HAMIRPUR-30.01.25-
“वो दिन योजना” के अंतर्गत जिला स्तरीय जागरूकता शिविर का
किया गया आयोजन
ज़िला कार्यक्रम अधिकारी, हमीरपुर के सौजन्य से बहुतकनीकी कॉलेज बडू में
महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वाकांक्षी योजना “वो दिन” जागरूकता
शिविर का आयोजन किया गया I शिविर में महिला एवं बाल विकास विभाग से
जेंडर स्पेशलिस्ट वंदना ठाकुर, निशा देवी और प्रदीप कुमार एवं स्वास्थ्य
विभाग से स्वास्थ्य शिक्षक श्री कमल भारती कॉलेज प्रवंधन एवं 100 से
अधिक प्रशिक्षु उपस्थित रहे I शिविर का उदेश्य नयी पीढ़ी को मासिक धर्म
स्वच्छता प्रवंधन एवं इससे जुड़ी भ्रान्तिओं के प्रति जागरूक करना है I श्री
कमल भारती ने छात्रों को मासिक धर्म की जानकारी देते हुए कहा कि अपने
मासिक धर्म को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए, लड़कियों और महिलाओं
को पानी, स्वच्छता और स्वच्छता सुविधाओं, सस्ती और उचित मासिक धर्म
स्वच्छता सामग्री और एक सहायक वातावरण तक पहुँच की आवश्यकता होती
है जहाँ वे बिना किसी शर्मिंदगी या कलंक के मासिक धर्म का प्रबंधन कर सकें।
उन्होंने बच्चों को अपनी जीवनशैली में सुधार करने अपने खान पान में फलों व
हरी सब्जिओं का भरपूर सेवन करने की सलाह दी ताकि शरीर को आवश्यक
पोषण मिलता रहे I वंदना ठाकुर ने छात्रों को मासिक धर्म से जुड़ी भ्रान्तिओं पर
विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि अपनी छोटी बहनों से मासिक धर्म के बारे
में बात करना उसे मासिक धर्म को समझने और उसके साथ सहज होने में
मदद करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। अंत में मासिक धर्म स्वच्छता प्रवंधन
एवं अनीमिया विषय पर चित्रकला एवं नारा प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को
पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया I
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गीत-संगीत और नाटक से दिया सड़क सुरक्षा जागरुकता का संदेश
हमीरपुर 30 जनवरी। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय हमीरपुर ने सड़क सुरक्षा माह-2025 के तहत वीरवार को बस स्टैंड हमीरपुर और बस स्टैंड नादौन में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए।
इन कार्यक्रमों के दौरान सूचना एवं जनसंपर्क से संबद्ध नटराज कला मंच के लोक कलाकारों ने लोकगीत-संगीत और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आम लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक रहने का संदेश दिया। नटराज कला मंच के अध्यक्ष राजीव जस्सल की अगुवाई में इन लोक कलाकारों ने लोगों से यातायात के नियमों का पालन करने, वाहन चलाते समय हमेशा सावधानी बरतने और किसी कारणवश सड़क दुर्घटना होने पर घायल व्यक्ति की तुरंत मदद करने की अपील की। लोक कलाकारों ने बताया कि अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं मानवीय भूल या यातायात के नियमों के उल्लंघन के कारण ही होती हैं। इसलिए, सभी लोगों को यातायात के नियमों की अक्षरशः अनुपालना करनी चाहिए।
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लंबेड़ा की 35 महिलाओं ने सीखी मशरूम की खेती
हमीरपुर 30 जनवरी। पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) द्वारा गांव लंबेड़ा की महिलाओं के लिए आयोजित मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शिविर वीरवार को संपन्न हो गया। इस शिविर में गांव की 35 महिलाओं ने मशरूम की खेती की आधुनिक तकनीक की जानकारी हासिल की।
शिविर के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए जिला अग्रणी प्रबंधक टशी नमग्याल ने प्रतिभागी महिलाओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि आरसेटी के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद महिलाएं घर में ही मशरूम का उत्पादन शुरू कर सकती हैं या अपने उद्यम स्थापित कर सकती हैं। स्वयं सहायता समूहों का गठन करके भी महिलाएं अपना उद्यम या कारोबार चला सकती हैं।
इस अवसर पर आरसेटी के निदेशक अजय कुमार कतना ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा उन्हें संस्थान की विभिन्न गतिविधियों एवं उपलब्धियों से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण के बाद प्रतिभागी महिलाओं का मूल्यांकन ईडीपी के मूल्यांकनकर्ता रविंद्र शर्मा और देवी राम द्वारा किया गया।
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आपदा प्रभावितों के लिए मददगार होगी 3-डी एवं लैगो तकनीक : राहुल चौहान
कार्यवाहक उपायुक्त ने किया डीडीएमए की तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन
हमीरपुर 30 जनवरी। किसी भी तरह की आपदा के कारण बेघर होने वाले लोगों के लिए बेहतर अस्थायी आश्रय यानि शैल्टर इत्यादि बनाने का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के सहयोग से यहां होटल हमीर में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला वीरवार को संपन्न हो गई। इस कार्यशाला में विभिन्न डिग्री कॉलेजों, अन्य शिक्षण संस्थानों, लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनरों ने आधुनिक 3-डी और लैगो तकनीक से बनने वाले अस्थायी शैल्टरों के बारे में गहन जानकारी हासिल की। इस दौरान ब्रिटेन के बर्मिंघम के एस्टन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को 3-डी और लैगो तकनीक की बारीकियां समझाईं।
कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए एडीएम एवं कार्यवाहक उपायुक्त राहुल चौहान ने कहा कि किसी भी तरह की आपदा के बाद प्रभावितों को अस्थायी आश्रय प्रदान करना भी आपदा प्रबंधन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू होता है। इसके मद्देनजर डीडीएमए हमीरपुर द्वारा आयोजित यह तीन दिवसीय कार्यशाला काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। क्योंकि, आपदाओं के बाद किए जाने वाले विभिन्न प्रबंधों को लेकर हिमाचल प्रदेश में संभवतः यह एक नई पहल है। आपदा प्रभावितों के लिए बेहतरीन अस्थायी आश्रय प्रदान करने की दिशा में यह कार्यशाला एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। उन्होंने कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों और डीडीएमए के अधिकारियों से आह्वान किया कि वे इस आधुनिक तकनीक के बारे में अधिक से अधिक हितधारकों और आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को अवगत करवाएं। कार्यवाहक उपायुक्त ने 3-डी और लैगो तकनीक से तैयार किए गए विभिन्न मॉडलों का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर एस्टन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों डॉ कोमल राज आर्यल और डॉ. यी-चुंग लियू, डीडीएमए की प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण अधिकारी समीक्षा शर्मा तथा जिला एमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के प्रभारी भानु शर्मा ने कार्यवाहक उपायुक्त को कार्यशाला के दौरान करवाई गई विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यशाला के समापन अवसर पर एसडीएम संजीत सिंह और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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15 मार्च तक चलेगा ‘मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ’ अभियान
जिला हमीरपुर में लगभग 24716 किसानों की गेहूं की फसल का किया गया है बीमा
हमीरपुर 30 जनवरी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत जिला हमीरपुर में भी एक फरवरी से 15 मार्च तक ‘मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ’ अभियान चलाया जाएगा। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. शशिपाल अत्री ने बताया कि इस अभियान के तहत तहसील सुजानपुर की ग्राम पंचायत दाड़ला में किसानों को फसल बीमा योजना की पॉलिसी के दस्तावेज वितरित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान पीएमएफबीवाई में नामांकित किसानों को ग्राम और पंचायत स्तर पर विशेष शिविरों के माध्यम से फसल बीमा पॉलिसियों की हार्ड कॉपी वितरित की जाएगी। उपनिदेशक ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य योजना के तहत नामांकित सभी ऋणी और गैर-ऋणी किसानों तक पहुंचना एवं उन्हें फसल बीमा के बारे में जागरुक कराना, प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना तथा उनकी आय को सुनिश्चित करना है, ताकि वे अपने कृषि कार्य को सुचारू ढंग से जारी रख सकें।
उपनिदेशक ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार द्वारा अधिसूचित खरीफ और रबी की फसल उगाने वाले बटाईदारों और काश्तकारों सहित सभी किसान अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेने वाले किसानों का स्वतः ही बीमा कर दिया जाता है।
जबकि, अन्य पात्र किसान अपना फोटो, पहचान पत्र, आधार कार्ड और अपनी भूमि के कागजात सहित बीमा कंपनी या नजदीकी लोकमित्र केंद्र, बैंक या ऑनलाइन माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। किसी भी प्रकार के परामर्श के लिए जिला स्तर पर कृषि उपनिदेशक कार्यालय तथा खंड स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
उपनिदेशक ने बताया कि वर्तमान रबी सीजन के लिए जिले के किसानों की गेहूं की फसल के बीमे के लिए प्रति कनाल 36 रुपये प्रीमियम निर्धारित किया गया था, जिसकी अंतिम तिथि 15 जनवरी थी। इसके तहत जिले के लगभग 24716 किसानों की फसल का बीमा किया गया है।
उपनिदेशक ने जिला हमीरपुर के सभी किसानों से अनुरोध किया है कि वे इस योजना का लाभ उठाने के लिए बीमा कंपनी क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के जिला पर्यवेक्षक संदीप कुमार से या टॉल फ्री नंबर 14447 पर संपर्क कर सकते हैं।
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10वीं-12वीं पास और आईटीआई युवाओं के लिए कॅरियर बनाने का अवसर
