धर्मशाला, 06 दिसंबर। उप मुख्यसचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि तपोवन में आयोजित शीतकालीन सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है इस बार तपोवन विस परिसर के इतिहास में आठ दिन का सबसे लंबा सत्र आयोजित करने का रिकार्ड भी बन गया है इसके साथ वर्ष 2016 के बाद वर्ष कलेंडर में 35 बैठकें भी पूर्ण की गई हैं।

उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रदेश के सरकार तथा गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों के लगभग 1700 बच्चों ने सदन की कार्यवाही को देखा है जो आज के युवा की लोकतान्त्रिक प्रणाली के प्रति श्रद्धा व उत्सुकता को दर्शाता है। उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि विस सत्र के दौरान कांगड़ा जिला में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु ने करोड़ों के विकास कार्यों के उद्घाटन तथा शिलान्यास भी किए हैं इसके साथ ही आम जनमानस की समस्याओं का भी मौके पर निपटारा किया गया है।

उन्होंने कहा कि धर्मशाला से ही चिट्टे के खिलाफ सरकार ने जन मुहिम का श्रीगणेश भी किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल विधानसभा एक विधायी संस्था के रूप में पूरे देश सबसे बेहतरीन कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि रचनात्मक चर्चा, संवाद जितना अधिक होगा, संस्थाएं भी उतनी ही सशक्त होंगी तथा आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होंगी।

उन्होंने कहा कि सकारात्मक चर्चा तथा सुविचारित तर्क प्रस्तुत करने से व्यक्ति और संस्था दोनों की प्रतिष्ठा बढ़ती है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की गौरवशाली लोकतांत्रिक विरासत के बारे में बात करते हुए कहा कि 1925 में पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन शिमला में आयोजित किया गया था जो लोकतांत्रिक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक क्षण था। उन्होंने यह भी कहा कि विट्ठलभाई पटेल भी हिमाचल प्रदेश से केंद्रीय विधान परिषद के सभापति चुने गए थे। उन्होंने कहा कि तपोवन विस परिसर में इस वर्ष जुलाई में लोकसभा के अध्यक्ष की अध्यक्षता में नेशनल लेवल की वर्कशाप भी आयोजित करवाई जा चुकी है।उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि हिमाचल विधान सभा देश की पहली पेपरलेस विधानसभा है ।