आदर्श ग्राम योजना के तहत कार्यों को पूर्ण करने के लिए समय सीमा निर्धारित करें- अपूर्व देवगन
- उपायुक्त ने की जिला स्तरीय अभिसरण समिति की बैठक की अध्यक्षता
मंडी, 3 अक्टूबर। उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आज यहां प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गठित जिला स्तरीय अभिसरण समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें इस योजना के तहत मंडी जिला में चयनित आदर्श गांवों में जारी विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की गई।
उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2009-10 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का अभिसरण कर 40 प्रतिशत या इससे अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले गांवों का विकास सुनिश्चित करना है। योजना के तहत चयनित प्रत्येक आदर्श गांव को अंतर भरण निधि (गैप फीलिंग फंड) के रूप में 20 लाख रुपए आवंटित किए जाते हैं।
अपूर्व देवगन ने कहा कि मंडी जिला में इस योजना के अंतर्गत 141 आदर्श ग्राम चयनित किए गए हैं। इनमें से अभी तक 72 गांवों को सरकार की ओर से आदर्श गांव घोषित किया जा चुका है। इन गांवों में विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से पेयजल व स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें एवं आवास, विद्युत एवं स्वच्छ ईंधन, कृषि व्यवस्था, वित्तीय समावेशन, डिजिटाइजेशन, जीविकोपार्जन व दक्षता विकास जैसे क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत तीन गांवों का चयन कर सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत पुरस्कार भी प्रदान किए जाते हैं।
बैठक में बताया गया कि मंडी जिला में इन आदर्श गांवों के लिए अभी तक लगभग 9 करोड़ 68 लाख 40 हजार रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। इसके तहत विभिन्न विकास खंडों में 2,566 से अधिक कार्य विभिन्न चरणों में हैं। अभी तक लगभग 2 करोड़ 56 लाख रुपए से अधिक के उपयोगिता प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो चुके हैं।
उपायुक्त ने सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजना के तहत जारी कार्यों के पूर्ण होने के लिए समय सीमा निर्धारित कर इनकी निरंतर निगरानी करें। उन्होंने जिला स्तर पर डीआरडीए व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से निरंतर निगरानी एवं समीक्षा करने को भी कहा। उन्होंने उपस्थित ग्राम पंचायत प्रधानों से भी आग्रह किया कि वे अपनी-अपनी पंचायतों में जारी इन कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर गठित समितियां ही ग्राम विकास की योजना तैयार कर इन्हें जिला स्तर पर प्रेषित करती है। ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
जिला कल्याण अधिकारी ने बैठक की कार्रवाई का संचालन किया। बैठक में जिला विकास अधिकारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे, जबकि खंड विकास अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसमें जुड़े।
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मंडी में संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट पर तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू, उपायुक्त ने किया शुभारम्भ
भूकंपरोधी निर्माण के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियर की देखरेख में करवाएं भवन निर्माण-अपूर्व देवगन
मंडी, 3 अक्तूबर। मंडी में संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट पर तीन दिवसीय कार्यशाला आज से शुरू हो गई। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस कार्यशाला में भवनों की सुरक्षा जांच की जानकारी दी जाएगी। सर्कट हाउस मंडी में आयोजित इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के लगभग 80 इंजीनियर भाग ले रहे हैं। कार्यशाला का शुभारम्भ उपायुक्त मंडी एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपूर्व देवगन ने किया। उन्होंने बताया कि मंडी जिला भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील है। यहां का 97.4 प्रतिशत क्षेत्रफल भूकंप की श्रेणी पांच में आता है और बाकि 2.6 प्रतिशत क्षेत्रफल जोन चार में आता है। अगर मंडी जिला में कभी अधिक तीव्रता का भूकंप आ गया तो इससे भारी तबाही होगी।
उन्होंने कहा कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिला में जो भी निर्माण हो, वह भूकंप की दृष्टि से तय किए गए मापदण्डों के अनुसार हो तथा पहले से निर्मित भवनों को भूकंपरोधी बनाया जाए। इस अवसर पर उन्होंने जिला के नागरिकों से अनुरोध करते हुए कहा कि वह जब भी व्यावसायिक या निजी भवन का निर्माण करें तो नक्शे की स्ट्रक्चरल इंजीनियर से जांच जरूर करवा लें और उनकी देखरेख में ही निर्माण करें। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कार्यशाला भूकंप रोधी निर्माण करने में अवश्य सहायक सिद्ध होगी
उन्होंने बताया कि भूकंप के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार के निर्देश पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण हिमाचल प्रदेश और राजस्व विभाग इस दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि मंडी में सुरक्षित निर्माण अभ्यास पर आइआईटी रोपड़ और आइआईटी मंडी के सहयोग से विभिन्न विभाग जो सरकारी निर्माण करते हैं या निजी निर्माण की देखरेख करते हैं, उन विभागों को प्रशिक्षित किया गया है। आईआईटी मंडी में पुराने भवनों को रेट्रोफिटिंग द्वारा भूंकपरोधी बनाने को लेकर भी इंजिनियरों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशाला आयोजित की जा चुकी है। पहले चरण में आइआइटी रोपड़ ने मंडी जिला में रेट्रोफिटिंग के लिए 26 भवन चिन्हित किए हैं, जिनमें उपायुक्त कार्यालय, अस्पताल, स्कूल, पुलिस स्टेशन शामिल हैं।
कार्यशाला के पहले दिन एनआईटी हमीरपुर के प्रोफेसर डॉ हेमंत कुमार विनायक ने भूकंप रोधी गैर इंजीनियरिंग भवन निर्माण बारे विस्तृत जानकारी दी।
तीन दिवसीय कार्यशाला में लोक निर्माण, जल शक्ति, नगर एवं ग्राम योजना, भारत संचार निगम लिमिटेड,, नगर निकायों के इंजीनियर, ग्रामीण विकास विभाग के तकनीकी सहायक और शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
शुभारम्भ अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीडीएमए एवं एडीएम डॉ मदन कुमार, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण समन्वयक प्रीति नेगी उपस्थित रहे।
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नेहरू युवा केंद्र एवं एन एस एस कॉलेज द्वारा आयोजित सफाई अभियान
MANDI,3अक्तूबर,2024 युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से नेहरू युवा केन्द्र मंडी एवं एन एस एस इकाई वल्लभ महाविद्यालय द्वारा सफाई अभियान आयोजित किया गया,जिसमें 50 युवाओं ने भाग लिया। युवाओं द्वारा पंचवक्त्र मंदिर परिसर से प्लास्टिक एकत्रित किया गया एवं स्वच्छता शपथ ली गई । युवाओं द्वारा लोगो को जागरूक करने हेतु स्वच्छता रैली निकाली गई।नेहरू युवा केंद्र मंडी द्वारा स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पूरे मंडी जिला में चलाया जा रहा है। एन एस एस अधिकारी दीपाली जी एवं जिला युवा अधिकारी भारती मोंगरा ने युवाओं को इस प्रकार की गतिविधियां को करने के प्रेरित किया एवं युवाओं के इस प्रयास की सराहना की ।