चण्डीगढ़, 04.05.24- : सेक्टर 20 स्थित प्राचीन श्री गुग्गा माड़ी हनुमान मन्दिर के सामने रामलीला मैदान में आयोजित श्रीमद् रामचरितमानस (रामायण) रामकथा दिव्य महोत्सव के चौथे दिन कथा व्यास विश्वविख्यात सन्त रमेश भाई शुक्ला ने प्रवचन के दौरान कहा कि हौसले से सभी कार्य निपटाए जा सकते हैं। यदि फिर भी दुख दूर नहीं होते हैं तो विद्वानों और संतों की शरण में जाना चाहिए। समस्या का समाधान अवश्य मिलेगा। यदि ईश्वर का सानिध्य प्राप्त हो जाए तो व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं। ईश्वर की कृपा हर घड़ी प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि ताड़का क्रोध का प्रतीक है जबकि अहिल्या काम का। ताड़का अपराधी है जबकि अहिल्या रोगी। अहिल्या पाप होने पर पश्चाताप करती है। रोगी का सदा इलाज किया जाता है, जबकि अपराधी को सजा दी जाती है।