शराब के ठेकों की दूसरे चरण की नीलामी प्रक्रिया में 3 यूनिटें नीलाम

नीलामी में 5.07 प्रतिशत की हुई वृद्धि
20 यूनिटों में से 12 यूनिटों की नीलामी प्रक्रिया पूरी
मंडी, 25 मार्च। मंडी जिला के शराब के ठेकों की नीलामी प्रक्रिया के दूसरे चरण में 3 यूनिटों की नीलामी हुई है। ये यूनिटें 5.07 प्रतिशत की वृद्धि के साथ नीलाम हुईं। मंगलवार को नीलामी प्रक्रिया जिला परिषद सभागार में जिला प्रशासन और आबकारी विभाग द्वारा पूरी की गई। 20 मार्च को आयोजित नीलामी प्रक्रिया के दौरान 20 यूनिटों में 9 यूनिटों की नीलामी प्रक्रिया हुई थी । अभी तक जिला की 8 यूनिटों के लिए किसी ने नीलामी प्रक्रिया में भाग नहीं लिया है।
अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर ने बताया कि दूसरे चरण में मंगलबार को 11 यूनिटें नीलामी के लिए प्रस्तावित थीं। जिनमें से तीन यूनिटें नगवाईं-कमांद, धर्मपुर और बरोटी की कुल 33 दुकानें नीलामी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि यह यूनिटों निर्धारित आरक्षित मूल्य 13 करोड़ 21 लाख 93 हजार 901 रुपये के मुकाबले 5.07 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 13 करोड़ 89 लाख 2 हजार रुपये में नीलाम हुईं।
उन्होंने बताया कि नगवाईं-कमांद युनिट की 18 दुकानों का आरक्षित मूल्य 6.18 करोड़ के मुकाबले 2.91 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 6.36 करोड़ में, धर्मपुर यूनिट की 8 दुकानें आरक्षित मूल्य 3.75 करोड़ रुपये के मुकाबले 6.95 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3.51 करोड़ में तथा वरोटी यूनिट की 7 दुकानें आरक्षित मूल्य 3.28 करोड के मुकाबले 7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3.51 करोड़ रुपये में नीलाम हुई।
उन्होंने बताया कि 20 मार्च को आयोजित नीलामी प्रक्रिया के दौरान मंडी-पंडोह यूनिट 9.85 करोड़, सुन्दरनगर टाउन 10.83 करोड़, जरोल 8.99 करोड़, चैलचौक 13.54 करोड़, चुराग 9.85 करोड़, पधर-बरोट 6.6 करोड़, चौंतरा-भरोल 6.9 करोड़, चौलथरा-संधोल 8 करोड़ और एहजु खलियार एल-20बी 2.77 लाख रुपये में नीलाम हुई थी। ।
नीलामी प्रक्रिया के दौरान संयुक्त आयुक्त मध्य जोन मंडी विवेक महाजन, आबकारी एवं कराधान मंडी आयुक्त वरूण कटोच, आवकारी एवं कराधान आयुक्त सिरमौर हिमांशु मौजूद रहे।

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श्रमिकों के कल्याण के लिए 27 मार्च से लगेंगे जागरूकता शिविर
मंडी, 25 मार्च। श्रमिक कल्याण अधिकारी मंडी अनिल ठाकुर ने सूचित किया है कि मंडी जिला में श्रमिकों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा आरंभ की गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जायेगा। इन जागरूकता शिविरों की अध्यक्षता राज्य भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर करेंगे।
उन्होंने बताया कि यह जागरूकता शिविर 27 मार्च को रिवालसर, 28 मार्च को पंडोह तथा 29 मार्च को चेैलचौक में आयोजित किए जायेंगे। उन्होंने क्षेत्र के श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों का आह्वान किया कि इन शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेना सुनिश्चित कर राज्य सरकार की श्रमिक कल्याण के लिए आरंभ की गई योजनाओं की जानकारी हासिल करें।

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12 अप्रैल को होगी जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह की कक्षा छठी की प्रवेश परीक्षा

मंडी, 25 मार्च। प्रधानाचार्य जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह एस.डी.शर्मा ने बताया कि पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह में सत्र 2025-26 में कक्षा छठी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा 12 अप्रैल 2025 को आयोजित की जाएगी। प्रवेश परीक्षा में भाग लेने के लिए मंडी जिला के विद्यार्थियों को 12 अप्रैल को परीक्षा केंद्र में प्रवेश-पत्र और आधार कार्ड के साथ आना होगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा हेतु पंजीकृत अभ्यर्थियों के प्रवेश-पत्र डाउनलोड होना शुरू हो गए है। प्रवेश परीक्षा हेतु प्रवेश-पत्र जवाहर नवोदय विद्यालय की वेबसाइट www.navodaya.gov.in से डाउनलोड किये जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षा से सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए अभिभावक या अध्यापक दूरभाष नं. 01905-282046, 7500741897, 9805319303, 9816999573 पर किसी भी कार्य दिवस में प्रातः 9ः00 बजे से सायं 4ः00 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।

