चंबा, सितंबर 18-विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आगामी श्री मणिमहेश यात्रा से पहले श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा को लेकर एक विशेष मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ में उन्होंने नदी- नालों, जल विद्युत परियोजनाओं के जलाशयों से राष्ट्रीय उच्च मार्ग 154- ए, विभिन्न संपर्क सड़कों, गाँव तथा आबादी वाले क्षेत्रों में हो रहे भूमि कटाव की समस्या के दीर्घकालिक समाधान को लेकर संबंधित विभागीय अधिकारियों को कार्य योजना तैयार कर राज्य सरकार को प्रेषित करने को कहा है।
विधानसभा अध्यक्ष आज जारी मानसून सीजन के दौरान जिला में प्राकृतिक आपदाओं से हुई क्षति की समीक्षा को लेकर बचत भवन में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
विधायक नीरज नैय्यर भी बैठक में विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कुलदीप सिंह पठानिया ने प्राकृतिक आपदाओं के चलते हुई क्षति की विस्तृत समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि आगामी श्री मणिमहेश यात्रा से पहले श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा के दृष्टिगत आधारभूत ढांचे, चिकित्सा एवं संचार सेवाओं, परिवहन व्यवस्था तथा आपदा प्रबंधन से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता प्रदान कर एक विशेष मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जाए।
उन्होंने कहा कि विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में लोक निर्माण, जल शक्ति, विद्युत बोर्ड, कृषि एवं बागवानी, राष्ट्रीय उच्च मार्ग तथा अन्य विभागों को हुई 710 करोड़ रुपये की क्षति वाली परियोजनाओं के पुनर्निर्माण पर चार गुना से अधिक राशि खर्च करनी पड़ेगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि नदी-नालों एवं संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र वाले क्षेत्रों में अवैध डंपिंग पर प्रभावी अंकुश लगाया जाए।
विधानसभा अध्यक्ष ने मॉनसून सीजन के दौरान राहत एवं पुनर्वास से संबंधित कार्यों तथा मणिमहेश यात्रा के श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा को लेकर जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की सरहाना भी की।
विधायक नीरज नैय्यर ने बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में भू-संरक्षण के समाधान के लिए राजीव गांधी वन संरक्षण योजना के तहत कार्य को जल्द शुरू करने तथा ग्रामीण संपर्क सड़कों कि शीघ्र बहाली को कहा।
विधानसभा क्षेत्र चुराह से कांग्रेस नेता यशवंत खन्ना ने आपदा प्रभावित लोगों के पुनर्वास का मामला रखा।
उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने इससे पहले प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्राकृतिक आपदाओं के चलते जिला में हुई क्षति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया कि जारी मानसून सीजन के दौरान जिला में लोगों के 957 घरों को नुकसान हुआ है। इनमें 39 कच्चे तथा 51 पक्के घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। आंशिक रूप से 781 कच्चे तथा पक्के घर प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रभावित परिवारों को अब तक 18 लाख की तत्काल राहत राशि प्रदान की गई है।
उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य तथा लोगों के पुनर्वास को लेकर जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी साझा की।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, मुख्य वन अरण्यापाल राकेश कुमार, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मेहरा, उप मंडल दंडाधिकारी नागरिक प्रियांशु खाती, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विपिन ठाकुर, चिकित्सा अधीक्षक पंडित जवाहरलाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. जेएस भारद्वाज, अधीक्षण अभियंता दिवाकर पठानिया, राजेश मोगरा, राजीव ठाकुर सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे ।