CM launches environmental calendar and 50 Year's Golden Jubilee logo

SHIMLA -21st December, 2024-Chief Minister Thakur Sukhvinder Singh Sukhu released the commemorative environmental calendar at Dharamshala in Kangra today, marking 50 activities to be undertaken during the Golden Jubilee Year of the Himachal Pradesh State Pollution Control Board (HPPCB). He also launched the official 50 Year's Golden Jubilee Logo. The Chief Minister congratulated the HP State Pollution Control Board on its 50th anniversary and appreciated their efforts to preserve the environment.

The environmental calendar outlines 50 key activities to celebrate 50 environmentally significant days between 21st December, 2024 and 21st December 2025. These activities were aimed at raising awareness and promoting environmental conservation among the people across the State.

The newly launched Golden Jubilee Logo would be prominently displayed on all official correspondence of the HPPCB. Regional offices and laboratories of the Board would also commemorate the day by organizing cleanliness drives on 21st December, 2024.

A special commemorative event would be organized in the last fortnight of January, 2025 or the first fortnight of February, 2025 to mark the Golden Jubilee Year. During the event, retired employees of the Board would be felicitated in the presence of dignitaries.

Education Minister Rohit Thakur, Deputy Speaker Vinay Kumar, Deputy Chief Whip Kewal Singh Pathania, MLAs Sanjay Rattan, Sanjay Awasthy, Suresh Kumar, Sudarshan Babloo, Vivek Sharma, Malender Rajan, Hardeep Singh Bawa, Neeraj Nayyar, Additional Chief Secretary Onkar Chand Sharma, Member Secretary of HPPCB Anil Joshi and other senior officers were also present on the occasion.

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Bhubu Jot tunnel receives strategic importance clearance: CM

SHIMLA_21st December, 2024The path for the construction of the much-awaited Bhubu Jot Tunnel in Himachal Pradesh has been cleared, following concerted efforts by Chief Minister Thakur Sukhvinder Singh Sukhu. The Ministry of Defence has officially recommended to the Ministry of Road Transport and Highways (MoRTH) that the Bhubu Jot Tunnel, along with the Ghatasani-Shilha-Bhubu Jot-Kullu National Highway, be designated as a project of strategic importance.

In its communication the Ministry of Defence highlighted the critical role this highway and tunnel would play as an alternative route to Leh-Ladakh, significantly enhancing the operational readiness of the armed forces in forward areas. Apart from its strategic significance, the tunnel was expected to bring substantial socio-economic benefits to the region and budgetary provisions for the project will now be made accordingly.

Sh. Sukhu reaffirmed the state government’s unwavering commitment to the Bhubu Jot Tunnel project. “I personally met the Defence Minister Rajnath Singh on 25th October, 2024 to request prioritization of this project while considering its strategic importance. The issue was also raised with Union Transport Minister Nitin Gadkari. The construction of this tunnel would be a milestone for the development of the State.” he said.

The proposed Bhubu Jot Tunnel would reduce the distance between Kangra and Kullu by over 50 kilometers and will deliver immense benefits to the local population and boosting tourism in the region thereby strengthening the economy of the people. The state government was prioritizing tunnel construction to enhance road connectivity, promote sustainable development and minimize environmental impact.

“The construction of the Bhubu Jot Tunnel would be a transformative step for the development of Himachal Pradesh. This project would not only strengthen strategic infrastructure but also catalyze socio-economic growth in the region,” the Chief Minister added.

