*प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री एक्सीलेंस अवार्ड का हरोली में भव्य शुभारंभ*
*उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने 152 मेधावी विद्यार्थियों को किया सम्मानित, शिक्षा के क्षेत्र में नई परंपरा की हुई शुरुआत*
ऊना, 15 जून. हरोली विधानसभा क्षेत्र आज एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने लिए प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री एक्सीलेंस अवार्ड का भव्य शुभारम्भ हुआ। इसके तहत अवॉर्ड समारोह 2025 का प्रथम संस्करण पालकवाह ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। इस विशेष अवसर पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और 10वीं और 12वीं की हिमाचल बोर्ड परीक्षाओं में मेरिट लिस्ट में टॉप 10 में रहे हरोली विधानसभा क्षेत्र से संबंधित 5 स्टेट टॉपर के साथ साथ दोनों परीक्षाओं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले कुल 152 मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया।
बता दें, यह अवार्ड दिवंगत प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की स्मृति में आरंभ किया गया है , जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग शिक्षा को समर्पित किया और हज़ारों विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
इसके प्रथम संस्करण में अकादमिक सत्र 2024-25 में 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 98.60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर स्टेट में टॉप 10 में रहे रा.व.मा.पा. पूबोवाल के गगनदीप सिंह, 98.40 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली सन राइज पब्लिक स्कूल सलोह की नवनीत कौर और 98 प्रतिशत अंक प्राप्त कर टॉप 10 में जगह बनाने वाली हरोली पंजावर की मूल निवासी रा.व.मा.पा. राजपूतां की छात्रा साक्षी को सम्मानित करने के साथ साथ, 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 98.43 प्रतिशत अंक हासिल कर स्टेट मेरिट में आठवें स्थान पर रही रा.व.मा.पा. पूबोवाल की टीना देवी और 98.14 प्रतिशत अंक प्राप्त कर मेरिट में 10वें स्थान पर काबिज एस.डी. पब्लिक स्कूल पालकवाह भूमिका राणा को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
*90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को मिला सम्मान*
इसके अलावा इस समारोह में हरोली विधानसभा क्षेत्र के उन सभी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की अकादमिक सत्र 2024-25 की 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इनमें 10वीं कक्षा के 111 और 12वीं के 41 छात्रों को पुरस्कृत किया गया।
*उपमुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं, बोले शिक्षाके साथ सर्वांगीण विकास सर्वोच्च प्राथमिकता*
समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी और कहा कि यह दिन हरोली के बच्चों के नाम है, जिन्होंने कड़ी मेहनत, समर्पण और अनुशासन से क्षेत्र को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य की स्पष्टता, मेहनत और जुनून ही सफलता की असली कुंजी है।
उन्होंने जानकारी दी कि प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री की बीमा पॉलिसियों और अन्य स्रोतों से प्राप्त राशि से स्थापित "प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री फाउंडेशन" के पास पाँच करोड़ रुपये की निधि है, जिसे हरोली क्षेत्र के विद्यार्थियों की शिक्षा, छात्रवृत्ति और करियर निर्माण के लिए खर्च किया जाएगा।
*शिक्षा के उजाला से चमक रहा हरोली*
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने हरोली से विधायक के रूप में कार्यभार संभाला था, तब क्षेत्र में एक भी कॉलेज नहीं था। आज हरोली, बीटन और खड्ड में तीन डिग्री कॉलेज, क्षेत्र में 33 सरकारी स्कूल, एक केंद्रीय विद्यालय, ट्रिपल आईटी और बढ़ेड़ा में लॉ कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र का सोमभद्रा रामपुर हरोली पुल प्रदेश का सबसे लंबा पुल है और इंजीनियरिंग मार्वल के तौर पर क्षेत्र की पहचान बना है। वहीं करीब 52 करोड़ से बन रहा पंडोगा–त्यूड़ी पुल का काम तेजी से चला हैनर इसे रिकॉर्ड समय में पूरा के लिया जाएगा। इसके अलावा हरोली में 2 हजार करोड़ का बल्क ड्रग पार्क का काम योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया गया है। यह परियोजना क्षेत्र में विकास का नया अध्याय लिखेगी। उन्होंने स्वां नदी के चैनलाइजेशन से किसानों को हुए लाभ और अन्य विकास कार्यों का भी उल्लेख किया।
*प्रेरणा बनी प्रोफेसर सिम्मी की स्मृति*
फाउंडेशन की ओर से डॉ. आस्था अग्निहोत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री का जीवन शिक्षा, सेवा और संघर्ष की त्रिवेणी था। यह पुरस्कार समारोह उनके सपनों को मूर्त रूप देने की दिशा में एक छोटा लेकिन सशक्त कदम है। उन्होंने बताया कि यह सम्मान समारोह अब प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री का शिक्षण दृष्टिकोण केवल अंकों तक सीमित नहीं था, बल्कि उसमें जीवन मूल्यों की गहराई थी। फाउंडेशन का प्रयास रहेगा कि हर छात्र को शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक चेतना और मानवीय दृष्टिकोण भी प्राप्त हो।
