डीडीएमए बिलासपुर ने आयोजित किया ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम
बिलासपुर, 18 दिसंबर:जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) बिलासपुर ने एक विशेष ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आपदा प्रबंधन, सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशनों में आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देना था। प्रशिक्षण में डीडीएमए, पुलिस, होमगार्ड, स्वास्थ्य विभाग और डीपीआरओ कार्यालय के कर्मचारियों ने भाग लिया।
उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि आपदाओं के दौरान ड्रोन तकनीक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि बाढ़, भूस्खलन, जंगल की आग और अन्य आपदाओं में प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करने, राहत कार्यों को सुगम बनाने और सटीक जानकारी प्राप्त करने में ड्रोन तकनीक एक अमूल्य संसाधन है।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों को ड्रोन संचालन के थ्योरिटिकल और प्रैक्टिकल दोनों पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया। विशेषज्ञ प्रशिक्षकों ने ड्रोन उड़ाने की तकनीक, डेटा संग्रहण, विश्लेषण, और सुरक्षा मानकों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
प्रशिक्षण के दौरान, प्रतिभागियों ने सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशनों में ड्रोन के उपयोग का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया
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जिला बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दिशा निर्देश में विश्व एड्स डे कैंपेन के अंतर्गत जागरूकता शिविर आयोजित किया गया।
Bilaspur h. p: दिनांक 18 /12 /2024 को सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल(boys) बिलासपुर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दिशा निर्देश में विश्व एड्स डे कैंपेन के अंतर्गत जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता वाइस प्रिंसिपल मैडम किरण ने की । हेल्थ एजुकेटर विजय कुमारी ने बताया कि एचआईवी (HIV) संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इस वर्ष जागरूकता अभियान कैंपेन 27 नवंबर से 31 दिसंबर तक चलाई जा रही है । एड्स एचआईवी इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। इसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानि एचआईवी के नाम से जाना जाता है। वहीं लोग इसे आम बोलचाल में एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जानते हैं।इसमें जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता। उन्होंने एचआईवी एड्स पर जानकारी देते हुए बताया कि विश्व एड्स दिवस के लिए इस वर्ष 2024 की थीम है- ‘ सही रास्ता अपनाएं : मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार.’ ये थीम बताती है कि हर एचआईवी से पीड़ित इंसान का अधिकार है कि उसे सही ट्रीटमेंट, केयर, सर्विस और बचाव का तरीका मिले। इस थीम के जरिए 2030 तक दुनियाभर में एड्स को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा। एड्स मुख्यता चार प्रकार से फैलता है-1.असुरक्षित यौन संबंध 2. संक्रमित सुई व नीडल्स से 3. संक्रमित रक्त के चढ़ाने से 4. संक्रमित मां से बच्चे को । एचआईवी किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद पहले कुछ महीनों में अधिक आसानी से फैलता है, लेकिन कई लोग बाद के चरणों तक अपनी स्थिति से अनजान रहते हैं। संक्रमित होने के बाद पहले कुछ हफ़्तों में लोगों को लक्षण महसूस नहीं हो सकते हैं। दूसरों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी हो सकती है जिसमें शामिल हैं जैसे : बुखार, सिरदर्द,गला खराब होना।
संक्रमण धीरे-धीरे प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देता है। इससे अन्य संकेत और लक्षण हो सकते हैं जैसे:-सूजी हुई लिम्फ नोड्स, वजन घटाना, बुखार, दस्त,खाँसी। उपचार के बिना एचआईवी संक्रमण से ग्रस्त लोगों को गंभीर बीमारियाँ भी हो सकती हैं जैसे : तपेदिक (टीबी), गंभीर जीवाणु संक्रमण,लिम्फोमा और कापोसी सारकोमा जैसे कैंसर । एचआईवी के कारण अन्य संक्रमण भी बदतर हो जाते हैं, जैसे हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस बी और एमपॉक्स। एड्स से बचने का उपाय सिर्फ जानकारी है जिसमें व्यक्ति जीवनसाथी के प्रति वफादार रहे। रक्त चढ़ाने से पहले रक्त की जांच अवश्य कर लें कि रक्त एचआईवी नेगेटिव होना चाहिए, डिस्पोजेबल सिरिजिज नीडल का प्रयोग करें व हर गर्भवती माता का गर्भधारण के पहले ही महीने में एचआईवी के लिए रक्त परीक्षण किया जाना चाहिए ताकि उसके होने वाले बच्चे को एचआईवी संक्रमण से बचाया जा सके। यह परीक्षण ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य उपकेंद्र में भी किया जाता है। एचआईवी इनफेक्शन हाथ मिलाने ,एक साथ खाना खाने, तौलिया आदि शेयर करने से या मच्छर के काटने से नहीं होता । एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति अगर ART दवाई ले रहा है तथा अपने पोषण व योग प्राणायाम के साथ हेल्थी लाइफस्टाइल के साथ जीवन जीता है तो वह अपने आयु को बढ़ा सकता है सामान्य जीवन जी सकता है । सरकार का लक्ष्य भी यही है कि उसकी एड्स से मृत्यु ना हो। सरकार द्वारा एडस के खात्मे के सतत विकास लक्ष्य के प्रति भारत की तेज प्रगति का ब्योरा देते हुए उन्होंने बताया कि हालांकि एड्स से जुड़ी मौतों में कमी आई है । 