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उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई जल शक्ति विभाग की समीक्षा बैठक

अधिकारियों को दिए पानी का तर्कसंगत प्रबंधन करने के निर्देश
दो वर्षों में किया 546 पेयजल व 174 सिंचाई योजनाओं को पूर्ण

धर्मशाला, 21 दिसंबर। प्रदेश में लम्बे समय से उत्पन्न सूखे की स्थिति के कारण जल स्रोतों में कमी आ रही है। सूखे के कारण आने वाले समय में प्रदेश में जलापूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आए इसके लिए विभाग को पानी का तर्कसंगत प्रबंधन करने की दिशा में कार्य करना चाहिए। धर्मशाला में शुक्रवार देर शाम जल शक्ति विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने यह निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि विभाग को जल प्रबंधन के लिए गंभीरता के कार्य करने की आवश्यकता है तथा इसके लिए समाज के विभिन्न घटकों को जागरूक कर जल प्रबंधन में उनकी सहभागिता भी सुनिश्चित करें।
मुकेश अग्निहोत्री ने बैठक में जल शक्ति विभाग से संबंधित विभिन्न कार्यों की समीक्षा कर अधिकारियों से परियोजनाओं का पूर्ण ब्योरा लिया। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में जल शक्ति विभाग से संबंधित सभी लंबित कार्यों को तय समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक का संचालन करते हुए प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा ने उपमुख्यमंत्री के समक्ष विभाग से संबंधित जानकारियों को विस्तारपूर्वक रखा। उन्होंने बताया कि पिछले लगभग दो वर्षों में प्रदेश में विभाग द्वारा 546 जलापूर्ति व 174 सिंचाई की स्कीमें पूर्ण की गई हैं। इसके अलावा 5 सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और 10 बाढ़ सुरक्षा कार्य भी पूर्ण किए गए हैं।
मुकेश अग्निहोत्री ने अधिकारीयों को कहा कि वे विभागीय कार्यों के प्रति पूर्ण निष्ठा से काम करें। उन्होंने अधिकारियों से निविदाओं मे परदर्शिता बरतने के साथ प्रत्येक काम को चरणबद्ध तरीके से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग का कार्य आम जनमानस से जुड़ा है इसलिए कोई भी अधिकारी कर्मचारी काम के प्रति ढुल-मुल रवैया न रखे, जिससे विभाग की छवि खराब हो।
*केंद्र के समक्ष मजबूती से रखेंगे अपना पक्ष*
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जलशक्ति विभाग से संबंधित स्कीमों को विभाग के अधिकारी तत्परता से पूरा करने में ध्यान दें। विभाग की परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि वे केन्द्र सरकार से लंबित स्कीमों को पूरा करने के मामले को उठाएंगे और प्रदेश का हिस्सा जारी करने के लिए आग्रह करेंगे। उन्होंने बताया कि वे इससे पहले भी केन्द्रीय मंत्री से मिलकर मामले को उठा चुके हैं।
*चरणबद्ध तरीके से भरे जाएंगे खाली पद, करूणामूलक आधार पर भी करेंगे भर्तियां*
अधिकारियों ने विभाग में पदोन्नति सहित विभिन्न श्रेणियों में नियमितिकरण और खाली पड़े पदों को भरने का मुद्दा भी उठाया जिस पर उप मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि पदोन्नति समय पर ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार अनुबन्ध का कार्यकाल पूरा करने वालों का नियमितिकरण करेगी। वहीं विभाग में खाली पड़े पदों को भी चरणबद्ध तरीके से भरा जाएगा। समीक्षा बैठक में करूणामूलक भर्तियों का मामला भी चर्चा में आया जिस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्दी ही सरकार करूणामूलक भर्तियां भी करेगी।
*ग्रामीण क्षेत्र में नहीं वसूली जाएगी पानी के बिल की पिछली बकाया राशि*
उपमुख्यमंत्री ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्र मे किसी भी उपभोक्ता से पानी बिल की पिछली बकाया राशि को न वसूला जाए। उन्होंने कहा कि अगर गलती से किसी को बकाया राशि से साथ बिल भेजा गया है तो उसे तुरंत वापस लिया जाए। इसमें कोताही पर अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से महीने का केवल 100 रुपये का बिल ही लिया जाएगा।
*यह रहे उपस्थित*
इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, इंजीनियर इन चीफ (प्रोजेक्ट) धर्मेन्द्र गिल, धर्मशाला जोन के चीफ इंजीनियर दीपक गर्ग सहित जल शक्ति विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।