चण्डीगढ़, 16.11.24- : आर्य समाज सेक्टर-7 बी के 66 वें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य पर चल रहे कार्यक्रम के तीसरे दिन सुबह यज्ञ एवं वेद परायण के ब्रह्मा के रूप में प्रवचन में पूर्व कुलपति के प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने यज्ञ प्रक्रिया एवं यज्ञविनियोग के वैज्ञानिक स्वरूप का विशद उल्लेख किया। वहीं सृष्टि के नियामक तत्वों के साथ उनके सामंजस्य एवं तादात्म्य पर प्रकाश डाला। वहीं सायंकालीन अपने प्रवचन में वेदों के प्रति महर्षि दयानन्द के ऐतिहासिक एवं अप्रतिम योगदान की चर्चा करते हुए उनके पश्चाद- वर्ती वैदिक विद्वानों के योगदान के सारगर्भित प्रसंग प्रस्तुत किए और उनके अवदानों का श्रद्धा सहित स्मरण किया। शास्त्री जी के व्याख्यान से पूर्व आचार्य मोहित ने अपने आध्यात्मिक भजनों से उपस्थित श्रोताओं को आत्म विभोर किया। आर्य समाज एवं डीएवी संस्थाओं से जुड़े सभी लोगों ने भी कार्यक्रम में तमन्यता के साथ भाग लिया।