2030 तक इसे जीरो करना है । जिसके लिए 95-95 -95 का फार्मूला तय किया गया है यानि कि देश के 95% मरीजों को अपना एचआईवी स्टेटस का पता होना चाहिए,95% मरीजों को इलाज मिलना चाहिए और एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी की दवाओं के जरिए 95% मरीजों का वायरल लोड घटाया जाना चाहिए। सभी लोगों को एचआईवी / एड्स प्रीवेंशन एंड कंट्रोल एक्ट 2017 के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति के साथ अगर कोई भेदभाव करता है तो इस एक्ट के तहत उसको सजा का प्रावधान है । एचआईवी एड्स से प्रभावित बच्चों को 18 वर्ष तक की आयु तक सरकार की तरफ से सहायता राशि दी जाती है। एचआईवी/ एड्स पर जानकारी देते हुए बताया कि जानकारी ही बचाव होने के कारण इस बीमारी को जागरूकता के माध्यम से ही केवल दूर किया जा सकता है। जानकारी के अभाव में ही व्यक्ति इसकी गिरफ्त में आता है जो फिर कभी भी इस वायरस से मुक्त नहीं हो पाता।
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जिला बिलासपुर में लिटिगेशन मैनेजमेंट सिस्टम पर 6 दिवसीय कार्यशाला आयोजित
बिलासपुर, 18 दिसंबर:डिजिटल प्रौद्योगिकी और शासन विभाग, हिमाचल प्रदेश द्वारा लिटिगेशन मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) के प्रभावी उपयोग हेतु जिला स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 6 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। यह कार्यशाला 16 दिसंबर से 21 दिसंबर तक जिला बिलासपुर में आयोजित की जा रही है।
कार्यशाला का उद्देश्य जिला स्तर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को न्यायिक मामलों के कुशल प्रबंधन हेतु प्रशिक्षित करना है। एलएमएस, एक अत्याधुनिक डिजिटल प्रणाली है, जो न्यायालयों में लंबित मामलों की निगरानी, समय पर जवाब दाखिल करने और न्यायिक प्रक्रिया को सुचारू बनाने में मदद करती है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को एलएमएस की विशेषताओं, उपयोग और इसे प्रभावी रूप से अपनाने के तरीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यह प्रणाली प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और समयबद्ध बनाएगी, जिससे सरकारी विभाग न्यायिक मामलों के प्रबंधन में सक्षम होंगे।
कार्यशाला में जिला स्तर के सभी प्रमुख विभागों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। यह प्रशिक्षण न केवल कार्यकुशलता बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि सरकारी विभागों और न्यायालयों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में भी मदद करेगा।
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राज्य चुनाव आयुक्त ने आगामी पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी निकाय चुनावों की तैयारियों के लिए बैठक आयोजित की
बिलासपुर 18 दिसम्बर- राज्य चुनाव आयुक्त अनिल खाची ने बुधवार को पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकाय चुनावों की तैयारियों के संबंध में जिला के समस्त एसडीएम, बीडीओ, पंचायत निरीक्षकों और शहरी निकाय के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए, उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी साझा की और सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने चुनाव के सुचारु संचालन, निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक तैयारियों पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता का पालन सख्ती से किया जाए और मतदाताओं को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण माहौल में मतदान का अवसर प्रदान किया जाए। उन्होंने चुनाव से जुड़े अधिकारियों को सभी तैयारियों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने मतदान केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने, चुनाव प्रक्रिया में लगे कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण देने और मतदाता जागरूकता अभियान चलाने पर विशेष ध्यान देने को कहा।
चुनाव संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं, जैसे मतदान केंद्रों की सुविधाएं, सामग्री की उपलब्धता और परिवहन की व्यवस्था, समय पर पूरी कर ली जाएंगी। डेटा प्रबंधन और चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रखने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही मीडिया से जुड़ी सभी गतिविधियों के लिए जिला स्तर पर एक मीडिया सेल भी स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बेलेट बॉक्स की पहचान के लिए पहली बार क्यूआर कोड का प्रयोग किया जाएगा । पंचायतों में ग्राम सभाओं में पंचायत के चुनाव के बारे तथा वोटर लिस्ट में नाम डलने,कटवाने और शुद्ध करने के लिए ग्राम सभा में प्रचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के चुनाव के बारे में अनाउंसमेंट सिस्टम के माध्यम से भी प्रचार किया जाए। उन्होंने कहा कि पोलिंग स्टेशनों का निरीक्षण एक कमेटी के माध्यम से करवाया जाए ताकि वहां पर पोलिंग पार्टियों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने कहा की पोलिंग स्टेशन ग्राउंड फ्लोर पर ही होना सुनिश्चित करें ताकि लोगों को मतदान करने के लिए असुविधा का सामना न करना पड़े ।
उन्होंने कहा कि पंचायत के चुनाव का सारा डाटा नामांकन पत्र से लेकर परिणाम तक का डाटा राज्य चुनाव आयोग के पोर्टल पर ऑनलाइन करना भी सुनिश्चित करना होगा।
बैठक में उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक, एडीसी डॉक्टर निधि पटेल, जिला पंचायत अधिकारी तिलक राज उपस्थित रहे।