चण्डीगढ़, 29.05.23- : कन्फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर्स एंड न्यूज एजेंसी इम्पलाइज ऑर्गनाइजेशन ने वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट की बहाली, पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने, मीडिया संस्थानों में पत्रकारों और ग़ैर पत्रकारों, कर्मचारियों की अवैध छंटनी के विरोध में जुलाई में संसद सत्र के दौरान प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। यह फैसला दिल्ली में आयोजित कन्फेडरेशन की वार्षिक आमसभा में लिया गया।
आमसभा में देश के प्रमुख सशक्त मीडिया संगठनों नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स(इंडिया), इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन, इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स,ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पीटीआई इम्पलाइज यूनियन, यूएनआई वर्कर्स यूनियन, ऑल इंडिया न्यूजपेपर्स इम्पलाइज फेडरेशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर्स इम्पलाइज और द ट्रिब्यून इम्पलाइज यूनियन चण्डीगढ़ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर मीडियाकर्मियों की मांगों को लेकर देशव्यापी आंदोलन छेड़ने की घोषणा की है।
कन्फेडरेशन के महासचिव एम एस यादव ने बताया कि आयोजित आमसभा में एनयूजे के अध्यक्ष रास बिहारी के अध्यक्ष और द ट्रिब्यून इम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष को कन्फेडरेशन का उपाध्यक्ष चुना गया गया। कन्फेडरेशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रास बिहारी की अध्यक्षता में हुई आमसभा की बैठक में पत्रकारों और गैर पत्रकार कर्मचारियों की सभी समस्याओं को लेकर विचार विमर्श किया गया। बैठक में एनयूजेआई के महासचिव प्रदीप तिवारी, आईएफडबल्यूजे के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन,महासचिव परमानंद पांडे, आईजेयू के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी, महासचिव बलविंदर जम्मू, पीटीआई फेडरेशन के भुवन चौबे, यूएनआई यूनियन के एम एल, जोशी, ट्रिब्यून इम्पालाइज यूनियन के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता, एआईएनईएफ, एनएफएनई के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
यादव ने बताया कि कन्फेडरेशन से संबद्ध सभी राष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने सर्वसम्मति से मीडियाकर्मियों की मांगों को लेकर देशव्यापी आंदोलन करने का फैसला किया है। संसद पर प्रदर्शन करके राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि देशव्यापी अभियान के तहत राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्रियों और सांसदों को ज्ञापन देकर मीडियाकर्मियों की मांगों को लेकर ध्यान आकर्षित किया जाएगा। सभी संगठनों के पदाधिकारी और प्रतिनिधि राज्यों में अपने-अपने क्षेत्र के सांसदों और जनप्रतिनिधियों को मांगों के बारे में ज्ञापन देंगे। यादव ने बताया कि दिल्ली में संसद भवन के सामने धरना और प्रदर्शन की तारीख कन्फेडरेशन की कार्यकारिणी की बैठक में किया जाएगा। प्रदर्शन से पहले पूरे देश में मीडियाकर्मियों की मांगों को लेकर राज्यों में सम्मेलन और विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।