चंडीगढ़, 7 मार्च - हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि पुलिस के जवानों में अनुशासन की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। युवाओं को भी इनसे प्रेरणा लेकर अनुशासन, शिष्टाचार और नैतिक मूल्यों को जीवन में उतारना चाहिये। अनुशासन ही देश को महान बनाता है।

राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय हरियाणा पुलिस अकादमी, मधुबन में 73वें आल इंडिया पुलिस वालीबॉल कलस्टर के शुभारंभ के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने प्रतिभागी खिलाड़ियों का अभिनंदन और आयोजन के लिए अधिकारियों को बधाई देते हुये कहा कि उच्च मनोबल व दृढ़ निश्चय से सभी कठिनाइयों को सामना किया जा सकता है। सफलता के लिए जीवन में धैर्य और अनुशासन जरूरी है। खेलों में भी ये जीत की पूंजी हैं। उन्होंने कहा कि खेल आपसी समझ को बढ़ावा देते हैं। इनसे सहयोग की प्रेरणा मिलती है। जीत के लिए जरूरी है कि खिलाड़ी निजी यश के लिये न खेले। खेलों से टीम व सहयोग की भावना से काम करने की शिक्षा मिलती है।

खेल सुनहरे भविष्य और उज्जवल कैरियर की गारंटी
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिये शिक्षा के साथ-साथ खेल भी जरूरी हैं। आज खेल सुनहरे भविष्य और उज्ज्वल कैरियर की गारंटी बन गये है। भारत के खिलाड़ी खेलों के क्षेत्र में विश्व में परचम लहरा रहे हैं। हरियाणा ने भी खेलों में विश्वस्तर पर नाम कमाया है। यह प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ खेल नीति का परिणाम है। प्रदेश खेलों का हब बन चुका है। बेटियां भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि खेल व पुलिस एक-दूसरे के पूरक बन गये हैं। पुलिस बलों ने देश को अनेक प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिये हैं।

उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में पुरूष वर्ग में 49 टीमों से कुल 791 खिलाड़ी और महिला वर्ग में 28 टीमों से कुल 297 खिलाड़ी भाग ले रही हैं। इनमें अर्ध सैनिक बलों की टीमें भी शामिल हैं। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में कई दशक पहले हरियाणा पुलिस में खेलों की शुरूआत की गई थी। यह गर्व की बात है कि 11 प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा 17 जनवरी को सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस के जवानों में अनुशासन की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। युवाओं को भी इनसे प्रेरणा लेकर अनुशासन, शिष्टाचार और नैतिक मूल्यों को जीवन में उतारना चाहिये। राज्यपाल ने कहा कि पुलिस जवानों को विपरीत परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। ऐसे में तनाव से मुक्ति के लिये जवानों को खेलों में भाग लेना चाहिये।

कटक से हुई थी पुलिस खेलों की शुरुआत डीजीपी शत्रूजीत कपूर
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने अखिल भारतीय पुलिस खेलों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन खेलों की शुरुआत 1951 में कटक से हुई थी। अब तक एचएपी में 18 अखिल भारतीय पुलिस खेलों का आयोजन किया जा चुका है। 73वें आल इंडिया पुलिस वालीबॉल कलस्टर के आयोजन के लिये एचएपी में सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय रहा है कि खिलाडिय़ों को भारत सरकार द्वारा उत्कृष्ट उपब्धियों के लिये समय-समय पर 4 पदमश्री, तीन मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, दो द्रोणाचार्य पुरस्कार, 26 अर्जुन पुरस्कार दिये जा चुके हैं। ओलंपिक खेलों में हरियाणा पुलिस ने दो पदक, एशियन खेलों में 22 और कॉमनवेल्थ खेलों में 22 और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 113, विश्व पुलिस खेलों में 100 पदक जीते हैं।

इस मौके पर हरियाणा पुलिस अकादमी के निदेशक डॉ एएस चावला, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक केके राव रोहतक रेंज, अंबाला रेंज के आईजी शिबास कविराज, करनाल रेंज के आईजी कुलदीप सिंह, आयोजन सचिव ओमप्रकाश नरवाल, सोनीपत की पुलिस आयुक्त नाजनीन भसीन, पीटीसी सुनारिया के महानिरीक्षक शिवचरण, उप महानिरीक्षक सुरेंद्र पाल, उपायुक्त उत्तम सिंह, एसपी करनाल गंगाराम पूनिया, पानीपत के एसपी लोकेंद्र सिंह, कुरुक्षेत्र के एसपी वरुण सिंगला, पुलिस अधीक्षक एचपीए पुष्पा खत्री, पुलिस अधीक्षक कमांडो नेवल राजेंद्र मीणा आदि मौजूद रहे।