*इन्नोवेटिव बनें और नवाचार को आगे बढ़ाएं विद्यार्थी- बंडारू दत्तात्रेय
उच्च शिक्षण संस्थान मातृभाषा में दें डिग्री- राज्यपाल
*महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के 50वें स्थापना दिवस समारोह में राज्यपाल ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की
*राज्यपाल ने एमडीयू के कार्यों व उपलब्धियों की सराहना की
चंडीगढ़, 19 अप्रैल, 2025- विद्यार्थी इन्नोवेटिव बनें, नवाचार को आगे बढ़ाएं। नवाचार से ही रोजगार का रास्ता प्रशस्त होगा। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के टैगोर सभागार में विश्वविद्यालय के 50वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए।
राज्यपाल व एमडीयू के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने एमडीयू परिवार को 50 वर्ष की गौरवशाली यात्रा तय करने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती समारोह विश्वविद्यालय की यात्रा का एक पड़ाव है, उन्होंने एमडीयू समुदाय से विश्वविद्यालय की स्वर्णिम विरासत को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नाम होना गौरव की बात है, युवा पीढ़ी स्वामी दयानंद के योगदान एवं विचारों को आत्मसात कर आगे बढ़े।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने नई शिक्षा नीति को गेम चेंजर बताते हुए तेजी से इसे आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान मातृभाषा हिन्दी में डिग्री दें, जिसका फायदा गरीब और ग्रामीण को होगा। उन्होंने एमडीयू के कार्यों और उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि आज शिक्षा, खेल, संस्कृति, देश सेवा समेत हर क्षेत्र में एमडीयू के एलुमनी बड़े ओहदों पर हैं। उन्होंने एमडीयू का भविष्य सशक्त और उज्ज्वल बनाने के लिए कुलपति और उनकी टीम के कार्यों की भी सराहना की।
राज्यपाल ने समारोह में शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को अनुसंधान पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने विशिष्ट सेवाओं हेतु शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मियों, क्लास टॉपर्स तथा समाज सेवा समेत अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, एनएसएस तथा वाईआरसी वालंटियर्स को सम्मानित किया।
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर संबोधित करते हुए एमडीयू की 50 वर्ष की विकास यात्रा को सराहा। उन्होंने कहा कि एमडीयू को नाम ऐसे महापुरुष के नाम पर है, जिसे दुनिया को उज्ज्वल जीवन जीने की राह दिखाई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति और भारत राष्ट्र ही विश्व कल्याण कर सकता है, इसलिए आज सारी दुनिया भारत की तरफ मार्गदर्शन के लिए देख रही है। उन्होंने 2047 तक भारत को दुनिया का सबसे ताकतवर देश बनाने का संकल्प दोहराया और इस संकल्प को पूरा करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने का आह्वान किया। विकसित भारत बनाने, विश्व गुरु बनाने में अपना योगदान देने की बात शिक्षा मंत्री ने कही।
हरियाणा स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल के चेयरपर्सन कैलाश चंद्र शर्मा ने बतौर विशिष्ट अतिथि अपने संबोधन में एमडीयू को स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए कहा की विश्वविद्यालय की यात्रा सदियों तक होती है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए इसे उपयोगी बताया।
एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि एमडीयू का 50वां स्थापना दिवस एक विशेष पड़ाव है जो विश्वविद्यालय की गौरवशाली विकास यात्रा का प्रतीक है, साथ ही यह भविष्य की नई संभावनाओं और रोड मैप को नए सिरे से तैयार करने का मौका भी है। उन्होंने कहा कि शोध, शिक्षा, खेल और संस्कृति के क्षेत्र में एमडीयू नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि एमडीयू में शिक्षा के अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है और विद्यार्थियों की कैपेसिटी बिल्डिंग पर विशेष फोकस किया गया है। विद्यार्थियों का सोशल कनेक्ट बनाने और पढ़ाई को रुचिकर बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमडीयू ने विभागों और कॉलेजों में एनईपी 2020 को लागू किया है। उन्होंने एमडीयू की विकास यात्रा में विशिष्ट योगदान देने के लिए प्रदेश सरकार का आभार जताया।