चण्डीगढ/नाभा , 23 दिसम्बर : निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी ने पंजाब की मानव कल्याण यात्रा दौरान पंजाब के अनेकों शहरों की विशाल संगतों को अपना पावन आर्शीवाद प्रदान करने के उपरांत इस यात्रा के अंतिम पड़ाव नाभा में पहुंचने पर मानव मात्र के विशाल समूह को संबोधन करते हुए फ़रमाया कि कोई भी ऐसा भाव मन में ना लाएं जो इंसानियत से दूर हो यदि यह याद रहेगा कि परमात्मा ने यह शरीर,मन तथा धन भी दिया है तो इसका मन में अहंकार भी ना हो। हर कोई समर्पित भाव मन में रखें। यह सब कुछ परमात्मा की देन है हमें इसकी संभाल भी करनी है। मन में कोई अहंकार नहीं होगा तथा कोई भी ऐसा कर्म न हो जिससे मानवता इंसानियत से पीछे हो। हमें यह शरीर मिला है इंसान का इसलिए असल में इंसान भी बनना है। मन में निम्रता रखते हुए हर किसी के साथ प्यार व करुणा का भाव रखना है।
दातार हर किसी को भक्ति प्रदान करें , हर कोई निरंकार के असली रूप से, इस सच्चाई से वाकिफ हो जो हमेशा से ही सच है तथा सच रहेगा। चाहे इस निरंकार का कोई रूप नहीं पर फिर भी यह सभी रूपों में विराजमान है। कण-कण में परमात्मा मौजूद है। भगत इसको 24 घंटे देखते रहते हैं तथा हर इंसान इस परमात्मा को देख सकता है।
पटियाला जोन के जोनल इचार्ज श्री राधे श्याम जी ने समूह साध संगत की तरफ से निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज तथा निरंकारी राज पिता रमित जी का नाभा पहुंचने पर दिल की गहराइयों से स्वागत व धन्यवाद किया। नाभा ब्रांच के संयोजक श्री बलवंत सिंह जी ने इस समागम में पहुंचे गणमान्यों का धन्यवाद किया। इसके साथ सिविल प्रशासन, पुलिस प्रशासन, अनाज मंडी के आढ़ती एसोसिएशन व अन्य सभी विभागों द्वारा दिए गए सहयोग का भी धन्यवाद किया। उन्होंने समूह संयोजकों , मुखीयों, सेवादल के अधिकारियों व समूह सेवादल , जिन्होंने समागम को सफल बनाने में अहम योगदान डाला उनका भी धन्यवाद किया।