KANGRA, 23.11.25-आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कांगड़ा स्थित धर्मशाला में एक दिवसीय इंटरैक्टिव रोल प्ले प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय
इंटरैक्टिव रोल - प्ले प्रशिक्षण कार्यक्रम में कांगड़ा, चम्बा और ऊना के 19 न्यायिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसमें प्रशिक्षण माननीय सुप्रीम कोर्ट से आये वरिष्ठ प्रशिक्षक श्री यशपाल सिंह दहिया द्वारा दिया गया।

इस अवसर पर श्री चिराग भानू सिंह, माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कांगड़ा स्थित धर्मशाला ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यस्थता एक संरचित प्रक्रिया है जिसमें एक तटस्थ तृतीय पक्ष अर्थात मध्यस्थ किसी विवाद में फंसे लोगों को उनके मतभेदों को सुलझाने में मदद करता है। मूल रूप से मध्यस्थता प्रक्रिया में पांच चरण शामिल होते हैं, पहला मध्यस्थता करनी है या नहीं इसका निर्णय लेना, दूसरा, मध्यस्थता की तैयारी करना, तीसरा, पक्षों द्वारा जानकारी साझा करना, चौथा, समाधान के लिए बातचीत करना और अंत में, मध्यस्थता प्रक्रिया का समापन । मध्यस्थता को प्रभावी बनाने के लिए एक अच्छे मध्यस्थ में निष्पक्षता और तटस्थता, अच्छे संचार कौशल, धैर्य, विश्लेषणात्मक और समस्या समाधान कौशल,
सहानुभूति, दृढ़ता, पक्षों का सम्मान अर्जित करने के लिए सम्मानजनक व्यवहार और सबसे महत्वपूर्ण गोपनीयता जैसे गुण होने चाहिए।