ऊना, 5 फरवरी. उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बुधवार को ऊना के कोटला कलां स्थित श्री राधाकृष्ण मंदिर समिति द्वारा आयोजित वार्षिक महासम्मेलन महाउत्सव में भाग लिया। उन्होंने वहां मंदिर में माथा टेका और राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर उन्होंने श्रद्धाभाव से भगवान श्री राधा कृष्ण की पालकी उठाई और भव्य शोभायात्रा में सम्मिलित हुए।

*भक्ति और श्रद्धा से ओतप्रोत शोभायात्रा

राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज की अगुवाई में श्री राधाकृष्ण मंदिर कोटला कलां द्वारा आयोजित इस शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्ति-भाव से ओतप्रोत होकर शामिल हुए। इस दौरान भजन सम्राट संत चित्र-विचित्र महाराज के भक्तिमय भजनों ने समूचे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर दिया।

*हर वर्ष आयोजित होता है दिव्य धार्मिक समागम

गौरतलब है कि श्री राधाकृष्ण मंदिर, कोटला कलां में हर वर्ष 1 से 12 फरवरी तक दिव्य धार्मिक समागम का आयोजन किया जाता है। इस दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ श्री राधाकृष्ण जी के श्रीविग्रह स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ऊना शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है।

*श्री वृंदावन के लिए एचआरटीसी बस सेवा की घोषणा

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बाबा बाल जी महाराज आश्रम से श्री वृंदावन के लिए एचआरटीसी बस सेवा शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ऊना धार्मिक नगरी है और यहां के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों व मंदिरों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण पर सरकार का पूरा ध्यान है।

उन्होंने कहा कि हम धर्म में आस्था रखने वाले लोग हैं। हाल ही में उन्होंने वृंदावन-मथुरा जाने का अवसर मिला, जहां उन्होंने मंदिरों की व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया। इसी तरह, तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ के ऐतिहासिक अवसर पर पवित्र स्नान का सौभाग्य प्राप्त हुआ और काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। वहां मंदिरों में जो व्यवस्थाएं अनुकरणीय हैं, उनका अवलोकन भी किया।

*12 फरवरी को माता के जागरण के लिए आमंत्रण

इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने बाबा बाल जी महाराज और उपस्थित भक्तजनों को 12 फरवरी को बाथू में राजीव गांधी सामुदायिक भवन के सभागार में आयोजित माता के जागरण में शामिल होने का निमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि उनकी धर्मपत्नी प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री ने पिछले वर्ष इसी दिन जागरण रखा था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था और वह 9 फरवरी को स्वर्ग सिधार गईं। उनकी इच्छा की पूर्ति के लिए इस वर्ष उसी तारीख और समय पर यह आयोजन किया जा रहा है।