*भव्य शोभा यात्रा के साथ हुआ राज्य स्तरीय लिदबड़ मेले का आगाज
*उपायुक्त ने किया शुभारंभ, बच्चों का दंगल बना आकर्षण
24 मार्च, धर्मशाला। जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय लिदबड़ मेले का भव्य शोभा यात्रा के साथ आज सोमवार को आगाज हुआ। उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा की अध्यक्षता में सभी मेला कमेटी सदस्यों और क्षेत्र वासियों ने धूमधाम से शोभा यात्रा निकाली। क्षेत्र के लिए विशेष महत्व रखने वाले इस चार दिवसीय मेले का शुभारंभ करते हुए उपायुक्त ने मेलों और उत्सवों को जीवंत रखने के लिए सबकी सक्रिय भागीदारी पर बल दिया। नगरोटा के प्राचीन माता नारदा शारदा मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना के साथ उपायुक्त ने राज्य स्तरीय लिदबड़ मेले का शुभारंभ किया। इसके उपरांत उपायुक्त कांगड़ा, मेला कमेटी के सदस्यों और नगरोटा वासियों ने मिलकर लिदबड़ मेला अखाड़ा स्थल तक शोभायात्रा निकाली।
बता दें, राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड (कैबिनेट रैंक) आर.एस बाली के प्रयासों से जिला कांगड़ा के इस सुप्रसिद्ध लिदबड़ मेले को सरकार द्वारा हाल ही में जिला स्तरीय से राज्य स्तरीय मेले का दर्जा दिया गया है। उपायुक्त ने सभी नगरोटा वासियों को लिदबड़ मेले के जिला स्तरीय से राज्य स्तरीय होने के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा इस ऐतिहासिक मेले का राज्य स्तरीय होना सभी क्षेत्र वासियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि मेले हमारी समृद्ध सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक हैं। इन आयोजनों के माध्यम से न केवल आपसी भाईचारे और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा मिलता है, बल्कि हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित करने में ये अहम भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा कि मेलों में मनोरंजन के साथ-साथ व्यापार और सांस्कृतिक गतिविधियों को संरक्षण व बढ़ावा भी मिलता है। उन्होने कहा कि इन उत्सवों में आयोजित होने वाले आयोजनों में खेलों, संस्कृति कार्यक्रमों के आयोजनों से ग्रामीण प्रतिभाओं को अवसर मिलता है। मेला कमेटी के सदस्यों ने उपयुक्त कांगड़ा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उपायुक्त कांगड़ा ने मेला कमेटी सदस्यों साथ प्राचीन वाद्य यंत्र व नगाड़ों को भी बजाया।
*बाल नगरोटा केसरी बने कांगड़ा के रजत
मेले के प्रथम दिन बच्चों के दंगल का आयोजन किया गया जिसमें नगरोटा, कांगड़ा व अन्य क्षेत्रों से आए बच्चों ने भाग लिया। आयोजकों ने बताया कि बच्चों का दंगल यहां आए लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। उन्होंने बताया कि बच्चों के दंगल में विजेता को बाल नगरोटा केसरी का टाइटल दिया गया। बच्चों के दंगल में कांगड़ा के रजत विजेता रहे, वहीं अमृतसर के शेरू उपविजेता रहे।

*यह रहे उपस्थित
मेले के शुभारंभ में उपायुक्त कांगड़ा सहित एसडीएम कांगड़ा मुनीष शर्मा, बीडीओ लतिका, तहसील कल्याण अधिकारी दीपाली, इओ कंचन वाला, कानूनगो कृष्ण, मानसिंह, प्रताप रियाड़ अरुण कटोच, मदन शर्मा, असीम गिल, नवनीत मिश्रा, संजीव ठाकुर, अरविंद चौधरी, सुभाष चंद, मुल्तान सिंह, अजय सिपहिया, मनीष, गुरबचन सिंह, पूनम कपूर, कांता पठानिया, मीनाक्षी धीमान, अशोक सरोत्री, अनुज कुमार, शिवकुमार अर्पना, लेखराज, हंसराज, दिलीप कुमार, प्रकाश चंद, अन्य मेला कमेटी सदस्य और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।
