ग़रीब बच्चियों का संबल बना ‘सामर्थ्य’ कार्यक्रम....बच्चियों के सपने हो रहे साकार
ऊना, 23 अप्रैल। ऊना प्रशासन द्वारा संचालित किया जा रहा सामर्थ्य सामर्थ्य कार्यक्रम ग़रीब परिवारों की बच्चियों के लिए संबल बनकर उभरा है। इससे जहां बच्चियों के शिक्षा के सपने साकार होकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर भी बन रही हैं। उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि जिला में अब तक 24 गरीब परिवारों की बच्चियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए 5,86,730 रूपये की आर्थिक मदद प्रदान की जा चुकी है। इस योजना का उद्देश्य न केवल आर्थिक रूप से पिछड़े तबके की बच्चियों को शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करना है, बल्कि उनके भीतर आत्मविश्वास और स्वावलंबन की भावना भी पैदा करना है।
उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि सामर्थ्य योजना के तहत निर्धन परिवारों की बच्चियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, एवं कौशल विकास से जुड़ी कई सुविधाएँ निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं। आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ चुकी बच्चियां योजना से लाभान्वित होकर अपनी उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल समाज के कमजोर वर्ग को मुख्यधारा में लाने का एक प्रभावशाली माध्यम बनी है।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत लाभ पाने की पात्रता उन लड़कियों के लिए है जिनके पिता का निधन हो चुका है या जो 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हैं। इसके अलावा, प्रार्थी का बारहवीं के बाद किसी संस्थान में उच्चतर शिक्षा के लिए दाखिला हुआ होना चाहिए, और उनके परिवार की वार्षिक आय 50 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह भी शर्त है कि उन्होंने किसी अन्य योजना का लाभ न लिया हो। लाभार्थी ऊना जिले की स्थाई निवासी होनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए उपायुक्त कार्यालय के कमरा नंबर 406 में संपर्क किया जा सकता है।