करनाल, 21.12.25- हरियाणा ग्रामीण विकास के निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने वेद विद्या गुरुकुल कुटिया के वार्षिकोत्सव में कहा कि बिना स्वयं श्रेष्ठ बने समाज को दिशा नहीं दी जा सकती। जब तक व्यक्ति अपने आचरण, कर्म और योग्यता से सर्वोत्तम नहीं बनता, तब तक उसकी बात को गंभीरता से नहीं सुना जाता। गुरुकुल के विद्यार्थी केवल शिक्षा नहीं, बल्कि चरित्र, संस्कार और अनुशासन के प्रतीक बनें—यही गुरुकुल शिक्षा का उद्देश्य है। संस्थापक स्वामी संपूर्णानंद जी ने बताया कि गुरुकुल परंपरा सर्वांगीण विकास पर आधारित है, जहाँ वैदिक शिक्षा, योग, श्रम और सेवा का समन्वय होता है। कार्यक्रम में योग, मलखंब व सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ तथा वैदिक साहित्य प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसने भारतीय ज्ञान परंपरा को दर्शाया।
इस अवसर पर गुरुकुल के विद्यार्थी, ग्रामीण एवं अन्य मौजूद रहे।