चंडीगढ़:15.11.24- शहर के तीन प्रतिष्ठित साहित्यकार प्रेम विज, डा. सरिता मेहता और आर.के भगत का जन्म दिन गीत संगीत और कविताओं से धूमधाम से आज कम्युनिटी सेंटर 43 के सभागार में मनाया गया। जिस में आचार्यकुल के अध्यक्ष के. के. शारदा, पार्षद प्रेम लता और शास्त्रीय गायिका कलकत्ता से पधारी डा. संगीता चौधरी, अध्यक्ष मंडल में शामिल थीं। कार्यक्रम का आयोजन आचार्यकुल चंडीगढ़ से आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ जिसे सुमेश गुप्ता ने अपनी मधुर आवाज से प्रस्तुत किया। कवयित्री और गायिका पल्लवी रामपाल ने प्रेम विज के लिखे गीत- अगर दुनियां वालों मोहब्बत ना होती/किसी को किसी की जरूरत ना होती। मधुर आवाज में प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी। अमेरिका से डा. सरिता मेहता ने गीत के माध्यम से कहा- सुंदर सुरभित अपनों से/ खिला सदा संसार रहे। डा. विनोद शर्मा ने कविता के माध्यम से कहा- क्या बताऊं वह कैसी थी मुलाकात/ चाहता था उन से मिलना/ जिस ने साहित्य को आयाम दिया। डा. संगीता चौधरी ने गीत पेश किया- कहते हैं सारे हंसते नजारे/ खुशियां लुटाए चला जा। डा. अनीश गर्ग और डा. प्रज्ञा शारदा ने भी खुशियों भरी कविताएं सुनाई।

के. के. शारदा ने वर्षों पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए बताया कि वर्षों से इन साहित्यकारों का जन्म दिन मनाया जा रहा है, इन तीनों का जन्म दिन एक ही दिन यानी 15 नवंबर है। कृष्ण आर्य ने रचना प्रस्तुत करते हुए कहा- शब्द नहीं मिलते।  डेजी बेदी जुनेजा, विमला गुगलानी, डा. संगीता शर्मा कुन्दरा, राशि श्रीवास्तव, अन्नु रानी शर्मा ने कविताओं से खूब तालियां बटोरी। शायर अशोक नादिर ने कहा- आप सभी के चेहरे मुस्कुराते रहे। संगीत के प्रध्यापक व गायक सोमेश गुप्ता और सुरजीत सिंह धीर ने गीत-संगीत से अपनी बधाई दी। गुरदर्शन मावी आदि ने पजाबी की रचनाएं पेश कर खूब वाहवाही लूटी। पार्षद प्रेम लता, राज विज, हरेंद्र, सिन्हा, सतपाल सिंह, गुरदीप कौर गुल, शीनू वालिया और अनेक कवियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।