निसिंग। दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी कैंसर नागरिकों की मृत्यु के प्रमुख कारणों में शुमार है। कैंसर के नाम मात्र से ही भय का भाव पैदा होता है परंतु चिकित्सा पद्धति और सुविधाओं में सुधार के चलते आज की चौथी स्टेज के कैंसर को भी हराना संभव हो गया है। रेडियो ग्रामोदय पर ग्रामोदय लाइव कार्यक्रम में यह संदेश डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान से संवाद में PGIMS रोहतक के वरिष्ठ कैंसर चिकित्सक डॉक्टर संजीव प्रसाद ने दिया।
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में कैंसर के कारणों, कैंसर से बचाव के उपायों और हरियाणा प्रदेश में कैंसर के उपचार के लिए सरकारी क्षेत्र में उपलब्ध सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रोफ़ेसर वीरेंद्र सिंह चौहान के एक प्रश्न के उत्तर में प्रो. संजीव प्रसाद ने कहा कि हरियाणा में रोहतक स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान का कैंसर सर्जरी विभाग अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। झज्जर में स्थापित हुआ रीजनल कैंसर सेंटर भी क्षेत्र के मरीज़ों को उच्चतम कोटि की चिकित्सा सुविधाएँ मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के कारण कैंसर जैसे जटिल रोगों के उपचार का ख़र्च मरीज़ों के परिजनों को पहले जितना भयावह नहीं लगता। डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान और डॉ. संजीव प्रसाद की वार्ता में यह तथ्य भी उभर कर सामने आया कि कैंसर के विभिन्न कारणों में बिगड़ी हुई आधुनिक जीवनशैली, विषैला खानपान और हर तरफ़ बढ़ा हुआ प्रदूषण शामिल हैं। डॉ. प्रसाद ने कहा कि हमारे क्षेत्र में स्तन कैंसर के मामले बड़ी संख्या में आ रहे हैं और इनसे निपटने के लिए आवश्यक है कि महिलाओं को इस बात के लिए जागरूक किया जाए कि स्तन में किसी भी प्रकार की गाँठ इत्यादि महसूस होते ही उसे योग्य चिकित्सक को दिखाकर परामर्श ले लिया जाए। कार्यक्रम के अंतिम चरण में कैंसर विशेषज्ञ प्रो संजय प्रसाद ने कैंसर के सफल उपचार में उसका समय रहते पता लगाना आवश्यक क़रार दिया। उन्होंने कहा कि जितना देरी से कैंसर डिटेक्ट होता है उसका उपचार उतना ही जटिल हो जाता है।