BILASPUR, 05..02.25-वर्ष 2024-25 के दौरान, मत्स्य विभाग द्वारा गोविन्द सागर जलाशय कोलडेम जलाशय तथा जिला बिलासपुर के नदीय क्षेत्रों में औप मत्स्य आखेट करने वालों पर कन्ही कार्यवाही की गई है। इस वर्ष अभी तक अवैध मत्स्य आखेट के 228 ४० केस पकड़े है जिनमें से 19270 केस अभिसंधान किए जा चुके है। इन मामलो के अभिसंधान से कुल 1,17,250/-रूपये का प्राप्त किया गया। इसके साथ ही 32,870/- रूपये की अवैध मछली की नीलामी भी की गई है। मत्स्य विभाग ने जलाशयों में छोटे आकार के जाल लगाने वालो पर भी कड़ी कार्यवाही करते हुये मत्स्य अधिकारी, संरक्षण श्री अजय कुमार व उनकी टीम ने दिनांक 23 व 24 जनवरी, 2025 को 0850 छोटे आकार के जिल जाल जिनका बजन लगभग 17 कि०ग्रा० है जब्त किये और 0780 अवैध मत्स्य आखेट के केस दर्ज किए हैं। मत्स्य अधिकारी, संरक्षण श्री अजय कुमार व उनकी टीम द्वारा निरंतर मोटरबोट से जलाशयों का निरीक्षण किया जा रहा है। सहायक निदेशक मत्स्य, बिलासपुर श्री पंकज ठाकुर ने बताया कि गोबिन्द सागर जलाशय में छोटे आकार के मिल जाले लगाने से जहां भविष्य में महली उत्पादन में कमी आ सकती है वहीं जिला बिलासपुर में कार्यरत 37 न० मत्स्य सहकारी सभाओं तथा 04न० मत्स्य सहकारी सभाएँ जो जिला ऊना में कार्यरत हैं उन्हें इस कारण आर्थिक नुक्सान हो सकता है।
इसके अतिरिक्त मत्स्य पालन विभाग, हिमाचल प्रदेश द्वारा जो लगातार प्रतिवर्ष जलाशय में बीज डाला जा रहा है उसे भी छोटे आकार के मिल जाल लगाने से समय से पहले ही पकड़ा जा रहा है जिससे विभाग का जलाशय में मत्स्य बीज डालने का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य, हिमाचल प्रदेश श्री विवके चंदेल के द्वारा भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि समय समय पर औचक निरीक्षण करके नियमों के विपरीत कार्य करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी जिसे इसी प्रकार भविष्य में भी निरंतर रखा जाएगा। जिससे जलाशय के मत्स्य उत्पादन में भी बढ़ौतरी मिलेगी वहीं मछुआरों की आय भी बढ़ेगी।