शिमला:13.03.25- हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने प्रदेश तथा देशवासियों को होली की बधाई देते हुए कहा कि होली भारत का एक अत्यंत प्राचीन पर्व है जो होली, होलिका या होलाका के नाम से जाना जाता है। बसंत ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला रंगों का यह त्यौहार बसंतोत्सव और काम- महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। पहले दिन को होलिका जलायी जाती है जिसे होलिका दहन भी कहते हैं। दूसरे दिन जिसे प्रमुखत: धुलेंडी व धुरहड़ी, धुरखेल या धूलिवंदन इसके अन्य नाम हैं लोग एक- दूसरे पर रंग अबीर – गुलाल इत्यादि फैंकते हैं तथा ढोल बजाकर होली के गीत गाते व एक – दूसरे को मिठाईयाँ भी बांटते हैं। राग – रंग का यह लोकप्रिय पर्व बसंत का संदेशवाहक भी हैं।
कुलदीप सिंह पठानियां ने कहा कि देवभूमि हिमाचल मेलों व त्यौहारों का प्रदेश है जिसके कारण हमारा प्रदेश देश – विदेश में विख्यात है । मेले एवं त्यौहर हमारी समृद्व सांस्कृतिक विरासत के द्योतक हैं जो न केवल पारस्परिक सौहार्द को बढ़ाते हैं अपतिु क्षेत्र विशेष की संस्कृति के प्रचार व प्रसार मे भी सहायता करते हैं। राष्ट्र स्तरीय, राज्य स्तरीय होली मेला विगत कई वर्षों से मनाया जा रहा है तथा इसकी अपनी एक अलग ही पहचान हे । उन्होने कहा कि मैं ईश्वर से यही कामना करता हूँ कि होली का त्यौहार सभी देश व प्रदेशवासियों के जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आए।
(हरदयाल भारद्वाज)
संयुक्त निदेशक एवं मुख्य प्रवक्ता,
हि0प्र0 विधान सभा।