नशा निवारण और सड़क सुरक्षा पर प्रतिबद्ध प्रशासन : उपायुक्त जतिन लाल

डीसी ने ली एन-कॉर्ड व जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें

ऊना, 30 दिसंबर. उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने कहा कि जिले में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम तथा नशे से जुड़ी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को समन्वित एवं सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

वे मंगलवार को डीआरडीए बैठक हाल में राष्ट्रीय नार्को समन्वय पोर्टल (एन-कॉर्ड) के तहत गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति तथा इसके उपरांत आयोजित जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठकों में पुलिस अधीक्षक अमित यादव, जिले के सभी एसडीएम, पुलिस एवं आबकारी विभाग के अधिकारी तथा विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

स्कूलों में प्रतिदिन 'मॉर्निंग प्रेयर' के दौरान दिलाई जाएगी नशा निवारण की प्रतिज्ञा

एन-कॉर्ड बैठक के दौरान उपायुक्त ने नशे के विरुद्ध जागरूकता पर विशेष बल देते हुए कहा कि जिले के सभी स्कूलों में प्रतिदिन मॉर्निंग प्रेयर के दौरान नशा निवारण एवं जागरूकता से संबंधित प्रतिज्ञा दिलाई जाएगी। इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों को एक समान (यूनिफॉर्म) प्रतिज्ञा प्रारूप उपलब्ध करवाया जाएगा।

पंचायतों में गठित नशा निवारण समितियों की सक्रियता पर ज़ोर

जतिन लाल ने जिले की सभी पंचायतों में गठित नशा निवारण समितियों की सक्रियता पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी एसडीएम प्रत्येक माह इन समितियों की बैठकों की कार्यवाही का विवरण अनिवार्य रूप से उपायुक्त कार्यालय को उपलब्ध करवाएं।
उन्होंने बताया कि जिले की सभी 245 ग्राम पंचायतों में नशा निवारण समितियों का गठन किया जा चुका है। इनके माध्यम से नशे के विरुद्ध संगठित एवं निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। चिट्टे को लेकर जिले की 10 संवेदनशील पंचायतों पर विशेष फोकस रखते हुए निगरानी एवं जागरूकता गतिविधियों को और सशक्त किया गया है।

एंटी-चिट्टा अभियान के तहत ऊना में होगी वॉकाथॉन

उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश में चल रहे एंटी-चिट्टा अभियान के तहत आगामी समय में जिले में एक बड़ी जागरूकता पदयात्रा (वॉकाथॉन) आयोजित की जाएगी। इसमें सभी शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ नशा निवारण समितियों, सामाजिक संस्थाओं एवं आम नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का स्पष्ट लक्ष्य नशामुक्त हिमाचल का निर्माण है और इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार चिट्टे के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान चला रही है, जिसमें जनभागीदारी सबसे अहम कड़ी है।

पुलिस को हरसंभव सहयोग सुनिश्चित करें विभाग

उपायुक्त ने कहा कि नशे के विरुद्ध कार्रवाई के दौरान पुलिस विभाग को जिस भी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता हो, सभी संबंधित विभाग समयबद्ध तरीके से सहयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग को शीघ्र ही ड्रग डिटेक्शन किटें उपलब्ध करवाई जाएंगी।
उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि स्कूलों में आयोजित नशा निवारण एवं सड़क सुरक्षा जागरूकता गतिविधियों का मासिक विवरण नियमित रूप से साझा किया जाए।


जनवरी में मनाया जाएगा सड़क सुरक्षा माह

इसके उपरांत आयोजित जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उपायुक्त ने बताया कि जनवरी माह को जिले में सड़क सुरक्षा माह के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान विशेष रूप से जन-जागरूकता गतिविधियों पर जोर दिया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को दुर्घटना संभावित ब्लैक स्पॉट्स की निरंतर पहचान कर वहां आवश्यक सुधार कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही जिले के सभी मुख्य बाजार क्षेत्रों में घोषित नो पार्किंग एवं नो वेंडिंग जोन की नियमित निगरानी करने तथा आमजन की सुविधा के लिए ऐसे स्थानों पर सूचनात्मक बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए।

सड़क सुरक्षा में सख्ती से दिखा सुधार : एसपी

वहीं, बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने बताया कि सड़क सुरक्षा में सख्ती के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। बड़ूही–अम्ब सड़क मार्ग पर, जहां पहले प्रतिदिन कई दुर्घटनाएं होती थीं, वहां बीते एक माह में दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है और दिन के समय दुर्घटनाएं लगभग शून्य हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि यह सुधार बैरिकेडिंग, इंटरसेप्टर वाहनों की तैनाती, पुलिस की निरंतर मौजूदगी तथा कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के कारण संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता अनुसार और संकेतक एवं बैरिकेड्स भी लगाए जाएंगे।

सूचनाएं साझा करें विभाग
पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने कहा कि नशे के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के लिए सभी विभाग पुलिस के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं इंटेलिजेंस एक्सचेंज को मजबूत करें। विशेषकर स्कूलों, कॉलेजों एवं स्वास्थ्य संस्थानों से जुड़े इनपुट इस अभियान में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

इन बैठकों में एसडीएम ऊना अभिषेक मित्तल, एसडीएम हरोली विशाल शर्मा, एसडीएम गगरेट सौमिल गौतम, एसडीएम बंगाणा सोनू गोयल, नगर निगम ऊना के संयुक्त आयुक्त मनोज कुमार, उपनिदेशक उच्च शिक्षा अनिल कुमार एवं उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा सोमलाल, डीएसपी अजय ठाकुर एवं मोहन रावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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उपायुक्त ने किया ईवीएम, वीवीपैट का त्रैमासिक निरीक्षण
ऊना 30 दिसम्बर: आज जिला निर्वाचन अधिकारी (डीसी) ऊना श्री जतिन लाल, आईएएस द्वारा जिला स्तरीय ईवीएम/वीवीपैट वेयरहाउस का त्रैमासिक निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रत्येक तीन माह में अनिवार्य रूप से किया जाता है। आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार इस निरीक्षण के दौरान वेयरहाउस को खोला जाता है तथा उसकी आंतरिक जांच की जाती है।

निरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की उपस्थिति आवश्यक होती है। इसी क्रम में निरीक्षण के समय भारतीय जनता पार्टी एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि मौके पर उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त एसडीएम ऊना, नायब तहसीलदार (निर्वाचन) तथा जिला अग्निशमन अधिकारी भी निरीक्षण के दौरान उपस्थित रहे।

निरीक्षण के दौरान वेयरहाउस की सुरक्षा व्यवस्था, सीलिंग प्रक्रिया, लॉग बुक तथा अभिलेखों की गहन जांच की गई। संपूर्ण निरीक्षण प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार शांतिपूर्ण, पारदर्शी एवं संतोषजनक ढंग से सम्पन्न हुई।
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उपायुक्त ने जातीय भेदभाव और दिव्यांग संरक्षण पर गठित समितियों की ली बैठकें

एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम व राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के क्रियान्वयन की समीक्षा की
ऊना, 30 दिसम्बर - उपायुक्त, जतिन लाल की अध्यक्षता में आज अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम और दिव्यांग संरक्षण पर गठित दो समितियों की बैठकें आयोजित की गईं। उन्होंने एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम और राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए सम्बंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई और परस्पर समन्वय के निर्देश दिए।
पहली बैठक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत गठित ज़िला सर्तकता एवं प्रबोधन समिति की आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जातिगत भेदभाव को रोकना और पीड़ितों को न्याय व राहत उपलब्ध करवाना है। उन्होंने इस अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी मामलों की जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत सजा दिलाने के साथ-साथ पीड़ित लोगों को कानूनी संरक्षण और पुनर्वास राहत राशि विभिन्न धाराओं के तहत एक लाख रुपये से 8 लाख 25 हजार रुपये तक की धनराशि देने का प्रावधान है। इस राशि की प्रथम किस्त एफआईआर दर्ज होने पर, दूसरी किस्त मामला न्यायालय में प्रस्तुत होने पर और शेष राशि का भुगतान फैसला आने पर किया जाता है।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे मामलों की प्रगति पर सतत निगरानी रखें ताकि पीड़ितों को समय पर राहत और न्याय मिल सके।
दूसरी बैठक, राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय स्थानीय समिति की थी, जिसमें ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहु-दिव्यांगता से पीड़ित व्यक्तियों के विधिक संरक्षण पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि इस अधिनियम के तहत 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद संबंधित व्यक्तियों के लिए स्थायी या सीमित अवधि के विधिक संरक्षक नियुक्त किए जाते हैं। 30 दिसम्बर, 2025 तक जिला में 113 स्थायी विधिक संरक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं।
उपायुक्त ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे दोनों अधिनियमों के तहत निर्धारित प्रावधानों का गंभीरता से पालन करें और पीड़ितों व दिव्यांगजनों को त्वरित राहत और विधिक संरक्षण उपलब्ध करवाने में कोई ढिलाई न बरतें।
बैठक में जिला कल्याण अधिकारी आवास पंडित, प्रेम आश्रम ऊना की प्रधानाचार्या सिस्टर संजना, सिस्टर आशा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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ऊना जिले में 31 दिसंबर को रात्रि 12 बजे तक ही खुले रह सकेंगे शराब लाइसेंसी प्रतिष्ठान
ऊना, 30 दिसंबर. ऊना जिले में 31 दिसंबर को शराब लाइसेंसी प्रतिष्ठानों को दी गई विशेष छूट में आंशिक संशोधन किया गया है। अब जिले में स्थित बार, क्लब, पब एवं रेस्टोरेंट सहित सभी शराब परोसने वाले प्रतिष्ठान 31 दिसंबर 2025 की मध्यरात्रि 12 बजे तक ही खुले रखे जा सकेंगे। इससे पूर्व यह विशेष छूट देर रात्रि 1 बजे तक प्रदान की गई थी।
जिला दंडाधिकारी ऊना जतिन लाल द्वारा जारी कैरिजेंडम के अनुसार पूर्व में जारी आदेशों में यह संशोधन किया गया है। आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि शराब लाइसेंसी प्रतिष्ठानों के लिए यह विशेष छूट केवल 31 दिसंबर 2025 की मध्यरात्रि तक ही मान्य होगी। हालांकि, भोजन परोसने वाले अन्य सभी प्रतिष्ठान 31 दिसंबर को देर रात्रि 1 बजे तक खुले रह सकेंगे।
आदेशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 1 जनवरी, 2026 से पूर्ववत व्यवस्था पुनः लागू रहेगी तथा शराब लाइसेंसी प्रतिष्ठानों को रात्रि 10 बजे बंद करने समेत पूर्व आदेश की सभी शर्तें एवं प्रावधान यथावत प्रभावी होंगे।

जिला दंडाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों, प्राधिकरणों एवं लाइसेंसधारकों को आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आदेशों की अवहेलना की स्थिति में संबंधित अधिनियमों एवं नियमों के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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एसी समुदाय की शिकायतों का शीघ्र, निष्पक्ष और संवेदनशीलता से निपटारा हो: कुलदीप कुमार धीमान
एससी आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने ऊना में पुलिस प्रशासन के साथ की महत्वपूर्ण बैठक
ऊना 30 दिसम्बर: हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान की अध्यक्षता में ऊना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर पुलिस प्रशासन ऊना के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित वर्ग के लोगों को न्याय दिलाना व उनकी शिकायतों का समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित करना रहा।
बैठक में अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने पुलिस प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति के लोगों से संबंधित जो भी शिकायतें पुलिस के पास प्राप्त हों, उनका शीघ्र, निष्पक्ष और संवेदनशीलता के साथ निपटारा किया जाए। साथ ही ऐसी सभी शिकायतों की नियमित जानकारी एससी आयोग को भी उपलब्ध करवाई जाए, ताकि मामलों की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की जा सके।
श्री धीमान ने कहा कि अनुसूचित जाति आयोग दलित परिवारों के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित है और उनके अधिकारों व हितों की रक्षा करना आयोग का प्रमुख दायित्व है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा एससी आयोग का कार्यालय ऊना में स्थापित किया गया है, जिससे अब ऊना जिला ही नहीं बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश के अनुसूचित वर्ग के लोगों को और अधिक प्रभावी ढंग से सहायता प्रदान की जा सकेगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति को किसी भी स्तर पर असुविधा न हो और न्याय में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। प्रशासन को इस दिशा में तत्परता के साथ-साथ संवेदनशील होकर कार्य करना होगा।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ऊना अमित यादव ने आयोग को आश्वस्त किया कि पुलिस प्रशासन ऊना, एससी आयोग के साथ पूर्ण समन्वय बनाकर कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति से संबंधित मामलों में त्वरित कार्रवाई, पीड़ितों को न्याय और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, ताकि किसी भी वर्ग के व्यक्ति को असहज स्थिति का सामना न करना पड़े।
बैठक में एससी आयोग के सदस्य दिगविजय मल्होत्रा, विजय डोगरा, सदस्य सचिव विनय मोदी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भाटिया, डीएसपी ऊना अजय ठाकुर तथा डीएसपी अम्ब अनिल पटियाल भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन और पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाने के लिए आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
बैठक के अंत में अध्यक्ष ने कहा कि आयोग और प्रशासन मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि अनुसूचित वर्ग के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों का पूरा लाभ मिले और हिमाचल प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं समरसता की भावना और अधिक सुदृढ़ हो।
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