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सोलन-दिनांक 25.03.2025

हिमाचल प्रदेश दवा गुणवत्ता मानक बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध

हिमाचल प्रदेश राज्य दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में उत्पादित की जा रही दवाओं की गुणवत्ता को निर्धारित मानकों के अनुरूप बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि राज्य की दवाएं अपनी गुणवत्ता और सुरक्षित उपयोग के लिए जानी जाएं।
मनीष कपूर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशानुसार प्रदेश में कम गुणवत्ता अथवा खराब दवा बनाने वाले निर्माताओं के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में व्यापक जांच के उपरांत यह पाया गया है कि अन्य राज्यों में निर्मित खराब गुणवत्ता वाली दवाओं के उत्पादन स्थल के रूप में हिमाचल प्रदेश का नाम लिया जा रहा है। वास्तविकता यह है कि यह दवाएं अन्य राज्यों में निर्मित की गई हैं और यह हिमाचल प्रदेश की विश्व के दवा हब के रूप स्थापित छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के कारण समाचारों में खराब दवा उत्पादन के मामलों में अकसर हिमाचल का नाम सामने आ रहा है जोकि पूर्णतया आधारहीन, भ्रामक एवं तथ्यों से परे है।
मनीष कपूर ने कहा कि वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन प्राधिकरण द्वारा 20 ऐसी दवाओं की जानकारी दी गई जिनके सम्बन्ध में यह कहा गया कि यह दवाएं हिमाचल प्रदेश के सोलन और सिरमौर ज़िलों में निर्मित की गई हैं। उन्होंने कहा कि ठोस जांच के उपरांत यह सत्यापित हुआ कि इन दवाओं को निर्मित करने वाली कोई भी कम्पनी राज्य में स्थापित ही नहीं हैं। इस विषय में सम्बन्धित राज्यों के खाद्य एवं औषधि प्रशासन प्राधिकरण को तुरंत सूचित किया गया और झूठ फैलाने वालांे के विरूद्ध विधिक कार्रवाई करने का आग्रह किया गया।
राज्य दवा नियंत्रक ने कहा कि इन खराब गुणवत्ता वाली दवाओं पर कोर हेल्थकेयर, डी.जी. फार्मास्यूटिकल्स, सीमेक्स फार्मा और पैराडॉक्स फार्मास्यूटिकल्स जैसी कम्पनियों के लेबल लगे पाए गए। इन दवाओं के निर्माताओं का यह दावा था कि कम्पनियां हिमाचल प्रदेश में स्थापित हैं। वास्तविकता यह है कि यह दवाएं हिमाचल में निर्मित ही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इन्हीं में एक दवा कॉफ-एक्स जो तथाकथित तौर पर सीमेक्स फार्मा द्वारा निर्मित की जा रही थी और जिसमें कोडिन नामक पदार्थ पाया गया, हिमाचल में निर्मित नहीं की जा रही है। इस पदार्थ का उपयोग नियमन के उपरांत ही किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि गत दिवस ही हरियाणा के सोनीपत में पैराडॉक्स फार्मास्यूटिकल्स बद्दी के छद्म लेबल के साथ निर्मित की जा रही एंटीबायोटिक दवा की जानकारी भी प्राप्त हुई। इन सब से यह प्रतीत हो रहा है कि हिमाचल प्रदेश की स्वच्छ दवा उत्पादन हब की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
मनीष कपूर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार दवा गुणवत्ता के लिए पूर्ण रूप से सजग है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हिमाचल प्रदेश में खराब गुणवत्ता दवा निर्माण की जानकारी मिलते ही त्वरित कार्यवाही की गई और दोषियों को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मामलों में दोषियों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्यवाही करने और लोगों तक उचित गुणवत्ता वाली दवा पहुंचाने के लिए समन्वित प्रयास आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश दवा नियंत्रण प्रशासन इस दिशा में सजग है और यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली दवा मिले। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जन सुरक्षा को सर्वोच्च अधिमान दिया जा रहा है। उन्होंने देश के विभिन्न नियमन प्राधिकरणों से आग्रह किया कि ऐसे दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए।