SHIMLA, 21.01.25-मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने आज यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने हाल ही मेें अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण किए हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान राज्य सरकार ने आर्थिक, प्राकृतिक और राजनीतिक मोर्चों पर तीन गम्भीर चुनौतियों का मजबूती से सामना किया। इसके बावजूद राज्य सरकार ने प्रदेश के विकास व जन कल्याण के लिए निरन्तर कार्य किए हैं और दो वर्ष का कार्यकाल उपलब्धियों से परिपूर्ण हैं। सरकार द्वारा किए गए विकासात्मक कार्यों और कल्याणकारी नीतियों से जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में दो वार्षिक बजट प्रस्तुत किए हैं जो कि प्रदेश को विकसित एवं आत्मनिर्भर बनाते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण पर केन्द्रित रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व से चली आ रही असंतोषजनक कार्यप्रणाली ने आमूल-चूल बदलाव करते हुए मुख्यमंत्री ने शासन प्रक्रिया में व्यवस्था परिवर्तन को अपनाया है। इसी का प्रतिफल है कि आज हिमाचल हर क्षेत्र में तीव्र गति से उत्तरोत्तर पथ पर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार हिमाचल पर 75,000 करोड़ रुपये का कर्ज तथा लगभग 10,000 करोड़ रुपये के करीब की देनदारियों का बोझ छोड़कर गई। ऐसी विकट वित्तीय स्थिति में किसी भी सरकार के लिए योजनाओं को जमीन पर उतारने में कठिनाई होती है। उन्होंने कहा कि राज्य का खजाना खाली होने के बावजूद मुख्यमंत्री के कुशल वित्तीय प्रबंधन और संसाधन सृजन के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति में आशातीत सुधार हुए हैं। नई आबकारी नीति, शराब के ठेकों की नीलामी तथा अन्य प्रयासों से राज्य को लगभग 2700 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम तथा विद्युत बोर्ड के प्रबंधन में दक्षता लाकर इन्हें घाटे से उबारकर आत्मनिभर््ार बनाया जा रहा है। एचआरटीसी के बेड़े मेें लगभग 300 इलैक्ट्रिक बसें शामिल की जा रही हैं। इलैक्ट्रिक बसंे आने पर निगम का बसों पर प्रति किलोमीटर का खर्च पांच से सात रुपये हो जाएगा, जो कि निगम को आत्मनिर्भर बनाने में निर्णायक सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हुए इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आय के अतिरिक्त स्रोत सृजन करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। गाय के दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को 13 रुपये की ऐतिहासिक वृद्धि के साथ 45 रुपये प्रतिलीटर तथा भैंस के दूध पर 8 रुपये की ऐतिहासिक वृद्धि कर 55 रुपये प्रतिलीटर की दर से खरीदा जा रहा है। दूरस्थ गांवों में भी दूध खरीद केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं जिसके की दूध खरीद में इजाफा देखने को मिला है। प्रतिदिन औसतन 2 लाख लीटर दूध की खरीद की जा रही है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आने वाले वर्षों में 500 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा दोहन का लक्ष्य हासिल करने की दृष्टि से प्रदेशभर में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र का भी आधुनिक दौर की आवश्यकतानुसार कायाकल्प किया जा रहा है ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार और आत्मविश्वास से पूर्ण हों। सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी राजकीय डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं। सभी सरकारी विद्यालयों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई की सुविधा आरम्भ हो चुकी है।
उन्होंने विपक्ष पर प्रदेश के विकास में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह राज्य सरकार की जनकल्याण नीतियों और कार्यक्रमों में अड़चन डालने के बजाए विपक्ष की सकारात्मक भूमिका को जिम्मेदारी से निभाएं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के 5 वर्षों में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ जबकि कानून व्यवस्था को हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय नशा माफिया प्रदेश में इस कदर पनपा की आज गांव-गांव में इसकी जड़ें पहुंच चुकी हैं। पूर्व की सरकार ने नशा माफिया को संरक्षण और प्रोत्साहन देने का कार्य किया तथा उन्हें खुले में कारोबार करने का मौका दिया। उन्होंने प्रदेश के सांसदों से भी सवाल किया कि वह बताए कि हिमाचल के लिए कौन-कौन सी परियोजनाएं वह केंद्र से लाए हैं तथा संसद में हिमाचल के हितों में क्या-क्या मुद्दे उठाए हैं।
उन्होेंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार दो वर्ष के भीतर राज्य में मादक पदार्थों व ड्रगज की समस्या को समाप्त करेगी ताकि युवाओं का भविष्य सुरक्षित व स्वस्थ हो। इसमें सरकार के साथ-साथ अभिभावकों, स्कूलों, समाज तथा पुलिस का सहयोग महत्वपूर्ण रहेगा। उन्होंने कहा कि चाहे शराब माफिया हो या खनन माफिया, प्रश्न पत्र लीक हो या हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग की धांधलियों का मामला, भाजपा के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर था और सत्ता पक्ष के संरक्षण में फल फूल रहा था।