चंडीगढ़, 14 अप्रैल, 2025: हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को भारत रत्न डॉ. बी.आर. अंबेडकर को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता तथा सामाजिक न्याय, समानता और मानवीय गरिमा के लिए अथक योद्धा के रूप में याद किया।

राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि डॉ. अंबेडकर ने हाशिए पर पड़े और शोषितों के अधिकारों की वकालत करके न्यायपूर्ण और समावेशी भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

श्री दत्तात्रेय ने कहा कि एक दूरदर्शी समाज सुधारक, बाबासाहेब ने अपना जीवन अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उनके काम ने एक ऐसे भारत की नींव रखी, जो जाति, पंथ या पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना हर नागरिक को सशक्त बनाने की आकांक्षा रखता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि शिक्षा और रोजगार में भेदभाव के खिलाफ कानूनी सुरक्षा और समानता के मौलिक अधिकार की स्थापना जैसे संवैधानिक प्रावधानों के माध्यम से, डॉ. अंबेडकर ने सुनिश्चित किया कि न्याय और निष्पक्षता के आदर्श हमारे लोकतांत्रिक ढांचे की आधारशिला बनें।

राज्यपाल ने हरियाणा और देश के लोगों से डॉ. अंबेडकर द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करने और दैनिक जीवन में उनकी शिक्षाओं को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जैसा कि हम अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ रहे हैं, आइए हम 2047 तक बाबासाहेब के मूल्यों के आधार पर एक सच्चे समावेशी और विकसित भारत के निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि डॉ. अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके विचारों को कार्य रूप में लागू किया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रगति और समृद्धि का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।