बीजेपी सरकार ने हरियाणा की आर्थिक स्थिति कर दी है बेहद खराब, प्रदेश कंगाली की राह पर: अभय सिंह चौटाला
बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार पूरे चरम पर है और विकास के नाम पर जमकर सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है: अभय सिंह चौटाला
मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 तक हरियाणा की बीजेपी सरकार 18700 करोड़ रूपए का कर्ज ले चुकी है, वहीं अब जनवरी से मार्च तक तीन महीनों के लिए 23500 करोड़ रूपए का और कर्ज लिया है
कुल मिलाकर 2024-25 वित्तीय वर्ष में 42200 करोड़ रूपए का कर्ज हरियाणा की जनता पर थोप दिया है
कर्ज और जीएसडीपी का अनुपात बेहद चिंताजनक है जो कि 40 प्रतिशत से भी अधिक हो गया है
चंडीगढ़, 28 जनवरी। इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव चौ. अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है और प्रदेश कंगाली की राह पर है। मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 तक हरियाणा की बीजेपी सरकार 18700 करोड़ रूपए का कर्ज ले चुकी है। वहीं अब जनवरी से मार्च तक तीन महीनों के लिए 23500 करोड़ रूपए का और कर्ज लिया है। कुल मिलाकर 2024-25 वित्तीय वर्ष में 42200 करोड़ रूपए का कर्ज हरियाणा की जनता पर थोप दिया है। साफ है कि बीजेपी सरकार आने वाले समय में हरियाणा प्रदेश की जनता पर टैक्स की और ज्यादा मार मारेगी। पहले ही लोग भारी भरकम टैक्स से परेशान हैं। अब महंगाई इतनी अधिक बढ़ चुकी है कि आमदनी कम है और खर्चे बहुत ज्यादा हैं ऐसे में और ज्यादा टैक्स की मार जनता झेल नहीं पाएगी।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इनेलो के राज में सबसे कम कर्ज लिया गया और गांव और शहरों का विकास किया गया। इनेलो के राज में अस्पताल, स्कूल, सडक़ें, सरकारी बिल्डिंग, नए स्टेडियम, थर्मल प्लांट, मानेसर इंडस्ट्रियल एरिया समेत सभी शहरों के बीचों बीच ताऊ देवीलाल टाऊन पार्क बनाए और मारूति और होंडा जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों के मैनुफैक्चरिंग के प्लांट लगवाए जिससे हरियाणा का तेजी से विकास हुआ। 2005 तक हरियाणा पर कुल कर्ज 23000 करोड़ रूपए था। उसके बाद भूपेंद्र हुड्डा की कांग्रेस सरकार के दस साल के शासन में यह कर्ज बढक़र करीब 70 हजार करोड़ रूपए हो गया था और विकास जीरो किया। अब बीजेपी को दस साल शासन करते हो गए हैं और इन दस सालों में कर्ज बढक़र लगभग 4 लाख करोड़ रूपए हो गया है। दस सालों में 3 लाख करोड़ रूपए से उपर कर्ज लिया और विकास के नाम पर एक ईंट भी कहीं नहीं लगी है। बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार पूरे चरम पर है और विकास के नाम पर जमकर सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है। कर्ज और जीएसडीपी का अनुपात बेहद चिंताजनक है जो कि 40 प्रतिशत से भी अधिक हो गया है।