बिलासपुर में स्थानीय कलाकारों को मंच देने के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित ऑडिशन संपन्न, चयनित कलाकारों को मिलेगा बड़े मंच पर प्रस्तुति देने का अवसर

बिलासपुर 3 फरवरी 2024-प्रदेश सरकार की कला और संस्कृति संरक्षण नीति के तहत स्थानीय कलाकारों को अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरीय मेलों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। इसी दिशा में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा कलाकारों की ग्रेडिंग प्रक्रिया चलाई जा रही है, जिसके तहत जिला स्तर पर ऑडिशन आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को बिलासपुर जिले में ऑडिशन का आयोजन किया गया, जिसमें जिले भर से करीब 120 कलाकारों ने भाग लिया। यह ऑडिशन भाषा एवं संस्कृति विभाग के बहुउद्देशीय सांस्कृतिक परिसर के ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ, जिसमें गायन, वादन, नृत्य, लोक नाटक, लोक गाथा तथा पारंपरिक वाद्य यंत्रों से जुड़े कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

इस ऑडिशन में कलाकारों के मूल्यांकन के लिए चार सदस्यीय निर्णायक मंडल का गठन किया गया था, जिसमें सहायक जनसंपर्क अधिकारी हेमंत नेगी, प्रसिद्ध संगीतज्ञ मीना वर्मा और कॉलेज के संगीत प्रवक्ता डॉ. मनोहर शर्मा, जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी शामिल रहे। निर्णायक मंडल ने प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों का गहन निरीक्षण किया और उनकी तकनीकी दक्षता, प्रस्तुति कौशल, स्वरों की शुद्धता, ताल-मात्रा तथा लोक कलाओं में उनकी दक्षता को ध्यान में रखते हुए अंक प्रदान किए।

इस संबंध में जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने बताया कि ऑडिशन में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कलाकारों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रति उत्साह बना हुआ है। उन्होंने बताया कि ऑडिशन प्रक्रिया के तहत चयनित कलाकारों की ग्रेडिंग की जाएगी, जिससे उन्हें प्रदेश में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय मेलों एवं उत्सवों में प्रस्तुति देने का अवसर मिलेगा। यह पहल न केवल स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन देगी, बल्कि प्रदेश की समृद्ध लोक सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और संवर्धित करने में भी सहायक सिद्ध होगी।

प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस विशेष अभियान का उद्देश्य प्रदेश के लोक कलाकारों को एक सशक्त मंच प्रदान करना है, ताकि उनकी प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके। भाषा एवं संस्कृति विभाग इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है और इस तरह के आयोजनों के माध्यम से स्थानीय कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस आयोजन ने बिलासपुर जिले के कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा अवसर प्रदान किया, जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ा और भविष्य में वे अपने कौशल को और निखार सकें।

=============================================

दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए 7 फरवरी को चिकित्सा जांच"

बिलासपुर 3 फरवरी- मुख्य चिकित्सा अधिकारी शशि दत्त शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि दिव्यांग व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने और उनकी सुविधा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला चिकित्सा विकलांगता बोर्ड का गठन किया गया है। यह बोर्ड न्यू ओपीडी कॉम्प्लेक्स, कमरा नं.203 क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में 7 फरवरी को प्रातः 10 बजे से दिव्यांग व्यक्तियों की चिकित्सा जांच करेगा। उन्होंने बताया कि जांच प्रक्रिया समाप्त होने के बाद लाभार्थियों को विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि बोर्ड में विशेषज्ञ डॉक्टरों और अधिकारियों को शामिल किया गया है, जिनमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल हैं। बोर्ड में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. शशि दत्त शर्मा अध्यक्ष होंगे। जबकि डॉ. निशांत आचार्य - बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. ऋषि टंडन - ईएनटी विशेषज्ञ, डॉ. प्रशांत शर्मा - सर्जन, डॉ. कुलदीप कुमार - आर्थोपेडिक सर्जन, डॉ. ईशानी गुप्ता - नेत्र सर्जन, डॉ. नरेश चौहान - चिकित्सा, आयुष शर्मा-मनोचिकित्सक, ज्योत्सना शर्मा- क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक बोर्ड के सदस्य होंगे।
उन्होंने चिकित्सा जांच प्रक्रिया में सभी लाभार्थियों को अपने आवश्यक दस्तावेज, पहचान पत्र, और चिकित्सा से संबंधित रिपोर्ट साथ लाने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र जिला चिकित्सा विकलांगता बोर्ड के कम से कम दो नामित सदस्यों द्वारा प्रमाणित और अनुमोदित किए जाएंगे। यह प्रमाण पत्र इस कार्यालय द्वारा पूर्व में जारी प्रारूप के अनुसार प्रदान किया जाएगा।