विनय मोदी ने संभाला एससी आयोग के सदस्य सचिव का कार्यभार
ऊना, 21 फरवरी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी विनय मोदी ने शुक्रवार को ऊना के रामपुर स्थित हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग के स्थायी सदस्य सचिव के रूप में पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर उन्होंने आयोग के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान और अधिकारों की रक्षा के लिए सभी नीतियों और योजनाओं को पूरी पारदर्शिता और प्रभावशीलता के साथ लागू करने की प्रतिबद्धता जताई। इससे पहले ऊना के सहायक आयुक्त वरिंद्र शर्मा सदस्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे थे।
आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि स्थायी सदस्य सचिव की नियुक्ति से आयोग की कार्यक्षमता बढ़ेगी और विभिन्न जिलों से प्राप्त शिकायतों का त्वरित निपटान सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि आयोग अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और सभी लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे व योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी जाएगी।
गौरतलब है कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता के साथ ऊना को हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग के कार्यालय की सौगत दी है। इसका उद्घाटन उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने दिसंबर 2024 में किया था। आयोग का प्राथमिक उद्देश्य अनुसूचित जाति वर्ग को न्याय और सुविधाएं प्रदान करना है।
इस अवसर पर आयोग के सदस्य अधिवक्ता विजय डोगरा, जिला कल्याण अधिकारी अनीता शर्मा, एआरओ नरेंद्र शर्मा, सर्वजोत समेत अन्य अधिकारी और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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ट्रिपल आईटी ऊना में माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स और वीएलएसआई डिजाइन में एमटेक प्रोग्राम शुरू

ऊना, 21 फरवरी। आईआईआईटी (ट्रिपल आईटी) ऊना की 22वीं सीनेट बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स स्कूल में एक नया पीजी प्रोग्राम (एमटेक) शुरू करने को मंजूरी दी गई। ट्रिपल आईटी के निदेशक मनीष गौर ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से संस्थान में माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स और वीएलएसआई डिजाइन में एमटेक प्रोग्राम 20 सीटों की प्रवेश क्षमता के साथ शुरू होगा। यह प्रोग्राम इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के अनुरूप है और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में काम करने वाले पेशेवरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है।


उन्होंने बताया कि संस्थान की विभिन्न गतिविधियों के लिए नए नीतियों को भी मंजूरी दी गई जिनमें नवाचार, इनक्यूबेशन और कौशल विकास नीति, आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर नीति, अनुसंधान और नवाचार नीति, प्लेजियरिज्म (साहित्यिक चोरी) नीति, परामर्श (कंसल्टेंसी) नीति,, प्रारंभिक अनुसंधान अनुदान नीति, ऊर्जा और पर्यावरण नीति, संकाय पेशेवर विकास नीति, छात्र गतिविधि परिषद, बी.टेक. आईटी और बी.टेक. सीएसई के सिलेबस में काफी समानता होने के कारण आईआईआईटी ऊना की सीनेट ने बी.टेक. आईटी प्रोग्राम को बी.टेक. सीएसई में विलय करने का फैसला किया है, जिसमें कुल 150 सीटों का प्रवेश होगा।

इसके अलावा स्नातक (यूजी) प्रोग्राम के लिए माइनर डिग्री और ऑनर्स डिग्री का प्रारूप भी अंतिम रूप दिया गया है। इसमें विभिन्न आईटी क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए विविध कोर्स विकल्प उपलब्ध होंगे, जिससे यह राष्ट्रीय और वैश्विक शिक्षा पद्धतियों के अनुरूप रहेगा। यह निर्णय छात्रों की जेईई रैंक, प्लेसमेंट और अकादमिक प्रबंधन के संदर्भ में उनकी गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लिया गया है।

सीनेट सदस्यों ने इन पहलों की सराहना की, क्योंकि यह संस्थान के शैक्षणिक और अनुसंधान वातावरण को और मजबूत करेंगे। इन नए बदलावों के साथ, आईआईआईटी ऊना शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग सहयोग में उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और आगे बढ़ा रहा है।