स्थानीय मेलों के उपलक्ष्य में संबंधित उपमंडलों में स्थानीय अवकाश घोषित, डीसी ने जारी किए आदेश
गगरेट में 26, हरोली में 28 और बंगाणा में 6 को स्थानीय अवकाश

ऊना, 22 अप्रैल। उपायुक्त एवं जिला दंडाधिकारी जतिन लाल ने शिवबाड़ी मेला, राज्य स्तरीय हरोली उत्सव तथा जिला स्तरीय पिपलू मेले के अवसर पर संबंधित उपमंडलों में स्थानीय अवकाश घोषित करने के आदेश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक 26 अप्रैल (शनिवार) को उपमंडल गगरेट में शिवबाड़ी मेले, 28 अप्रैल (सोमवार) को उपमंडल हरोली में राज्य स्तरीय हरोली उत्सव और 6 जून (शुक्रवार) को उपमंडल बंगाणा में पिपलू मेले के उपलक्ष्य में स्थानीय अवकाश घोषित किए हैं। इसके अलावा उपायुक्त ने बताया कि ऊना और अंब उपमंडल के अधिकार क्षेत्र में लागू स्थानीय अवकाश की अधिसूचना यथासमय जारी की जाएगी।
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एलपीजी बॉटलिंग प्लांट के समीप पराली एवं खुली आग जलाने पर प्रतिबंध, उपायुक्त ने जारी किए आदेश
ऊना, 22 अप्रैल। जिला ऊना के रायपुर सहोड़ा, मैहतपुर स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की सीमा दीवार से 60 मीटर की परिधि के भीतर पराली जलाने तथा किसी भी प्रकार की खुली आग जलाने से संबंधित गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश जिला दंडाधिकारी ऊना जतिन लाल द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 33 एवं 34 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जन सुरक्षा एवं संभावित आपदा की रोकथाम के दृष्टिगत जारी किए गए हैं।

उपायुक्त ने बताया कि आईओसीएल का यह एलपीजी बॉटलिंग प्लांट एक अत्यंत महत्वपूर्ण सार्वजनिक सुविधा है, जहाँ बल्क एलपीजी का भंडारण एवं घरेलू उपयोग हेतु एलपीजी सिलेंडरों में भराई की जाती है। यह प्लांट हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब के कुछ क्षेत्रों की घरेलू एलपीजी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है तथा इसमें लगभग 900 मीट्रिक टन अत्यधिक ज्वलनशील एलपीजी का भंडारण किया जाता है। उन्होंने कहा कि एलपीजी अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ है, और प्लांट के निकट पराली या अन्य किसी प्रकार की खुली आग जलाने से आगजनी एवं विस्फोट का गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है, जिससे जनजीवन, सार्वजनिक संपत्ति एवं पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचने की आशंका रहती है।

उपायुक्त ने संबंधित उपमंडल दंडाधिकारी, तहसीलदार, पुलिस तथा स्थानीय पंचायत अधिकारियों को आदेशों की कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, इन आदेशों की अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धाराओं 51 से 60 के अंतर्गत नियमानुसार कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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उपायुक्त ने सार्वजनिक सुरक्षा और वनों की सुरक्षा के मद्देनज़र जारी किए आदेश
ऊना, 22 अप्रैल। जिला दंडाधिकारी ऊना जतिन लाल ने गर्मी के मौसम में वनों में आग लगने की घटनाओं और उससे उत्पन्न होने वाले सार्वजनिक सुरक्षा खतरों को मद्देनजर रखते हुए आदेश जारी किए हैं। डीसी ने यह आदेश हिमाचल प्रदेश ग्राम और लघु नगर गश्त अधिनियम, 1964 की धारा 3(1) के तहत जारी किए हैं। आदेश के अनुसार, ऊना जिले में आने वाले सभी गांवों के सक्षम वयस्क पुरुष निवासियों को वन विभाग के साथ सहयोग करते हुए वनों में आग की घटनाओं से निपटने तथा सार्वजनिक संपत्तियों/सुविधाओं की सुरक्षा के लिए निगरानी और रखवाली में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए हैं। उपायुक्त ने कहा कि इसका उद्देश्य जंगलों को आग से बचाने के लिए सामुदायिक भागीदारी को सुनिश्चित बनाना है ताकि प्राकृतिक संसाधनों और सार्वजनिक हितों की प्रभावी रूप से रक्षा की जा सके। यह आदेश 15 जुलाई, 2025 तक प्रभावी रहेंगे।