उपायुक्त ने ईसपुर में प्रस्तावित नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र का किया निरीक्षण
ऊना, 19 फरवरी . उपायुक्त जतिन लाल ने बुधवार को ईसपुर का दौरा कर वहां प्रस्तावित नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र के भवन का निरीक्षण किया। यह केंद्र 50 बिस्तरों की सुविधा के साथ स्थापित किया जाएगा और इसका संचालन गुजन संस्था द्वारा किया जाएगा। केंद्र को वहां उपलब्ध सरकारी भवन में खोला जाएगा, जो पूर्व में वन विभाग के उपयोग में था।
उपायुक्त ने एसडीएम को भवन में आवश्यक मरम्मत एवं सुधार कार्यों के लिए प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस केंद्र में योग, बैडमिंटन, वॉलीबॉल जैसे खेलों के साथ-साथ गार्डनिंग और खेती जैसी रचनात्मक गतिविधियों की सुविधाएं विकसित करने पर जोर दिया, ताकि यहां उपचाराधीन लोग सक्रिय और सकारात्मक वातावरण में रहें तथा उनकी पुनर्वास प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो सके।
उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि यह केंद्र नशे के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुनर्वास के साथ-साथ हमारा उद्देश्य प्रभावित लोगों को एक सकारात्मक वातावरण देना है, जिससे वे अपने जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें। इसके लिए केंद्र में योग, खेल और कौशल विकास से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
इसके उपरांत, उपायुक्त ने ईसपुर में जनसमस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ सड़क पर पानी निकासी की समस्या और बिजली के खंभों से लटकते तारों का निरीक्षण किया तथा एसडीएम को शीघ्र सुधार कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रणजीत राणा, एसडीएम हरोली विशाल शर्मा, जिला कल्याण अधिकारी अनीता शर्मा, जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव एवं सीपीओ संजय सांख्यान, गुजन संस्था के प्रतिनिधि डॉ. बलदेव डोगरा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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उपायुक्त ने गौवंश अभ्यारण्य के लिए चयनित भूमि का किया निरीक्षण
ऊना, 19 फरवरी. उपायुक्त जतिन लाल ने बुधवार को ग्राम पंचायत नगनोली का दौरा कर प्रस्तावित गौवंश अभ्यारण्य के लिए चयनित भूमि का निरीक्षण किया। नगनोली के लबाना माजरा में 397 कनाल भूमि चिन्हित की गई है, जहां लगभग 4.50 करोड़ रुपये की लागत से गौवंश अभ्यारण्य का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के पहले चरण के लिए सरकार से 2.75 करोड़ रुपये की धनराशि की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
जतिन लाल ने बताया कि गौवंश अभ्यारण्य के पूर्ण निर्माण के बाद इसमें 500 गौवंश के रहने की व्यवस्था होगी। यहां 6 शेड बनाए जाएंगे, जिनमें से 5 शेड गौवंश के लिए तथा एक शेड चारे के लिए होगा। इसके अतिरिक्त, फार्मासिस्ट रेजिडेंस के निर्माण के साथ अन्य सुविधाओं का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे अभ्यारण्य का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
उपायुक्त ने जानकारी दी कि गौवंश अभ्यारण्य के निर्माण के लिए भूमि को पशुपालन विभाग के नाम हस्तांतरित किया जा चुका है तथा वन विभाग से आवश्यक स्वीकृतियां भी प्राप्त की जा चुकी हैं। वर्तमान में सीमांकन का कार्य प्रगति पर है। उपायुक्त ने अधिकारियों को इसे 20 मार्च तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीमांकन कार्य पूर्ण होते ही एचपीएसआईडीसी के माध्यम से तारबंदी का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणजीत राणा, एसडीएम हरोली विशाल शर्मा, ग्राम पंचायत नगनोली के प्रधान मेहताब ठाकुर, एचपीएसआईडीसी के अधिशासी अभियंता सुरेंद्र कतना, पशुपालन विभाग की डॉ. स्मृति, वन विभाग से अशोक कुमार सहित अन्य अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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नवाचार और उद्यमिता पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम हेतु ट्रिपल आईटी ऊना चयनित
ऊना, 19 फरवरी। शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (एमआईसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने नवाचार और उद्यमिता पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) आयोजित करने के लिए देश के 50 संस्थानों का चयन किया है। इनमें भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) ऊना को शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस पहल का प्रस्ताव डिव्यांश ठाकुर, एसोसिएट फैकल्टी सदस्य, और डॉ. शिवदत्त शर्मा, सहायक प्रोफेसर द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिन्होंने शिक्षा जगत में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के अपने विजन को प्रदर्शित किया। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप, आईआईआईटी ऊना को एफडीपी आयोजित करने के लिए मंत्रालय द्वारा धनराशि प्रदान की गई है। यह कार्यक्रम फैकल्टी सदस्यों को युवा नवप्रवर्तकों और उद्यमियों को मार्गदर्शन देने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने का लक्ष्य रखता है।

ट्रिपल आईटी ऊना के निदेशक, मनीष गौर ने बताया कि यह उपलब्धि आईआईआईटी ऊना के क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। एफडीपी फैकल्टी सदस्यों को छात्रों के विचारों को प्रभावशाली उद्यमों में बदलने के लिए मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी जिससे भारत के बढ़ते उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान मिलेगा। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के एकमात्र संस्थान के रूप में इस प्रतिष्ठित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम को आयोजित करने के लिए चुने जाने पर गर्व है। एफडीपी न केवल हमारे फैकल्टी सदस्यों के कौशल को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें अगली पीढ़ी के नवप्रवर्तकों और उद्यमियों को प्रशिक्षित करने के लिए सशक्त भी करेगा। हम शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और एआईसीटीई के प्रति आभारी हैं और इस पहल को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि एफडीपी सत्रों की तैयारी चल रही है, और आईआईआईटी ऊना प्रतिभागियों के लिए एक परिवर्तनकारी शिक्षण अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार है। ट्रिपल आईटी संस्थान ऊना नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के राष्ट्रीय एजेंडे में महत्वपूर्ण योगदान देने और शैक्षणिक उत्कृष्टता और तकनीकी प्रगति का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है।
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पंजावर-बाथड़ी रोड़ पर वाहनों की आवाजाही 12 दिनों के लिए बंद
ऊना, 19 फरवरी। पंजावर-बाथड़ी सड़क 23/0 से 28/0 किलोमीटर रोड़ तक के भाग पर वाहनों की आवाजाही 20 फरवरी से 3 मार्च 2025 तक बंद रहेगी। इस अवधि के दौरान यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ा जाएगा। उपायुक्त एवं जिला दंडाधिकारी जतिन लाल ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 और 116 के तहत इस संदर्भ में आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि यह आदेश सड़क मार्ग पर सीमेंट उपचारित परत बिछाने के अपग्रडेशन कार्य को त्वरित और सुचारू रूप से करने को लेकर जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वाहनों के आवागमन के लिए यातायात को सम्पर्क मार्ग सुबोवाना से लोअर हरोली और लिंक रोड़ से लोअर भदौड़ी रोड पर मोड़ा गया है।
उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को सड़क बंद करने को लेकर जनता को सूचित करने और मार्ग परिवर्तन की जानकारी देने के लिए अग्रिम बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं।