CHANDIGARH, 25.11.25-चंडीगढ़ की प्रशासनिक स्थिति को लेकर चल रही चर्चाओं और संभावित प्रस्तावों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए लघु उद्योग भारती चंडीगढ़ (यू.टी.) के अध्यक्ष श्री अवी भसीन ने स्पष्ट और सशक्त बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ भारत का एक अद्वितीय और सुव्यवस्थित शहर है, जिसकी पहचान, प्रशासनिक व्यवस्था और स्वरूप पूरी तरह विशिष्ट और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। चंडीगढ़ न केवल एक आधुनिक योजनाबद्ध शहर है, बल्कि पंजाब और हरियाणा दोनों की साझा राजधानी है, और इसी आधार पर इसका संघ शासित क्षेत्र (Union Territory/UT) का दर्जा तय किया गया है। इसलिए चंडीगढ़ को किसी एक राज्य के अधीन करने का विचार ऐतिहासिक व्यवस्था, संवैधानिक भावनाओं और क्षेत्रीय संतुलन — तीनों के विरुद्ध है।

उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ की निष्पक्ष और स्थिर प्रशासनिक व्यवस्था, उद्योगों के विकास के अनुकूल माहौल, और संतुलित शहरी ढांचा इसे पूरे देश में एक मॉडल शहर बनाता है। यदि चंडीगढ़ को किसी राज्य के अधिकार क्षेत्र में दिया गया तो इसका तटस्थ और सुव्यवस्थित ढांचा प्रभावित होगा, और यह शहर अपनी स्वतंत्र पहचान खो देगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है, बल्कि आवश्यकता है प्रशासनिक क्षमता को और मजबूत करने की। इसके लिए केंद्र सरकार या तो चंडीगढ़ में संयुक्त सचिव स्तर का कार्यालय स्थापित कर सकती है अथवा प्रशासक को अधिक अधिकार प्रदान कर सकती है, ताकि स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप, त्वरित और प्रभावी निर्णय लिए जा सकें।

श्री भसीन ने यह भी कहा कि चंडीगढ़ के भविष्य से जुड़े किसी भी निर्णय में यहाँ के नागरिकों, उद्योग जगत, बाज़ार प्रतिनिधियों और सामाजिक-प्रशासनिक संस्थाओं की सहभागिता अनिवार्य होनी चाहिए, क्योंकि यह शहर सिर्फ नक्शे की सीमा नहीं — लोगों की भावना, पहचान और साझा धरोहर है।

लघु उद्योग भारती चंडीगढ़ (यू.टी.) अपने रुख पर पूरी दृढ़ता के साथ कहती है — चंडीगढ़ UT था, UT है, और भविष्य में भी UT ही रहेगा; यह न किसी राज्य की संपत्ति है, न राजनीतिक प्रयोगशाला — यह भारत का मॉडल शहर और राष्ट्रीय धरोहर है।