच्छता, एयर क्वालिटी प्रबंधन तथा प्रदूषण नियंत्रण के अन्य सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।
राहुल चौहान ने कहा कि सभी शहरी निकाय और अन्य संबंधित विभाग इस प्रस्तावित जिला पर्यावरण योजना का अध्ययन करें तथा अपने-अपने विभागों के कार्यों को इसमें शामिल करवाकर आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि सभी शहरी निकाय ठोस एवं तरल कचरे के सही निष्पादन के लिए प्रारंभिक स्तर पर ही कचरे का पृथक्करण सुनिश्चित करें। अगर प्रारंभिक स्तर पर ही विभिन्न प्रकार का कचरा अलग-अलग होगा तो उसका निष्पादन भी सही ढंग से हो पाएगा। एडीएम ने कहा कि अब कचरा ले जाने के लिए अलग-अलग कंटेनरों से युक्त गाड़ियां भी उपलब्ध करवाई गई हैं। प्लास्टिक कचरे के एकत्रीकरण और इसे सीमेंट कारखानों या लोक निर्माण विभाग को भेजने की व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि व्यास और इसकी सहायक नदियों और खड्डों को लेकर भी एनजीटी ने कड़े निर्देश दिए हैं। इनके किनारे स्थित कचरा संयंत्रों और सीवरेज ट्रीटमंेट प्लांटों में सभी आवश्यक प्रबंध होने चाहिए।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव ने कहा कि इस संबंध में उनकी ओर से भी रिपोर्ट प्रेषित की जानी है। इसलिए, उक्त सभी साइटों एवं हॉट स्पॉट्स को प्राथमिकता के आधार साफ करवाएं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने को लेकर भी बैठक में व्यापक चर्चा की गई।
बैठक में जिला पर्यावरण योजना और अन्य मुद्दों के संबंध में विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप मोदगिल ने कहा कि शहरी निकाय और संबंधित विभाग पर्यावरण से संबंधित सभी कार्यों एवं गतिविधियों की सही डॉक्यूमेंटेशन करते हुए पूरा रिकॉर्ड मैंटेन करें, ताकि न्यायालय के समक्ष विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके।