शिवरात्रि मेला में गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री बिक्री के साथ स्वच्छता की जाएगी सुनिश्चित-अपूर्व देवगन
मेले में आने वाले दुकानदारों का खाद्य सुरक्षा विभाग करेगा अस्थायी पंजीकरण

मंडी, 30 जनवरी। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री की बिक्री हो, दुकानदार स्वच्छता का ध्यान रखें, इसके लिए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाने के संकेत दे दिए हैं। मेले में दुकानदार बिना खाद्य सुरक्षा विभाग से अस्थायी पंजीकरण किए बिना कोई भी खाद्य सामग्री की बिक्री नहीं कर पाएगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मेले के दौरान घटिया खाद्य सामग्री की बिक्री को प्रतिबंधित करने और केवल गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें मेले में आने वाले सभी दुकानदारों को खाद्य सुरक्षा विभाग से अस्थायी खाद्य सुरक्षा अनुमति (अस्थायी पंजीकरण) लेना अनिवार्य कर दिया गया गया है। दुकानदार अस्थायी खाद्य सुरक्षा अनुमति प्राप्त करने के लिए foscos.fssai.gov.inऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं । इस अनुमति के लिए मु0 100 रुपये/- शुल्क निर्धारित किया गया है। मेले के दौरान दुकानदारों की सुविधा के लिए विभाग द्वारा अस्थायी लाइसेंस/पंजीकरण करने के लिए सहायता केन्द्र प्रदर्शनी स्थल में भी स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मेले के दौरान खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता की निगरानी करने के लिए एक कमेटी भी गठित की जा रही है। कमेटी खाद्य सुरक्षा निरीक्षणों के साथ-साथ विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (एफएसएस अधिनियम) और स्वच्छता नियमों के बारे में शिक्षित करेगी। वहीं मौके पर ही खाद्य गुणवत्ता और मिलावट की भी जांच करेगी। मेले के दौरान पड्डल मैदान में दो मोबाइल टेस्टिंग वैन भी तैनात रहेंगी।

=================================================
साईगलु में बच्चों ने सीखे आपदा में बचाव के गुर

मंडी, 30 जनवरी। एन.डी.आर.एफ की 14वीं वाहिनी की एक टीम द्वारा बुधवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय साईगलु के बच्चों और शैक्षणिक स्टाफ को आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा के संबंध में जागरूक करने हेतु एक कैंप का आयोजन किया। कैंप का उद्देश्य बच्चों को आपदाओं से निपटने के महत्वपूर्ण उपायों से अवगत कराना था।
इस दौरान एनडीआरएफ की टीम ने छात्रों को आपदाओं के समय सही प्रतिक्रिया, भूकंप से बचाव, घरेलू आग से सुरक्षा, कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर), आग पर काबू पाने के तरीके, प्राथमिक उपचार आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
डिप्टी कमांडेंट (ऑपरेशन)एनडीआरएफ धर्मेंद्र ठाकुर ने बताया कि बच्चों और समुदाय को आपदाओं से निपटने हेतु सजग और तैयार करने में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से न केवल जन जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि आपदा के समय समुदाय की प्रतिक्रियाशीलता भी मजबूत होगी।
इस दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य और शैक्षणिक स्टाफ भी उपस्थित थे। उन्होंने आपदा प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की और इसे अपने समुदाय में साझा करने का संकल्प लिया।
=======================================
कुष्ठ रोग निवारण दिवस पर नर्सिंग स्कूल और दिव्य ज्योति स्कूल मंडी के प्रशिक्षुओं ने निकाली जागरूकता रैली
मंडी, 30 जनवरी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर नर्सिंग स्कूल क्षेत्रीय अस्पताल मंडी तथा दिव्य ज्योति स्कूल के क्षेत्रीय अस्पताल मंडी के प्रशिक्षुओं ने कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक करने के लिए मंडी शहर में जागरूकता रैली निकाली। महात्मा गांधी जी की पुन्यतिथि पर हर वर्ष कुष्ठ रोग निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं ने जन-जन की यही आवाज़, कुष्ठ मुक्त रहे समाज नारे लगाकर लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र भारद्वाज ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जिला की समस्त पंचायतों की ग्राम सभाओं में जिला पंचायत अधिकारी के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए शपथ दिलाई गई। लोगों को इस रोग निवारण के प्रति जागरूक करने के लिए 30 जनवरी से 14 फरवरी तक जागरूकता अभियान चलेगा। उन्होंने कहा की इस रोग से लोगों को घबराना नहीं चाहिए। अगर किसी को लक्षण दिखाई देते हैं तो वह अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में जाकर चेकअप करवाए। ताकि उपचार से समय रहते दवा से रोग की रोकथाम की जा सके।
डॉ नरेद्र भारद्वाज ने बताया कि कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के प्रति भेदभाव को समाप्त करने और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कुष्ठ रोग एक बहुत ही कम संक्रामक रोग है जो चमड़ी में दाग तथा उस दाग में सुनापन व दर्द का एहसास होना या एहसास न होना रोग की पहचान होती है। इसके अलावा हाथ पैर में सूजन वह आंखों में कमजोरी चेहरे कान में सूजन आना जैसे लक्षण होते हैं। उन्होंने बताया कि जिला मंडी में बहुत ही कम कुष्ठ रोगी हैं और बहुत ज्यादा रोगी ठीक होकर अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।