निर्माण कार्यों में भूकंप प्रतिरोधी मानकों को प्राथमिकता देना जरूरी: डीसी
आपदा प्रबंधन को लेकर अधिकारियों के लिए कार्यशाला का किया शुभारंभ
धर्मशाला, 24 अप्रैल। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला भूकंप संभावित क्षेत्र में स्थित है।यहां के निर्माण कार्यों में भूकंप प्रतिरोधी मानकों को प्राथमिकता दी जाना अत्यंत जरूरी है।
शुक्रवार को चेल्लियां में आपदा प्रबंधन के तहत लोक निर्माण विभाग तथा आईपीएच विभाग के अधिकारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि आपदा की दृष्टि से सुरक्षित निर्माण कार्य करना एक आवश्यक प्रक्रिया है जो लोगों की जान बचा सकती है और आर्थिक नुकसान को कम कर सकती है।
उन्होंने कहा कि भूकंपीय क्षेत्र में निर्माण करते समय, इमारतों को भूकंप प्रतिरोधी मानकों के अनुसार डीपीआर तैयार करने पर विशेष बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण प्रक्रिया में आपदाओं को ध्यान में रखने और सुरक्षित निर्माण विधियों का उपयोग करने के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि आपदा से सुरक्षित निर्माण कार्यों पर बल देने का मतलब है कि निर्माण कार्य करते समय प्राकृतिक आपदाओं (जैसे भूकंप, बाढ़, तूफान) से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाए। इसमें निर्माण सामग्री का चयन, डिजाइन और निर्माण प्रक्रिया में आपदाओं को ध्यान में रखकर बदलाव करना शामिल है। भूकंप और तूफान से बचाव के लिए मजबूत और लचीली सामग्री का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में विभिन्न चरणों में मिस्त्रियों को भी सुरक्षित भवन निर्माण को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है इसके साथ ही आपदा प्रबंधन को लेकर स्कूलों में नियमित तौर पर पूर्व अभ्यास करवाया जा रहा है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि मौसम, भूस्खलन इत्यादि की पूर्व जानकारी के लिए भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि लोगों को पहले ही सर्तक किया जा सके ताकि आपदा से कम से कम नुक्सान हो सके।
इससे पहले आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वयक राॅबिन ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कार्यशाला के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर आईआईटी मंडी के विशेषज्ञों ने अधिकारियों को डीपीआर तैयार करने के लिए विस्तार से प्रशिक्षण दिया।

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धर्मशाला में आईपीएल मैच के दौरान भीड़ पर नजर रखेगा ड्रोन
भीड़ प्रबंधन को लेकर एचपीसीए के कर्मियों को देंगे ट्रेनिंग: बेक्टा
धर्मशाला, 24 अप्रैल। धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में मैच के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में बेहतर तरीके से निपटने के लिए पूर्व तैयारी के तौर पर स्टेडियम के समीप भीड़ प्रबंधन को लेकर एचपीसीए के कर्मचारियों तथा डयूटी पर तैनात लोगों को 26 अप्रैल को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा इसके बाद स्टेडियम में ही मॉक एक्सरसाईज की जाएगी। यह जानकारी एडीएम शिल्पी बेक्टा ने वीरवार को धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में एचपीसीए के आपदा प्रबंधन प्लान पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने संबंधित विभागों को मैच के आयोजन से जुड़ी सभी आवश्यक तैयारियां समय रहते पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस विभाग को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच के दौरान कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। एडीएम ने कहा कि मैच के आयोजन के दौरान वाहनों की पार्किंग के लिए निर्धारित स्थलों की नम्बरिंग करके दिशा सूचक बोर्ड लगाए जाएंगे। उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए निकासी गेटों से पार्किंग स्थलों तक दिशा सूचक बोर्ड लगाने के निर्देश दिए।
उन्होंने अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को स्टेडियम में अग्नि संबंधी आपातकालीन प्रबंधों का निरीक्षण करने तथा आवश्यक अग्निशमन सेवाएं सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। एडीएम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मैचों के आयोजन के दौरान अस्पताल में विशेष वार्ड और डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, मैच के दौरान सभी प्रकार की आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं से सुसज्जित आपातकालीन वाहन की क्रिकेट मैदान में तैनाती सुनिश्चित बनाने को कहा।
