बिलासपुर 10 जनवरी-राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला औहर में क्लस्टर स्तरीय वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर नियोजन, आवास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने की। क्लस्टर स्तरीय कार्यक्रम में 10 स्कूलों के लगभग विद्यार्थियों ने भाग लिया।
मंत्री धर्मानी ने कहा कि कलस्टर स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करना विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच पियर लर्निंग और प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि पियर लर्निंग के माध्यम से विद्यार्थी एक-दूसरे से ज्ञान साझा करते हैं और अपनी कमजोरियों को पहचानकर उनमें सुधार करते हैं। उन्होंने कहां कि ऐसे कार्यक्रमों से अच्छे स्कूलों की परफॉर्मेंस को देखकर अन्य स्कूलों के विद्यार्थी और अध्यापक भी प्रेरित होते हैं। उन्होंने स्कूलों में घटती छात्र संख्या पर चिंता व्यक्त कर इसे दूर करने के लिए क्लस्टर स्तर पर गतिविधियों के आयोजन को एक सकारात्मक कदम बताया।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों के विकास के लिए सहायक हैं, बल्कि पूरे शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह पहल निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विकास का एक मजबूत आधार बन सकती है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के समग्र विकास और शिक्षा में अध्यापकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कहा कि विद्यार्थियों को हर विषय पढ़ने और सीखने का अवसर मिलना चाहिए। लेकिन, कई बार स्कूलों में किसी विषय के अध्यापक की कमी होती है। इस समस्या को हल करने के लिए अध्यापकों को सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अध्यापक उन विषयों को साझा करें, जिनकी पढ़ाई एक स्कूल में संभव नहीं हो पा रही है। इसके लिए अध्यापक अपनी जिम्मेदारी को सुनिश्चित करें और दूसरे स्कूलों में जाकर सहयोग करें।उन्होंने कहा कि अध्यापकों को अपने स्कूलों के साथ जुड़े अन्य स्कूलों का दौरा करना चाहिए ताकि शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को डीजे पर नृत्य करने की बजाय अपने गीत गाने और स्वयं लिखी गई लघु नाटिकाओं का मंचन करने के लिए प्रेरित किया जाए। कहा कि अध्यापक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास विद्यार्थियों के आत्मनिर्भरता, रचनात्मकता और संचार कौशल को बढ़ावा देंगे।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना, वंदे मातरम, लोक नृत्य, एकल गान, समूह गान, गिद्धा और भाषण जैसे कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
शिक्षा उपनिदेशक जोगिंदर राव ने बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी बच्चों के लिए बेहद जरूरी हैं।
इस अवसर पर औहर स्कूल की प्रधानाचार्य मीनाक्षी शर्मा, अन्य विद्यालयों के प्रधानाचार्य, एसएमसी के सदस्य, पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा, पंचायत प्रधान प्रताप ठाकुर, सरदार रूप सिंह, कैप्टन विजय और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बच्चों के अभिभावकों ने भी भाग लिया।