हमीरपुर 30 जनवरी। जिला रोजगार अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि दसवीं-बारहवीं पास और आईटीआई डिप्लोमाधारक युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए पीएम इंटर्नशिप स्कीम आरंभ की गई है। दसवीं-बारहवीं पास और आईटीआई डिप्लोमाधारक 21 से 24 वर्ष तक के युवक-युवतियां इस स्कीम की वेबसाइट पीएमइंटर्नशिप.एमसीए.जीओवी.इन pminternship.mca.gov.in पर अपनी इच्छानुसार कंपनियों एवं रिक्तियों का चयन करके आवेदन कर सकते हैं।
जिला रोजगार अधिकारी ने पात्र युवक-युवतियों से इस वेबसाइट का अवलोकन करने की अपील की है।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण चौधरी की अध्यक्षता में मुख्य चिकित्सा कार्यालय में कुष्ठ निवारण दिवस का आयोजन किया गया
HAMIRPUR, 30.01.25-आज दिनांक 30/01/2025 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण चौधरी की अध्यक्षता में मुख्य चिकित्सा कार्यालय में कुष्ठ निवारण दिवस का आयोजन
किया गया इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कुष्ठ रोग के बारे
में जानकारी दी गई और कार्यालय के सभी कर्मचारी वर्ग को शपथ दिलाकर
कुष्ठ रोग की जागरूकता के बारे में संदेश दिया गया l इस अवसर पर जिला
स्वास्थ्य अधिकारी डा. संजय जगोता, जिला कुष्ठ रोग कार्यक्रम अधिकारी
डा. सुनील वर्मा, डा. राकेश ठाकुर, डा. अजय अत्री, डा. कमलजीत व कार्यालय
के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे l
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीण चौधरी द्वारा
बताया गया की कुष्ठ रोग अन्य बिमारियों की तरह ही एक संक्रामक रोग है
जब कोई स्वस्थ व्यक्ति लम्बे समय तक कुष्ठ रोग से संक्रमित व्यक्ति के
साथ रहता है तो उस व्यक्ति में कुष्ठ रोग के पनपने की संभावना बढ़ जाती
है l उन्होंने बताया की यदि त्वचा के उपर लाल या हल्के रंग का धब्बा
होना व उसमें सुन्नापन होना, त्वचा पर उभार, मोटा व कठोर या शुष्क होना,
शरीर के घाव का कई सप्ताह व महीनों तक ठीक ना होना, यदि इनमें से कोई भी
लक्षण शरीर में हों तो शीघ्र नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर से
अपनी जाँच करवाएं l कुष्ठ रोग की शीघ्र जाँच व उपचार से इस रोग की
विकृतियों से बचा जा सकता है और उन्होंने बताया की राजीव गाँधी अन्न
योजना के तहत जो नवम्बर 2016 से शुरू हुई है कुष्ठ रोगियों को अन्न व
अन्य राशन मुफ्त दिया जा रहा है जिसका प्रावधान खाद्य पूर्ति विभाग
द्वारा किया जा रहा है l इसके अतिरिक्त कल्याण विभाग द्वारा हर महीने
कुष्ठ रोगियों व ठीक हो चुके कुष्ठ रोगियों व जिनका उपचार चला हुआ है
उनको हर महीने 1100 रुपए की पेन्सन दी जाती है l जिसके लिए वे नजदीकी
कल्याण विभाग के अधिकारियों से संपर्क करें l
उन्होंने इस अवसर पर अपने कर्मचारियों को शपथ दिलाते कहा
हम ज़िला हमीरपुर के निवासी शपथ लेते हैं की हम अपने जिले को कुष्ठ रोग
से मुक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगें l कुष्ठ रोग की पहचान करना आसान
है और इसका इलाज पूर्णत: संभव है l हम सभी कुष्ठ मामलों का जल्द से जल्द
पता लगाने के लिए सभी प्रयास करेंगे और जिले में उपलब्ध सभी संभावित
संसाधनों का उपयोग करेंगे l साथ ही हम कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों
के साथ भेदभाव नहीं करेंगे और न ही दूसरों को किसी प्रकार का भेदभाव
करने देंगे l हम व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से कुष्ठ रोग से प्रभावित
व्यक्तियों के खिलाफ कलंक और भेदभाव को समाप्त करने के लिए काम करेगें और
उन्हें मुख्य धारा में लाने में योगदान देंगे l
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दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया है सिंचाई योजना भकरेड़ी का पंप हाउस
हमीरपुर 30 जनवरी। जलशक्ति विभाग के बड़सर मंडल के अधिशाषी अभियंता डीआर चौहान ने सिंचाई योजना भकरेड़ी की पुरानी मशीनरी एवं पंप हाउस के संबंध में एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर एवं फोटो का कड़ा संज्ञान लेते हुए बताया कि इस योजना का निर्माण वर्ष 1992 में हुआ था और वर्ष 2015 में इस योजना के लिए नए पंप हाउस का निर्माण करके सारी मशीनरी को वहां स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि खबर में दर्शाए गए फोटो पुराने पंप हाउस के हैं।
अधिशाषी अभियंता ने बताया कि सिंचाई योजना भकरेड़ी के माध्यम से किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। वर्तमान में एचपीशिवा परियोजना का एक फेज भी इसी स्रोत से बनाया जा रहा है जोकि एक अलग परियोजना है। उन्होंने बताया कि समाचार पत्र में दर्शाए गए फोटो पुराने पंप हाउस के हैं।
अधिशाषी अभियंता ने बताया कि इस सिंचाई योजना के संबंध में उनकी किसी भी पत्रकार के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है।