*डीसी ने किया मार्गदर्शन*
समारोह में उपायुक्त जतिन लाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने बच्चों से अपने जीवन के अनुभव साझा करने के साथ साथ, यूपीएससी के लिए तैयारी की अप्रोच, रणनीति और प्लानिंग को लेकर टिप्स दिए । उन्होंने चुनौतियों को ही जीवन की असली पाठशाला बताते हुए बच्चों को लक्ष्य तय कर पूरी से मेहनत करने की सीख दी।
समारोह के अंत में फाउंडेशन के प्रतिनिधि चेतन दत्ता ने सभी का आभार जताया।
*सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ बनीं आकर्षण का केंद्र*
समारोह के दौरान स्थानीय विद्यालयों के छात्रों ने रंगारंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इन प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह का भरपूर मनोरंजन किया।

इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष नेता रणजीत राणा, कांग्रेस नेता अशोक ठाकुर, सतीश बिट्टू, विनोद कुमार बिट्टू, प्रमोद कुमार, पंचायत प्रधान सुभद्रा चौधरी, सुरेखा राणा, ऊना जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष प्रशांत राय, हरोली ब्लॉक युवा कांग्रेस अध्यक्ष शुभम, पुलिस अधीक्षक अमित यादव, एसडीएम विशाल शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
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*प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री एक्सीलेंस अवार्ड की शुरुआत*
*आइए जानें कौन हैं डॉ. सिम्मी अग्निहोत्री, जिनके नाम पर हुई अवॉर्ड की पहल*
ऊना, 15 जून. शिक्षा क्षेत्र में एक नई पहल करते हुए प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री फाउंडेशन ने प्रोफेसर सिम्मी के नाम पर एक्सीलेंस अवार्ड की शुरुआत की है। इसके पहले संस्करण में शिरकत करते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को हरोली में मेधावी बच्चों को सम्मानित किया।
बता दें, वैश्विक शैक्षणिक क्षितिज पर गहरी छाप छोड़ने वाली
प्रोफेसर डॉ. सिम्मी अग्निहोत्री न सिर्फ एक विदुषी शिक्षाविद् थीं, बल्कि एक जीवंत विचार, एक प्रेरक व्यक्तित्व और एक संवेदनशील समाजशास्त्री भी थीं, जिनकी विद्वता, दूरदृष्टि और संवेदना ने हिमाचल से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक प्रभाव छोड़ा।
मंडी में वर्ष 1968 में जन्मीं सिम्मी जी बाल्यकाल से ही जिज्ञासु, अध्ययनशील और सहज स्वभाव की थीं। बचपन की चुलबुलाहट के साथ उनमें एक असाधारण बौद्धिक गहराई भी थी। उन्होंने कम आयु में ही पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और 1998 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में बतौर सहायक प्रोफेसर शिक्षण कार्य आरंभ किया।
उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था, कक्षा, मंच, साहित्य, कला और समाज सेवा, हर क्षेत्र में उनकी सक्रिय उपस्थिति रही। खेल, नाटक, संगीत और कविता में उनकी गहरी अभिरुचि थी। छात्रों से उनका आत्मीय जुड़ाव और मार्गदर्शन उन्हें बेहद प्रिय बनाता था।
एचपीयू में लोक प्रशासन विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर के रूप में उन्होंने न केवल शिक्षण में उत्कृष्ट योगदान दिया, बल्कि 25 से अधिक विद्यार्थियों को पीएचडी और एम.फिल. जैसे शोध डिग्रियों के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान किया। उनकी शोध दृष्टि व्यापक और सामाजिक सरोकारों से युक्त रही। जनजातीय सशक्तिकरण, लैंगिक समानता, मानव संसाधन विकास, स्थानीय शासन और ग्रामीण रोजगार जैसे विषयों पर उन्होंने गहन और मौलिक कार्य किया।
उनके नाम पर 14 अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र, 13 अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियाँ, 7 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी, 2 शोधपरक पुस्तकें और 2 शैक्षणिक ग्रंथ हैं। उनके शोध जापान, टर्की, पेरिस, स्पेन और पुर्तगाल जैसे वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत हुए और विशेष रूप से पांगी तथा पंगवाला जनजातियों पर उनके शोध कार्य को नीति-निर्माण के क्षेत्र में भी सराहना मिली।
वर्ष 2023 में उन्हें इंडोनेशिया की ट्रांसफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी फाउंडेशन द्वारा इंटरनेशनल बेस्ट टीचर अवार्ड और वियतनाम स्थित इंटरनेशनल अचीवर्स अवार्ड्स संस्था द्वारा मोस्ट रिमार्केबल एजुकेटर एंड इंस्पायरिंग ग्लोबल रिसर्चर अवार्ड से सम्मानित किया गया। निधन के उपरांत भी इंडोनेशिया की संस्था ने उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप मरणोपरांत सर्टिफिकेट ऑफ रिकग्निशन प्रदान किया।
9 फरवरी 2024 को उनका देहावसान हुआ, पर वे 56 साल की जीवन यात्रा में प्रोफेसर सिम्मी सृजन, सेवा और संस्कारों की ऐसी उजली परिपाटी स्थापित कर गई हैं, जो पीढ़ियों का मार्गदर्शन करती रहेंगी।