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टीबी उन्मूलन में मीडिया की सहभागिता अत्यंत जरूरी: सीएमओ
जोनल अस्पताल में जागरूकता कार्यशाला आयोजित
धर्मशाला 24 मार्चं। सीएमओ डा राजेश गुलेरी ने कहा कि टीबी उन्मूलन में मीडिया की सहभागिता अत्यंत जरूरी है, मीडिया के माध्यम से ही लोगों को जागरूक किया जा सकता है। सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा के सभागार में मीडिया सहभागिता सत्र में बतौर मुख्यातिथि डा राजेश गुलेरी ने कहा कि स्वास्थ्य के लिए प्रभावी संचार के महत्व और टीबी मुक्त हिमाचल के मिशन में सभी हितधारकों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे हिमाचल प्रदेश टीबी उन्मूलन में आगे बढ़ रहा है, यह जरूरी है कि हम न केवल अपनी स्थानीय प्रगति को दिखाएं, बल्कि अपनी उपलब्धियों की तुलना राष्ट्रीय और वैश्विक मानकों से भी करें। मीडिया इस प्रयास में एक अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि वह सही और प्रभावी जानकारी लोगों तक पहुंचाकर जागरूकता फैलाने का काम करता है। इसके साथ ही, मीडिया विभिन्न जिम्मेदार व्यक्तियों को उनके कर्तव्यों के प्रति जवाबदेह बनाने और कार्यक्रमों के संदर्भ में जरूरी जानकारी देकर सामूहिक प्रयास को प्रेरित करता है। इससे पहले डॉ राजेश सूद ,जिला क्षय रोग अधिकारी कांगडा ने हिमाचल प्रदेश में टीबी नियंत्रण प्रयासों में विभिन्न हस्तक्षेपों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने टीबी उन्मूलन में बड़ी प्रगति की है, जिसमें केमिस्ट एसोसिएशन, स्व-सहायता समूहों, युवाओं, मेडिकल कॉलेजों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की सक्रिय भागीदारी अहम रही है। हालांकि, अब भी कुछ चुनौतियां बाकी हैं, जैसे कि मिथकों को दूर करना, कलंक को कम करना, और समुदाय का समर्थन बढ़ाना। डिजिटल अभियानों में मीडिया की भूमिका जागरूकता फैलाने और लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं लेने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर सीएमओ डॉ. राजेश गुलेरी ने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए निक्षय मित्र बनकर थुरल और धर्मशाला क्षेत्र के 20 टीबी मरीजों को गोद लिया।
इस अवसर पर डॉ. प्रदीप नायर प्रोफेसर (न्यू मीडिया) एवं निदेशक अनुसंधान,केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश, धर्मशाला, डॉ. आत्मिका नायर डब्ल्यूएचओ सलाहकार (एनटीईपी), हिमाचल प्रदेश, चिकित्सा अधीक्षक डा अनुराधा सहित विभिन्न मीडिया कर्मी उपस्थित थे।
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28 मार्च को टांडा रेंज में फायरिंग अभ्यास
धर्मशाला, 25 मार्च। सहायक आयुक्त सुभाष गौतम ने बताया कि टांडा फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना द्वारा 28 मार्च को सुबह 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक फायरिंग का अभ्यास किया जाएगा। उन्होंने ग्राम पंचायत कोहाला, कच्छयारी, खोली, घुरकड़ी व साथ लगते क्षेत्रों के लोगों से अपील की है कि इस दौरान वह फायरिंग रेंज में न स्वयं जाएं तथा अपने पालतु पशुओं को भी न जाने दें ताकि किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि से बचा जा सके।