सोलन- दिनांक 30.01.2025

यातायात नियमों का पालन ही सड़क सुरक्षा की सर्वोत्तम गांरटी - मनमोहन शर्मा
बाईक रैली को झण्डी दिखाकर किया रवाना


उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि यातायात नियमों का पालन सड़क सुरक्षा की सर्वोत्तम गारंटी है और हम सभी को नियम पालन के साथ-साथ संवेदनशीलता के साथ वाहन चलाना चाहिए। मनमोहन शर्मा आज यहां राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह-2025 के अंतर्गत ज़िला रेडक्रॉस समिति सोलन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि यातायात नियमों के पालन के साथ-साथ मदिरा के सेवन के उपरांत वाहन चलाना न केवल चालक अपितु अन्य यात्रियों एवं पथिकों की सुरक्षा के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा एक व्यापक विषय है और इसके अंतर्गत चालक के साथ-साथ अन्य सभी की सुरक्षा निहित है। सड़क सुरक्षा के लिए जन-जन का जागरूक होना आवश्यक है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वाहन चलाते समय अपने और अपने परिजनो के साथ-साथ सभी की सुरक्षा का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि दुर्घटना होने में एक पल लगता है किंतु उसके दुष्प्रभावों को बहुत लम्बे समय तक झेलना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि यातायात नियमों के विषय में प्रत्येक वाहन चालक को शिक्षित होना आवश्यक है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करें, अपनी लेन में चलें, सीट बैल्ट का प्रयोग करें, दुपहिया वाहन चालक हैलमेट का प्रयोग करना सुनिश्चित करें ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। उन्होंने विशेषकर युवाओं से आग्रह किया कि वाहन चलाते समय होश से काम ले और गति को नियंत्रित रखें।
उपायुक्त ने कहा कि सभी से आग्रह किया कि किसी भी दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति को समय पर चिकित्सा सहायता तक पहुंचाने में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में शारीरिक चोट लगने के उपरांत का पहला घण्टा अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और इस ‘गोल्डन ऑवर’ में घायल को तत्काल और समुचित प्राथमिक चिकित्सा देने से उसका जीवन बचने की सम्भावना कई गुणा बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली के तहत सभी आपातकालीन सहायता नम्बर जैसे पुलिस सहायता के लिए 100, अग्निकांड की घटनाओं के लिए 101 तथा एम्बुलैंस व आपदा प्रतिक्रिया के लिए 102 आदि को एक ही आपातकालीन नम्बर 112 में एकीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक ही निःशुल्क फोन नम्बर 112 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के समय आपातकालीन एम्बुलैंस नम्बर 108 के अतिरिक्त 112 नम्बर पर कॉल करके भी सड़क दुर्घटना पीड़ित को तुरंत सहायता उपलब्ध करवाई जा सकती है।
उपायुक्त ने कहा कि सड़क दुर्घटना के मामलों में कमी लाने के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने सभी को यातायात नियमों का पालन करने और अपने प्रियजनों को इसके प्रति जागरूक करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार देश में प्रतिवर्ष लगभग 16 हजार वाहन चालकों की मृत्यु का कारण सीट बैल्ट का प्रयोग न करना है। 22 हजार लोग सीट बैल्ट न लगाने की वजह से गम्भीर रूप से घायल होते है। एक आंकड़े के अनुसार देश में प्रतिवर्ष 1.50 लाख व्यक्ति सड़क हादसों में काल का ग्रास बनते हैं।
मनमोहन शर्मा ने इस अवसर पर सड़क सुरक्षा के विषय में लोगों को जागरूक करने के लिए बाईक रैली को झण्डी दिखाकर रवाना भी किया।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सोलन सुरेन्द्र ठाकुर, हिमाचल पथ परिवहन निगम सोलन के क्षेत्रीय प्रबंधक सुरेन्द्र राजपूत, रेडक्रॉस समिति सोलन के सदस्य कुल राकेश पंत, डॉ. लेख राम कौशिक, रेडक्रॉस समिति की सीमा व नेहरू युवा केन्द्र के अन्य सदस्य इस अवसर पर उपस्थित थे।

===================================

सोलन दिनांक 30.01.2025

राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन दिवस आयोजित

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सोलन के सौजन्य से राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन दिवस के अवसर पर आज व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र सेंट ल्यूक्स सोलन में कुष्ठ रोग से संबंधित जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता आए.बी.सी. समन्वयक राधा चौहान ने की।
उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग एक संक्रामक रोग है जो माइक्रोबैक्टेरियम नाम के बैक्टीरिया से होता है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क में रहने से फैलती है। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के समय उनके समीप उपस्थित अन्य को यह रोग हो सकता है।
राधा चौहान ने कहा कि कुष्ठ रोग आकस्मिक संपर्क जैसे कि हाथ मिलाने, गले मिलने, बर्तन साझा करने या साथ बैठने से नहीं फैलता है। उन्होंने कहा कि शरीर पर कोई भी दाग या पैच, शरीर के किसी भी भाग में सुन्नपन होना, शरीर पर लाल रंग या त्वचा के हल्के रंग का धब्बा होना जिसमें ठंड या गर्मी का एहसास ना हो, शरीर के किसी भी भाग में नसों का मोटा होना, शरीर पर ऐसा घाव जिसपर स्पर्श करने पर दर्द का अनुभव न हो, शरीर के घाव का कई हफ्तों या महीना तक ठीक ना होना, हाथ की उंगलियों की पकड़ कम होना इत्यादि कुष्ठ रोग के लक्षण हैं।
उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग का उपचार संभव है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति में उपरोक्त लक्षण दिखाई दें तो वह निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करवाएं ताकि सही समय पर उपचार आरम्भ हो सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्रों में कुष्ठ रोग की जांच निःशुल्क की जाती है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन दिवस का उद्देश्य समाज में कुष्ठ रोग के प्रति फैली भ्रांतियां को दूर करना है ताकि स्वस्थ समाज के निर्माण में सभी का सहयोग मिल सके।