धर्मशाला:18.12.24- हिमाचल प्रदेश विधान सभा तपोवन आज से ई- विधान प्रणाली छोड़कर राष्ट्रीय ई- विधान ऐप्लिकेशन (नेवा) पर माईग्रेट हो गई है। यह बात कुलदीप सिंह पठानियां ने तपोवन विधान सभा में सदन में मौजूद सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कही इस अवसर पर हि0प्र0 के मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू तथा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर विधान सभा अध्यक्ष के आसन के दाँयी तथा बाँयी ओर बैठे थे। आज पूर्वाह्न 11:00 बजे विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने सदन में अपना आसन ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू तथा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को अपने आसन के पास स्थान ग्रहण करने का आग्रह किया तथा हि0प्र0 विधान सभा तपोवन धर्मशाला में राष्ट्रीय ई- विधान ऐप्लिकेशन (नेवा) की व्यवस्था का शुभारम्भ करने का मार्ग प्रशस्त किया। इस दौरान सदन में मौजूद माननीय सदस्यों को सम्बोधित करते हुए पठानियां ने कहा कि ई- विधान प्रणाली का शुभारम्भ 4 अगस्त, 2014 को प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ0 यशवन्त सिंह परमार के जन्मोत्सव पर तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल की उपस्थिती में किया गया था। पठानियां ने कहा कि हिमाचल ई- विधान मॉडल की देश – दुनियां में प्रशंसा हुई थी तथा भारत सरकार के तत्कालीन इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रोद्योगिकी विभाग की ओर से इसकी स्थापना के लिए ₹ 8.12 करोड़ की राशी स्वीकृत हुई थी। पठानियां ने कहा कि ई- विधान प्रणाली उच्च तकनीक युक्त पर्यावरण मित्र तथा कागज रहित प्रणाली थी जिसकी वजह से हजारों वृक्षों का प्रतिवर्ष कटान रूका था तथा वहीं कार्य में तीव्रता, दक्षता व पारदर्शिता आई थी।
पठानियां ने कहा कि राष्ट्रीय ई- विधान ऐप्लिकेशन के लागू होने से आज हमारा स्तर राज्य से राष्ट्रीय हो गया है। अब हमारी विधान सभा की कार्यवाही, कार्यप्रणाली तथा क्रिया- कलापों को राष्ट्र स्तर पर भी देखा जा सकता है । उन्होने कहा कि तपोवन विधान सभा में राष्ट्रीय ई- विधान ऐप्लिकेशन (नेवा) की स्थापना के लिए भारत सरकार के ससंदीय कार्य मंत्रालय द्वारा ₹8.13 करोड़ की राशी स्वीकृत हुई है जिसका कार्य प्रगति पर है।
नेवा के लागू होने से हमारी विधान सभा भी राज्यसभा, लोकसभा तथा अन्य विधान सभाओं की तरह एक ही प्लेटफार्म पर आ गई है। नेवा के माध्यम से भी माननीय सदस्य सीधे जनता से जुड़ेंगे तथा कार्य में तीव्रता, पारदर्शिता आएगी तथा कागज के बोझ से निजात मिलेगी। विधायक विधान सभा से ऑन लाईन जुड़ने के साथ जनता के मुद्दों को सरल एवं त्वरित आदान – प्रादान कर सकेगे।
नेवा जनप्रतिनिधियों को जनता के साथ एक डिजिटल ब्रिज के रूप में जोड़ने का कार्य करेगी। विधान सभा का कार्य डिजिटल होने की वजह से प्रतिवर्ष लगभग 10 से 15 टन कागज की भी बचत होगी।
इस अवसर पर कुलदीप सिंह पठानियां ने सभी माननीय सदस्यों तथा वरिष्ठ अधिकारियों से नेवा को कामयाब बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि आरम्भ में छिटपुट समस्याएँ आ सकती हैं लेकिन उनका सचिवालय भारत सरकार के ससंदीय कार्य मंत्रालय से मिलकर उसका समाधान करने हेतु प्रयासरत है।
पठानियां ने कहा कि अभी भारत सरकार के ससंदीय कार्य मंत्रालय द्वारा तपोवन विधान सभा में ई- विधान ऐप्लिकेशन हेतु राशी स्वीकृत की गई है और हिमाचल प्रदेश विधान सभा सचिवालय द्वारा शिमला विधान सभा के कौंसिल चैम्बर में नेवा की स्थापना हेतु ₹12 करोड़ के लगभग की डी0 पी0 आर0 केन्द्रीय ससंदीय कार्य मंत्रालय को प्रेषित कर चुका है जो उनके विचाराधीन है। पठानियां ने कहा कि हि0प्र0 विधान सभा शिमला की वरिष्ठता एवं महतता को समझते हुए ससंदीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार शीघ्र ही इसकी भी स्वीकृति प्रदान कर देगा। पठानियां ने कहा कि शिमला विधान सभा में ही सबसे ज्यादा बैठकें बजट तथा मॉनसून सत्र में आयोजित की जाती हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने अपने सम्बोधन के बाद तपोवन विधान सभा में राष्ट्रीय ई- विधान ऐप्लिकेशन (नेवा) के लागू होने की घोषणा की । मुख्यमंत्री ने कहा कि ई- विधान की तरह नेवा भी एक आधुनिक तथा पर्यावरण मित्र प्रणाली है जिससे कार्य में तीव्रता, दक्षता तथा पारदर्शिता आएगी। उन्होने इसको लागू करने हेतु विधान सभा अध्यक्ष को बधाई भी दी। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी सदन को सम्बोधित किया।