बैठक में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ धर्मशाला के जीएम (प्रशासन) सेवानिवृत कर्नल एचएस मिन्हास सहित पुलिस, होमगार्ड तथा शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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दिव्यांग समानता, संरक्षण एवं सशक्तिकरण को लेकर कार्यक्रम आयोजित
धर्मशाला 24 अप्रैलः कांगड़ा जिला रैडक्रास सोसायटी, धर्मशाला के सचिव ओ॰ पी॰ शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि ब्रह्मकुमारीराज दिव्यांग सेवा विंग द्वारा दिव्यांग समानता, संरक्षण एवं सशक्तिकरण अभियान के अन्तर्गत जिला पुनर्वास केन्द्र, प्रयास भवन में दिव्यांगजनों के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में दिव्यांग सेवा अभियान माउंट अबू दल के मुख्य संचालक ब्र॰ कु॰ सूर्य प्रकाश ने दिव्यांग समानता, संरक्षण एवं सशक्तिकरण विषय को सामाजिक विषय बनाने पर बल देते हुए कहा कि ब्रह्मकुमारीराज एवं सरकार के इस अभियान में हमें भी मददगार बनना होगा। दिव्यांगजनों का आत्मिक मानसिक उन्नति में सहयोग करना इस अभियान का उदेश्य है। जिला पुनर्वास केन्द्र्र, प्रयास भवन धर्मशाला के कर्मचारियों ने इस अभियान में बढ़चढ़ कर भाग लिया। दिव्यांगजनों के लिए विभिन्न प्रकार के खेल व चित्रकला गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसमें विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए। ब्रह्मकुमारी कमलेश दीदी, ब्रह्मकुमारीराज सेवा केन्द्र धर्मशाला, पूनम भारद्वाज, सोहन लाल व अन्य सदस्य भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

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विकसित भारत के निर्माण में प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता जरूरी : चंदेल
“विकसित भारत 2047” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ समापन
धर्मशाला, 24 अप्रैल। कुलपति, डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, प्रो. राजेश्वर चंदेल ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में प्रत्येक व्यक्ति सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक विकसित राष्ट्र की शुरुआत विकसित व्यक्तियों से होती है आत्म-स्वास्थ्य और आत्म-प्रबंधन एक समृद्ध परिवार, समाज और राष्ट्र की नींव हैं। वीरवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला में “विकसित भारत 2047” विषय पर प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन सत्र में बतौर मुख्यातिथि कुलपति प्रो राजेश्वर चंदेल ने आत्म-जागरूकता और व्यक्तिगत विकास के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हर परिस्थिति में एक आशा की किरण होती है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है तथा यहां पर प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। आज भी दुनिया भर में भारत के युवा हर क्षेत्र में अपनी धाक जमा रहे हैं यह भविष्य के विकसित भारत के लिए शुभ संकेत हैं। उन्होंने कहा कि भारत निश्चित तौर पर प्राचीन पद्वतियों के साथ नवाचार के समन्वय के साथ दुनिया की सबसे बड़ी सांस्कृतिक तथा सामाजिक आर्थिक शक्ति के रूप में खड़ा होने में है तथा इसी ध्येय को लेकर हमें आम जनमानस की सहभागिता के साथ आगे बढ़ना होगा। इस अवसर पर प्रो. कुलवंत राणा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। वहीं, प्रो. कुलदीप अत्री, निदेशक एवं सम्मेलन के सह-संरक्षक ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। दो दिनों में, देशभर के शोधार्थियों और शिक्षाविदों ने छह ऑनलाइन तकनीकी सत्रों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिनमें “विकसित भारत 2047” की परिकल्पना से जुड़ी विविध विषयवस्तुओं को शामिल किया गया। इन सत्रों में आर्थिक विकास, नवाचार, सतत विकास और समावेशी प्रगति जैसे विषयों पर गहन विमर्श हुआ। सम्मेलन के संयोजक डॉ. राम रत्तन ने दो दिवसीय आयोजन की मुख्य बातों और चर्चाओं का सार प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम के सफल समापन की घोषणा की। यह सम्मेलन संवाद और भारत के 2047 तक के विकासात्मक रोडमैप पर सामूहिक मंथन हेतु एक प्रभावशाली मंच सिद्ध हुआ।
अर्थशास्त्र, वाणिज्य और प्रबंधन विभागों द्वारा आयोजित इस सम्मेलन को देश भर से 250 से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी के साथ अत्यंत उत्साहजनक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई।