बिलासपुर 17 सितंबर 2024-प्रदेश सरकार के नगर एवं ग्रामीण नियोजन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने मंगलवार को मत्स्य विभाग के निदेशालय में विभाग की ओर से आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विभाग को प्रदेश में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ मछली के प्रसंस्करण की ओर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया ताकि बाजार में मांग से अधिक उत्पादन होने पर प्रसंस्करण के माध्यम से मूल्यवर्धन मत्स्य पदार्थ बनाए जा सके जिससे मछली उत्पादन से जुड़े लोगों को किसी भी प्रकार के हानि ना हो।

उन्होंने मत्स्य विभाग को ऐसी योजनाओं पर काम करने का सुझाव दिया जोकि पर्यटन गतिविधियों के साथ जुड़े।
उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर चंडीगढ़ मनाली और धर्मशाला शिमला फोरलेन से जुड़ चुका है जिसके कारण जिला में पर्यटन गतिविधियों में बढ़ावा देखने को मिल रहा है ऐसे में मंडी भराड़ी से लेकर औहर और मनाली तक के क्षेत्र में फिश वेंडर जोन बनाए। इन गतिविधियों से पर्यटकों को विशेष कर बिलासपुर के क्षेत्र में रोका जा सकता है। जहां पर्यटक जिला में उत्पादित मछली के बने व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं इससे जिला के मछुआरों सहित जिला के युवाओं को भी बड़ी मात्रा में रोजगार मिल सकता है। मंत्री राजेश धर्मानी ने विभाग को फिश फूड मेला के आयोजन करने का भी निर्देश दिया इसके साथ उन्होंने जिला के विभिन्न उत्सवों और मेलों के दौरान भी विभिन्न प्रकार के मछली से बने व्यंजनों का स्टॉल लगाने के भी निर्देश दिए।

मंत्री राजेश धर्मानी ने कहां की विभाग की सभी योजनाओं को इस तरह बनाएं कि वह युवाओं को आकर्षित कर सके तभी जिला के युवा मछली पालन से जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार फिश पॉन्ड बनाने के लिए 80 प्रतिशत तक लोगों को सब्सिडी दे रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाओं को मनरेगा के साथ जोड़ें ताकि मछली उत्पादन से जुड़ने वाले लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
मंत्री ने चमेरा और रणजीत सागर डैम में मछली के कम उत्पादन पर अधिकारियों को विशेष ध्यान देने को कहा इसके अतिरिक्त कोल डैम में स्थानीय लोगों की मछली उत्पादन और मछली पकड़ने के लिए कम रुचि पर दिखाने पर चर्चा की गई। और इस क्षेत्र में लोगों को मछली उत्पादन से जोड़ने के लिए सभी संभावनाएं तलाशने लिए विभाग को निर्देश दिए गए । ताकि कोल डैम में भी अधिक से अधिक मछली का उत्पादन हो सके जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सके।
उन्होंने निदेशक को अपने विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अधिक से अधिक वर्कशॉप के आयोजन करने के लिए कहा ताकि लोगों को मछली पालन से संबंधित सभी आधारभूत जानकारियां मिल सके। इसके अतिरिक्त अपने विभाग के अधिकारियों को अन्य प्रदेशों में भी ट्रेनिंग के लिए भेजें ताकि जिससे मछली उत्पादन से जुड़े ज्ञान का आदान-प्रदान हो सके।

इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में निदेशालय द्वारा बनाए गए मछली पलकों और प्रदेश में मछली से तैयार उत्पादकों को बेचने वाले वेंडर की निर्देशिका को ऑनलाइन और गूगल मैप से जोड़ने के निर्देश दिए ताकि प्रदेश में सभी वंडर्स की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके और पर्यटकों को भी इनके लोकेशन का पता आसानी से चल सके।

इस अवसर पर उन्होंने विभाग को प्रदेश के सभी नदी नालों में अधिक से अधिक स्थानीय मछलियों के बीज डालने के निर्देश दिए ताकि प्रदेश के नदी नालों में भी अधिक से अधिक मछली उत्पादन हो सके।
राजेश धर्मानी ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2023— 24 के दौरान 17721.64 मीट्रिक टन मछली का मछली का उत्पादन किया गया जिससे 273.49 करोड रुपए की आय प्राप्त हुई जो पिछले वर्ष से लगभग 12 करोड़ रुपए अधिक है। उन्होंने बताया की जो वर्ष 2022–23 के दौरान 17025.97 मेट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ था।

इस अवसर पर निर्देशक विवेक चंदेल ने बताया कि प्रदेश
के सात जिलों में ट्राउट मछली का उत्पादन किया जा रहा है
जिसमें 1442 ट्राउट यूनिट्स संचालित किया जा रहे हैं और लगभग 1400 मिट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रदेश में दो ब्रूड बैंक नालागढ़ और पतली कुहल में बनाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त हमीरपुर में 25 करोड़ की लागत से एक्वा पार्क बनाया जाना विचाराधीन हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री संपदा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024 25 के लिए प्रदेश को 26 करोड़ 20 20 लाख रुपए विकृत किए गए हैं।

इस अवसर पर सदस्य हिमुडा जितेंद्र चंदेल सहित विभाग के अधिकारी और मछली उत्पादन के व्यवसाय से जुड़े कोऑपरेटिव सोसाइटीज के सदस्य उपस्थित रहे।