MAHENDERGARH-11.02.25-हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के भौतिकी और खगोल भौतिकी विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार के नेतृत्व में ‘एडवांसमेंट्स इन मेटिरियल साइंस फोर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (एआईएमएस) 2025‘ विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन और नाभिकीय विज्ञान अनुसंधान बोर्ड के सहयोग से 13 फरवरी से 15 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा। आयोजन में 200 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि हिस्सा लेने जा रहे हैं। यह सम्मेलन शोधकर्ताओं को नवीन अनुसंधान, चुनौतियों एवं सहयोग के अवसरों पर विचार-विमर्श करने का मंच प्रदान करेगा। आयोजन हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय की नवाचार, शैक्षिक उत्कृष्टता और ज्ञान के सतत विस्तार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह सम्मेलन भौतिकी और खगोल भौतिकी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सुनीता श्रीवास्तव एवं विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो. (डॉ.) सुनील कुमार के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है। प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने इस सम्मेलन को अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रो. (डॉ.) राजीव आहूजा मुख्य अतिथि के रूप में तथा एनआईटी हमीरपुर के प्रो. रवि कुमार और दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. अमिता चंद्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। आयोजन के समापन सत्र में अंतर विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र (आईयूएसी), नई दिल्ली के निदेशक प्रो. (डॉ.) अविनाश पांडे मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार प्रतिभागियों से साझा करेंगे। एआईएमएस-2025 सम्मेलन में विश्वभर से वैज्ञानिक, शोधकर्ता एवं विद्यार्थी विज्ञान में नवीनतम प्रगति, उभरती तकनीकों और भविष्य की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे। यह आयोजन ज्ञान विनिमय, नेटवर्किंग और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होगा, जहां उद्योग और समाज में मेटिरियल साइंस की भूमिका पर चर्चा होगी।
इस आयोजन को सफल बनाने में डॉ. अंकुश विज, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. जसवंत कुमार, डॉ. रामोवतार, डॉ. मीनू ठाकुर, डॉ. गौरव योगेश, प्रो. मनोज कुमार सिंह, डॉ. अंशु, डॉ. चांदनी, डॉ. श्रीराम पांडेय, डॉ. सविता बुधवार, डॉ. विकास सिवाच, डॉ. जतिंदर, डॉ. रामनदीप कुमार, डॉ. यशवीर कलकल, डॉ. रजनी बंसल, डॉ. प्रिया रानी, डॉ. स्वाति, डॉ. प्रदीप, डॉ. संगीता और डॉ. सुमन सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वैज्ञानिक सहयोग और सतत तकनीकी विकास पर केंद्रित यह सम्मेलन शैक्षणिक और अनुसंधान जगत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।