चंडीगढ़, 2 जुलाई,2025- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज नई दिल्ली स्थित तेलंगाना भवन में सिंहवाहिनी श्री महाकाली देवस्थानम, लाल दरवाजा, हैदराबाद द्वारा आयोजित 11वें वार्षिक बोनालू महोत्सव के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने उत्सव में सराहनीय कार्य करने वालों को शाल एवं प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने सिंहवाहिनी श्री महाकाली देवालयम, लाल दरवाजा, हैदराबाद को इस आयोजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी और कहा कि भविष्य में इसी प्रकार देश की राजधानी दिल्ली में बोनालु महोत्सव मनाया जाता रहे ताकि दिल्ली और उत्तर भारत में रहने वाले तेलंगाना के लोग हमेशा अपनी संस्कृति के जुड़े रहे। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि वार्षिक बोनालू महोत्सव नई दिल्ली में मनाया जा रहा है, जो तेलंगाना राज्य की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करता है।
हरियाणा के राज्यपाल ने कहा कि तेलंगाना राज्य में मनाए जाने वाले इस त्योहार में माँ काली की आराधना की जाती है। बोनालू महोत्सव का आयोजन हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास में किया जाता है। इस महोत्सव के पहले और अंतिम दिन माता यल्लम्मा की विशेष पूजा अर्चना करने की परंपरा है।
उन्होंने कहा कि बोनालू उत्सव तेलंगाना की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। जो देश की राजधानी में रह रहे सभी तेलगू भाषी लोगों को जोड़े रखने का एक बेहतरीन उदाहरण है। बोनालू महोत्सव में शामिल होने वाले श्रद्धालु माँ काली को पारंपरिक रूप से तैयार चावल, दूध और गुड़ से बने व्यंजन अर्पित करते हैं। साथ ही माँ काली से बेहतर स्वास्थ्य, समृद्धि और ख़ुशहाली की कामना करते हैं। इस महोत्सव के दौरान भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है। जिसमें पारंपरिक नृत्य, संगीत और ढोल नगाड़ों के साथ महिलायें पारंपरिक पोशाक में मिट्टी या पीतल के बर्तन को सिर पर कलष के रूप में उठाकर माता का आशीर्वाद लेती है।
राज्यपाल ने कहा कि बोनालू उत्सव का आरंभ माता काली को श्रद्वासुमन अर्पित करने के लिये किया जाता है जिसने माता काली से सभी आम जन को भीषण महामारियों से सुरक्षा मिल सके। राज्यपाल ने देवी महाकाली को बंगारू बोनम (स्वर्ण बोनम) अर्पित किया और राष्ट्रीय राजधानी में राज्य की अनूठी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए तेलंगाना सरकार की सराहना की।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय का पारंपरिक दप्पु धुनों और तेलंगाना लोक कला प्रदर्शनों के साथ भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में, श्री बंडारू दत्तात्रेय ने तेलंगाना की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रतिबिंबित करने के लिए बोनालू और बाथुकम्मा जैसे त्योहारों की सराहना की।
समारोह के अनुष्ठानों में बंगारू बोनम, पोथुराजु स्वागत और पारंपरिक पूजा शामिल रहे, जिसके बाद शाम को अंबेडकर ऑडिटोरियम में एक शानदार सांस्कृतिक ग्रैंड फिनाले हुआ। इसमें 150 से अधिक कलाकारों ने तेलंगाना की कला रूपों, संगीत और नृत्य का प्रदर्शन किया। इसके पारंपरिक परिधान में महिलाओं ने बोनम लेकर एक आध्यात्मिक रूप से बेहतर प्रदर्शन किया।