NEW DELHI,27.03.21-पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार ने एमआईसीई रोड शो – ‘मीट इन इंडिया’ और खजुराहो में छत्रसाल सम्मेलन केन्द्र के उद्घाटन से पहले 26 मार्च को ‘जिम्मेदार पर्यटन’ पर खजुराहो, मध्य प्रदेश में एक विशेष सत्र का आयोजन किया। इस सत्र में खजुराहो को एक विशिष्ट गंतव्य स्थान के रूप में स्थापित करने की दिशा में विभिन्न प्रयासों तथा बेहतर पद्धतियों पर चर्चा की गई। इस सत्र में विभिन्न विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी ओर से प्रस्तुतीकरण दिए :
अनर्स्ट एंड यंग के निदेशक पीयूष जैन ने स्वदेश दर्शन और अन्य विशिष्ट योजनाओं तथा जिम्मेदार पर्यटन के लिए इनके समायोजन पर प्रस्तुति दी।
जिम्मेदार पर्यटन के लिए केरल एक मॉडल के रूप में – कमला वर्धन राव, एमडी, आईटीडीसी की प्रस्तुति
अनिरूद्ध छाओजी, आरटीएसओरआई द्वारा जिम्मेदार पद्धतियों के माध्यम से प्राकृतिक धरोहर को सक्षम करने की दिशा में सामुदायिक भागीदारी
सुश्री नेहा अरोड़ा, प्लानेट एबल्ड द्वारा सभी के लिए पर्यटन – सार्वभौमिक पहुंच प्रस्तुतीकरण
ग्लोबल हिमालयन एक्सपैडिशन की निदेशक सुश्री मंजरी गायकवाड़ द्वारा सतत विकास एवं नवीकरणीय ऊर्जा पर प्रस्तुतीकरण
आईएटीओ के अध्यक्ष राजीव मेहरा की ओर से जिम्मेदार पर्यटन एवं पर्यटक विषय पर प्रस्तुति
इस सत्र की शुरुआत पर्यटन मंत्रालय की अपर महानिदेशक सुश्री रूपिन्दर बरार के प्रस्तुतीकरण से हुई, जिसमें उन्होंने पर्यटन मंत्रालय के विभिन्न प्रयासों के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर सुश्री बरार ने घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने में पर्यटन मंत्रालय की रणनीतियों को रेखांकित किया, जिसमें महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बड़े कार्यक्रमों के आयोजन संबंधी प्रयास शामिल हैं, ताकि इस उद्योग से जुड़े हितधारकों के बीच विश्वास की भावना को स्थापित किया जा सके।
इस सत्र के बाद पर्यटन मंत्रालय के सचिव, भारत सरकार ने मीडिया के साथ एक बैठक की, जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि उनका मंत्रालय ‘स्वदेश दर्शन’ की योजना के तहत देश में पर्यटन आधारभूत ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकारों।/केन्द्रशासित प्रदेशों/केन्द्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है। मंत्रालय ने मध्य प्रदेश राज्य के लिए 350.26 करोड़ रुपये लागत वाली चार परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं को वन्यजीव, बौद्ध विरासत और पर्यावरण पर्यटन सर्किट के तहत मंजूरी दी गई। हेरिटेज सर्किट के तहत खजुराहो और उसके आस-पास के क्षेत्रों में 44.99 करोड़ रुपये लागत वाली परियोजना को मंजूरी दी गई है, जिसमें से खजुराहो में सम्मेलन केन्द्र विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय ने 34.99 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।