चंडीगढ़. 30 नवंबर,2014-उत्तरी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र और यूटी कला एवं संस्कृति विभाग चंडीगढ़ के संयुक्त प्रयास से चल रहे 14वें चंडीगढ़ राष्ट्रीय शिल्प मेले में दूसरे दिन भी भारी भीड़ उमड़ी।
दस दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव में देश के विभिन्न राज्यों के लोकगीत व लोकनृत्यों के अलावा लोक कलाकारों द्वारा मंच और मैदान पर आकर्षक प्रस्तुतियां भी दी गईं। बच्चों के लिए सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया, जिसमें स्कूली छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
मेले में कलाप्रेमियों ने विभिन्न क्षेत्रों के लोक नृत्यों और लोक गीतों सहित विभिन्न प्रकार की प्रस्तुतियों का आनंद लिया, जो पूरे दिन जारी रहा। पारंपरिक परिधानों में सजे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और अन्य स्थानों से आए कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते हुए भारत की समृद्ध और समग्र सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश की।
मेले में मैदान पर प्रदर्शन करने वालों में बीन जोगी, नचार, नगाड़ा वादक, काछी घोड़ी कलाकार शामिल थे, जिन्होंने पूरे दिन मेले में आने वाले लोगों को मंत्रमुग्ध किया। धूप वाले दिन बच्चों ने ऊंट की सवारी का भरपूर आनंद लिया।
मेले में आने वाले लोगों के लिए हेरिटेज स्ट्रीट और पंजाब की संस्कृति को दिखाता एक कोना पसंदीदा जगह रही। यहां सभी को पंजाब और उसके हेरिटेज की विरासत देखने का मौका मिला। उन्होंने इस क्षण को अमर बनाने के लिए सेल्फी भी ली।
यहां आए स्टॉल मालिक खुश दिखे, क्योंकि उनका कारोबार बढ़िया चल रहा था। सबसे ज्यादा मांग जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊनी कपड़ों के स्टॉल की रही, जहां हर तरह के कपड़े बिक रहे थे। रेडीमेड कपड़ों, क्रॉकरी, कालीन और आर्टिफिशियल ज्वैलरी के स्टॉल पर भी खरीदारों की उतनी ही भीड़ देखी गई।
खाने के शौकीनों के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, गुजरात, दिल्ली और अन्य राज्यों के व्यंजनों और पाककला की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। मीठे के शौकीनों में गुहाना (हरियाणा) का जलेब सबसे पसंदीदा रहा।
शाम के मुख्य कलाकार पंजाबी गायक गुरनाम भुल्लर थे, जिन्होंने अपने हिट गानों से दर्शकों का मन मोह लिया। गुरनाम युवा दिलों की धड़कन हैं। वे खुद भी मेले में गाना पसंद करते हैं और उनकी सफलता के पीछे माता-पिता का बड़ा योगदान है। वे अपनी गायकी और सफलता का श्रेय उन्हें ही देते हैं।
1 दिसंबर को ये रहेगा खास:
}पद्मश्री सुरेश वाडेकर और उनकी पत्नी पद्मा वाडेकर अपना लाइव परफॉर्मेंस देंगे।
}मेला 8 दिसंबर तक चलेगा