चंडीगढ़ 21 जून: सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आर्शीवाद से संत निरंकारी सत्संग भवन सैक्टर 15 डी व सैक्टर 30 ए चंडीगढ़ और मणिमाजरा में अन्तर्राष्ट्रीय योगा दिवस के अवसर पर शिविर का आयोजन सुबह 6 बजे से 7 बजे तक किया गया। जिसमें सभी एरिया की साधसंगत व सेवादल के भाई बहनों व बच्चों ने उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया। इस शिविर का आरम्भ निरंकार प्रभु-परमात्मा का सिमरण करवाकर किया गया।

चंडीगढ़ ब्रांच के संयोजक श्री नवनीत पाठक जी ने बताया कि आज चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा चंडीगढ के राॅक गार्डन में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग शिविर के अवसर पर हर साल की तरह संत निरंकारी मिशन के 100 के करीब सेवादल सदस्यों ने प्रशासन को सहयोग दिया। निरंकारी सेवादल के सेवक सुबह 4:30 बजे अपनी अपनी सेवादल की वर्दी में राॅक गार्डन में पहंुच गए थे। उन्होंने योग शिविर में आए साधकों को सुविधापूर्वक बिठाने और अन्य सुविधाओं में सहयोग दिया। इस अवसर पर संत निरंकारी मिशन की तरफ से सन्त निरंकारी सेवादल के चंडीगढ़ क्षेत्र के क्षेत्रीय संचालक श्री करनैल सिंह भूल्लर जी व चंडीगढ़ के सभी एरिया के संचालक और अधिकारी उपस्थित थे।

उन्होने आगे कहा कि अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के आदेशानुसार आज पूरे भारतवर्ष में 400 से अधिक ब्रांचों में ऐसे शिविरों का आयोजन किया गया और उन्होने कहा कि योग से हमारा शरीर तंदरूस्त होता है वहीं निरंकार प्रभू के ज्ञान से हमारी आत्मा को संतुष्टी मिलती है।

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने भी अपने विचारों में ‘स्वस्थ मन सहज जीवन’ अपनाने का दिव्य मार्गदर्शन देते हुए यही समझाया कि हमें अपने शरीर को निरंकार प्रभु की अमोलक देन समझते हुए उसे स्वस्थ एवं सेहतमंद बनाए रखना है। अतः ऐसे स्वास्थ्यवर्धक कार्यक्रमों का उद्देश्य यही है कि हमें भागदौड़ वाली जिदंगी में अपनी सेहत पर और ध्यान देते हुए उसे बेहतर एवं उत्तम बनाते हुए अच्छा जीवन जीना है।

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के निर्देशन में जहां आध्यात्मिक जागरूकता को अधिक महत्व दिया जा रहा है वहीं समाज कल्याण के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, बाल विकास, युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक मागदर्शन देने हेतु अनेक परियोजनाओं को क्रियान्वित रूप से संचालित किया जा रहा है। मिशन इन गतिविधियों के लिए सदैव सराहा एवं प्रशंसा का पात्र भी रहा है। सत्गुरु माता जी का यही कहना है कि हम सभी में आध्यात्मिक जागृति तभी संभव है जब हम शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ हो तभी हम सभी का संपूर्ण सर्वांगीण विकास हो सकता है। अतः हमें समय समय पर स्वास्थ्य जागरूकता हेतु भी अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए ताकि हम तन एवं मन से स्वस्थ रह सके।