बिलासपुर 8 दिसम्बर 2024-नगर नियोजक, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अपने दो वर्षों के कार्यकाल में जिला बिलासपुर में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और औद्योगिक विकास में नई संभावनाएं पैदा करने के लिए कई प्रभावशाली कदम उठाए हैं। ताकि जिला बिलासपुर के युवा आत्मनिर्भर बने और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके

मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से सशक्तिकरण

मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत जिला बिलासपुर में 88 युवाओं और उद्यमियों को विभिन्न बैंकों के माध्यम से 18 करोड़ 32 लाख रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए। इसके तहत प्रदेश सरकार ने 4 करोड़ 18 लाख रुपये की अनुदान राशि प्रदान की है।
इसके अतिरिक्त, 102 लाभार्थी इकाइयों को 1 करोड़ 4 लाख 50 हजार रुपये का 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान और बैंक क्रेडिट गारंटी फीस की प्रतिपूर्ति दी गई। इन योजनाओं के माध्यम से 250 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान किया गया। जबकि अप्रत्यक्ष रूप से इससे ज्यादा लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

उन्होंने बताया कि तहत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत गत दो वर्षों में 58 परियोजनाओं के ऋण स्वीकृत हुए। इसके तहत 6 करोड़ 19 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया, और 2 करोड़ 6 लाख रुपये की अनुदान राशि प्रदान की गई। इस योजना ने 145 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए।

औद्योगिक क्षेत्र में निवेश और रोजगार सृजन
राजेश धर्माणी ने बताया कि जिला बिलासपुर के औद्योगिक क्षेत्र गवालथाई में गत दो वर्षों में 4 उद्योगों की स्थापना के लिए प्लॉट आवंटित किए गए। इन उद्योगों के लिए 12.95 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश प्रस्तावित है और जिला के हजारों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
इसके अतिरिक्त, एक उद्योग ने उत्पादन शुरू किया है, जिसमें 36 लाख रुपये का पूंजी निवेश हुआ और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला हैं।

हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति 2019 के तहत उद्योगों को प्रोत्साहन
प्रदेश सरकार ने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति 2019 के तहत जिला बिलासपुर में भी औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पिछले दो वर्षों के दौरान, 2 उद्योगों के पक्ष में जिला स्तरीय समिति द्वारा 6 करोड़ 83 लाख रुपये का औद्योगिक प्रोत्साहन अनुमोदित किया गया। इसके अतिरिक्त एक उद्योग को 2 लाख 6 हजार रुपये की ब्याज अनुदान राशि प्रदान की गई।
राजेश धर्माणी ने बताया कि इस नीति का उद्देश्य राज्य में उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देना, पूंजी निवेश बढ़ाना और रोजगार के नए अवसर सृजित करना है।